कोडरमा: कोरोना की वर्तमान लहर में कोडरमा हॉट स्पॉट बन गया था. इसकी वजह की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कोडरमा के ट्रांजिट पॉइंट होने से यहां स्थिति बिगड़ी. जिला प्रशासन की ओर से कोरोना हॉट स्पॉट बनने के कारणों की पड़ताल में प्रशासन से इसके संकेत मिले हैं. इसके लिए कोडरमा जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमितों का डेटा सर्वे कराया था. जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जिले की भौगोलिक स्थिति और यहां आवागमन के बेहतर साधन की वजह से यह प्रदेश का प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट है, जिसके कारण यहां संक्रमण के मामले बढ़े.
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बता दें कि एक समय था जब जिले में प्रतिदिन 100 से ज्यादा पॉजिटिव के सामने आ रहे थे. लगातार संक्रमितों की बढ़ती संख्या से जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे. राहत की बात है कि कुछ दिनों से हालात में सुधार हुआ है. लेकिन दोबारा ऐसी स्थिति न आए इसके लिए जिला प्रशासन ने इसके कारणों की पड़ताल कराई थी. इसमें खुलासा हुआ है कि कोडरमा जिला प्रदेश का ट्रांजिट पॉइंट है, जिसके कारण संक्रमण के मामलों के लिए यह राज्य का हॉट स्पॉट बन गया था और यहां लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी.
बता दें कि कोडरमा जिला बिहार झारखंड का सीमावर्ती इलाका है और यहां से दोनों राज्यों की राजधानियों की दूरी समान ही है. कोडरमा उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि रोड कनेक्टिविटी और रेल कनेक्टिविटी के मामले में कोडरमा आसपास के कई जिलों को जोड़ता है, जिसके कारण यहां लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है. इसके अलावा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भी दूसरे जिलों से लोग यहां आते हैं जिसके कारण संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी. उन्होंने कहा कि जितने भी लोग जिस भी काम से कोडरमा पहुंचते हैं सभी का शत प्रतिशत जांच किया जा रहा था. ऐसे में जांच का आंकड़ा बढ़ने के कारण संक्रमितों की संख्या भी बढ़ रही थी और कोडरमा हॉटस्पॉट बन गया था.