ETV Bharat / state

खूंटी में अवैध बालू खनन के खिलाफ ग्रामीण करेंगे आंदोलन, जानिए क्यों?

खूंटी में अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining in Khunti) रोकने के लिए ग्रामीण आंदोलन करेंगे. उनका आरोप है कि बालू के दोहन से इलाके में जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे इलाके में पेयजल की समस्या प्रबल हो गयी है. इसको लेकर अब वो सिस्टम के खिलाफ जाकर अवैध बालू खनन रोकेंगे.

villagers-will-agitate-to-stop-illegal-sand-mining-in-khunti
खूंटी
author img

By

Published : Apr 3, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 8:41 PM IST

खूंटीः अवैध बालू खनन को रोकने के लिए अब तोरपा के ग्रामीण खुद बालू घाट जाएंगे ताकि अवैध खनन रुक सके और ग्रामीणों को पीने के लिए पानी मिल सके. ग्रामीणों को ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि इलाके में पेयजल की समस्या है और इन्हें पानी पीने के लिए अब नहीं मिल रहा है. बालू के अवैध खनन के कारण जलस्तर नीचे चला गया है. पेयजल विभाग पानी जमाव के लिए बालू से घेराव बनाते हैं, जिसे माफिया उठा ले जाते हैं. विभाग के शिकायत के बाद भी प्रशासन बालू माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा पाई. अब ग्रामीण घाट से लेकर सड़क तक आंदोलन के लिए उतरेंगे.

इसे भी पढ़ें- अवैध बालू खनन रोकने के लिए पेयजल विभाग ने तोरपा सीओ और थाना को लिखा पत्र, कार्रवाई नहीं हुई तो पानी को तरसेंगे लोग


अवैध उत्खनन और अवैध बालू तस्करी ने तोरपा प्रखंड क्षेत्र के लोगों के हिस्से का पानी छीन रहे हैं. अभी से ही तोरपा वासी पीने के सप्लाई पानी को लेकर लगातार परेशान हो रहे हैं. इस भीषण गर्मी में उन्हें पीने का पानी के लिए तोरपवासियों को हर दिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. विगत एक दशक से लगातार कारो नदी में बालू का अवैध उत्खनन जारी है. बालू निकालने से कारो नदी का जलस्तर तीव्र गति से नीचे जाने लगा है. कारो नदी पर पेयजल आपूर्ति के लिए इंटकवेल बनाया गया है. लेकिन अवैध बालू उत्खनन से इंटकवेल में पानी की आधी अधूरी सप्लाई होती है.

देखें पूरी खबर

कारो नदी से बालू के अवैध उत्खनन से नदियों का जलस्तर कम होता जा रहा है. नदियों पर बने पुल के स्तंभ भी उत्खनन से जर्जर स्थिति में पहुंचने लगे हैं. सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के संरक्षण में अवैध बालू का उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है. माओवादियों और प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के संरक्षण में बालू की तस्करी जमकर की जा रही है. इसमें संबंधित थाना और खनन विभाग की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इसको लेकर तोरपा सीओ सचिदानंद वर्मा भी क्षेत्र में हो रहे उत्खनन पर जवाब देने से बचते नजर आए. हालांकि उन्होंने जरूर कहा है कि कार्रवाई होती है.

खूंटीः अवैध बालू खनन को रोकने के लिए अब तोरपा के ग्रामीण खुद बालू घाट जाएंगे ताकि अवैध खनन रुक सके और ग्रामीणों को पीने के लिए पानी मिल सके. ग्रामीणों को ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि इलाके में पेयजल की समस्या है और इन्हें पानी पीने के लिए अब नहीं मिल रहा है. बालू के अवैध खनन के कारण जलस्तर नीचे चला गया है. पेयजल विभाग पानी जमाव के लिए बालू से घेराव बनाते हैं, जिसे माफिया उठा ले जाते हैं. विभाग के शिकायत के बाद भी प्रशासन बालू माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा पाई. अब ग्रामीण घाट से लेकर सड़क तक आंदोलन के लिए उतरेंगे.

इसे भी पढ़ें- अवैध बालू खनन रोकने के लिए पेयजल विभाग ने तोरपा सीओ और थाना को लिखा पत्र, कार्रवाई नहीं हुई तो पानी को तरसेंगे लोग


अवैध उत्खनन और अवैध बालू तस्करी ने तोरपा प्रखंड क्षेत्र के लोगों के हिस्से का पानी छीन रहे हैं. अभी से ही तोरपा वासी पीने के सप्लाई पानी को लेकर लगातार परेशान हो रहे हैं. इस भीषण गर्मी में उन्हें पीने का पानी के लिए तोरपवासियों को हर दिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. विगत एक दशक से लगातार कारो नदी में बालू का अवैध उत्खनन जारी है. बालू निकालने से कारो नदी का जलस्तर तीव्र गति से नीचे जाने लगा है. कारो नदी पर पेयजल आपूर्ति के लिए इंटकवेल बनाया गया है. लेकिन अवैध बालू उत्खनन से इंटकवेल में पानी की आधी अधूरी सप्लाई होती है.

देखें पूरी खबर

कारो नदी से बालू के अवैध उत्खनन से नदियों का जलस्तर कम होता जा रहा है. नदियों पर बने पुल के स्तंभ भी उत्खनन से जर्जर स्थिति में पहुंचने लगे हैं. सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के संरक्षण में अवैध बालू का उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है. माओवादियों और प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के संरक्षण में बालू की तस्करी जमकर की जा रही है. इसमें संबंधित थाना और खनन विभाग की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इसको लेकर तोरपा सीओ सचिदानंद वर्मा भी क्षेत्र में हो रहे उत्खनन पर जवाब देने से बचते नजर आए. हालांकि उन्होंने जरूर कहा है कि कार्रवाई होती है.

Last Updated : Apr 3, 2022, 8:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.