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खूंटी में 27 करोड़ की योजनाओं पर काम बंद, राज्य सरकार नहीं दे रही राशि - Union Tribal Ministry

खूंटी में केंद्र प्रायोजित 27 करोड़ की सात योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है(Work not being done on schemes worth 27 crores in Khunti). कारण राशि का नहीं होना बताया जा रहा है. डीसी का कहना है कि जब राज्य सरकार पैसे जिले को आवंटित कर देगी तब इन योजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से इन यौजनाओं के लिए पैसे काफी समय पहले ही दे दिए गए हैं.

Work not being done on schemes worth 27 crores in Khunti
उपायुक्त कार्यालय, खूंटी
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Published : Jan 3, 2023, 5:24 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 5:52 PM IST

अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री

खूंटीः जिले की सात योजनाएं राशि नहीं मिलने की वजह से अधूरी(Work not being done on schemes worth 27 crores in Khunti) हैं. सारी योजनाएं केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय के द्वारा स्वीकृत हैं. जिसके लिए 27 करोड़ की राशि मार्च 2022 में ही राज्य सरकार को मुहैया करा दी गई है, लेकिन जिले को अब तक यह राशि आवंटित नहीं की गई है, जिस वजह से इन योजनाओं पर काम बंद है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द इन योजनाओं पर काम शुरू करने की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंतीः खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन

इन सात योजनाओं पर होना है कामः बता दें कि जिले की जिन योजनाओं को स्वीकृति मिली है, उनमें टकरा गांव में 1.31 करोड़ का मिनी स्टेडियम, टकरा गांव में ही 2.49 करोड़ की लागत से सिंचाई वीयर योजना, अड़की के बीरबांकी में 1.20 करोड़ का कृषि फार्म, मारंगहादा में 58.20 लाख का कृषि फार्म, खूंटी में 7.25 करोड़ से जदूर अखरा सह कला संस्कृति भवन, अड़की के बीरबांकी में 4 करोड़ की लागत से वन अनुसंधान केंद्र तथा बिरसा कालेज परिसर में 8.71 करोड़ की लागत से बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय सह बहुदेशीय भवन का निर्माण शामिल है.

अधर में हैं योजनाएंः एक साल से ये सारी योजनाएं अधर में हैं. वजह राज्य के कल्याण मंत्रालय द्वारा जिले को पैसे नहीं भेजना है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने मार्च 2022 में ही राज्य सरकार को इन योजनाओं के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए थे.

केंद्रीय मंत्री ने किया अनुरोधः केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि राशि का उपयोग करें और जिले का विकास करें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो राशि राज्य सरकार को भेजी है वो जल्द ही इसका उपयोग करें ताकि क्षेत्र का विकास हो सके. जनजातीय मंत्रालय आदिवासियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए राज्य सरकारों को आवंटन देती है. उन्होंने कहा कि सरकार इसपर कार्य करे और अगर कोई दिक्कत है तो हमें बताए, उसे भी दूर किया जाएगा और राशि भी आवंटित की जाएगी.


राशि रोके जाने का कारण स्पष्ट नहींः बता दें कि भारत सरकार ने इन योजनाओं के लिए मार्च 2022 में ही राशि राज्य के कल्याण मंत्रालय को भेज दिया है. लेकिन अब तक उक्त राशि को जिला को स्थानांतरित नहीं किया गया है. किन कारणों से राशि रोकी गयी है, यह स्पष्ट नहीं है. राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जिले की सात योजनाएं अब तक शुरू नहीं हो पाई है. इधर उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि राशि मार्च से पहले मिलने की उम्मीद है, राशि मिलते ही योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे.

अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री

खूंटीः जिले की सात योजनाएं राशि नहीं मिलने की वजह से अधूरी(Work not being done on schemes worth 27 crores in Khunti) हैं. सारी योजनाएं केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय के द्वारा स्वीकृत हैं. जिसके लिए 27 करोड़ की राशि मार्च 2022 में ही राज्य सरकार को मुहैया करा दी गई है, लेकिन जिले को अब तक यह राशि आवंटित नहीं की गई है, जिस वजह से इन योजनाओं पर काम बंद है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द इन योजनाओं पर काम शुरू करने की बात कही है.

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इन सात योजनाओं पर होना है कामः बता दें कि जिले की जिन योजनाओं को स्वीकृति मिली है, उनमें टकरा गांव में 1.31 करोड़ का मिनी स्टेडियम, टकरा गांव में ही 2.49 करोड़ की लागत से सिंचाई वीयर योजना, अड़की के बीरबांकी में 1.20 करोड़ का कृषि फार्म, मारंगहादा में 58.20 लाख का कृषि फार्म, खूंटी में 7.25 करोड़ से जदूर अखरा सह कला संस्कृति भवन, अड़की के बीरबांकी में 4 करोड़ की लागत से वन अनुसंधान केंद्र तथा बिरसा कालेज परिसर में 8.71 करोड़ की लागत से बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय सह बहुदेशीय भवन का निर्माण शामिल है.

अधर में हैं योजनाएंः एक साल से ये सारी योजनाएं अधर में हैं. वजह राज्य के कल्याण मंत्रालय द्वारा जिले को पैसे नहीं भेजना है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने मार्च 2022 में ही राज्य सरकार को इन योजनाओं के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए थे.

केंद्रीय मंत्री ने किया अनुरोधः केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि राशि का उपयोग करें और जिले का विकास करें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो राशि राज्य सरकार को भेजी है वो जल्द ही इसका उपयोग करें ताकि क्षेत्र का विकास हो सके. जनजातीय मंत्रालय आदिवासियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए राज्य सरकारों को आवंटन देती है. उन्होंने कहा कि सरकार इसपर कार्य करे और अगर कोई दिक्कत है तो हमें बताए, उसे भी दूर किया जाएगा और राशि भी आवंटित की जाएगी.


राशि रोके जाने का कारण स्पष्ट नहींः बता दें कि भारत सरकार ने इन योजनाओं के लिए मार्च 2022 में ही राशि राज्य के कल्याण मंत्रालय को भेज दिया है. लेकिन अब तक उक्त राशि को जिला को स्थानांतरित नहीं किया गया है. किन कारणों से राशि रोकी गयी है, यह स्पष्ट नहीं है. राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जिले की सात योजनाएं अब तक शुरू नहीं हो पाई है. इधर उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि राशि मार्च से पहले मिलने की उम्मीद है, राशि मिलते ही योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे.

Last Updated : Jan 3, 2023, 5:52 PM IST
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