खूंटीः देश के इतिहास में पहली बार जनजातियों के लिए मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया जा रहा है. महान स्वतंत्रता सेनानी एवं आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर एक साथ 60 हजार से ज्यादा लोग जुटेंगे. इस कैंप में एक दिन में 60 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच निशुल्क की जाएगी. शनिवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस कैंप की तैयारियों का जायजा लिया.
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रविवार (26 जून 2022) को झारखंड का खूंटी जिला स्वास्थ्य जगत में नया इतिहास रचने जा रहा है. केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और झारखंड सरकार के संयुक्त प्रयास से एक साथ 400 से ज्यादा डॉक्टर और स्पेशलिस्ट चिकित्सक खूंटी पहुंचेंगे. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इस निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में शामिल होंगे.
कैंप की तैयारियों को लेकर शनिवार को जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जिला के प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के पदधिकारियीं के साथ आयोजन स्थल बिरसा कॉलेज स्टेडियम का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन के माध्यम से सामूहिक रूप से स्वास्थ्य का चिंतन और जागरुकता पैदा करना है. मनुष्य के जीवन में स्वस्थ रहना जरूरी है, खुशहाली और प्रसन्नता का सबसे बड़ा मानक स्वास्थ्य है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़े अभियान का शुभारंभ बिरसा मुंडा की धरती से हो रहा है. इस आयोजन से बहुत सी चीजें समझ आएगी, देश के सभी जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे विजन को पहुंचने की कोशिश होगी.
देश में संभवतः पहली बार कैंप लगाकर 60 हजार से अधिक लोगों के इलाज का लक्ष्य रखा गया है. इस शिविर में मरीजों का राजिस्ट्रेशन करने के लिए 600 स्टॉल बनाए गए हैं. साथ ही 2000 से ज्यादा वॉलेंटियर मरीजों की सहूलियत के लिए अलग अलग क्षेत्र में तैनात रहेंगे. पहली बार हजारों लोगों के लिए भोजन पानी की बेहतर व्यवस्था जनजातीय मंत्रालय की ओर से की गई है. सिर से लेकर पांव तक प्रत्येक बीमारियों से संबंधित डॉक्टर मरीजों की जांच कर परामर्श देंगे और निःशुल्क दवाइयां भी बांटी जाएंगी.
इसके अलावा दिव्यांगों के लिए अलग से काउंटर बनाकर बेहतर सेवाएं और जरूरी उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इस कैंप में 25 हजार लोगों के बीच चश्मे का भी वितरण किया जाएगा. साथ ही वन विभाग द्वारा एक लाख पौधे का भी वितरण किया जाएगा. मरीजों और ग्रामीणों के लिए भोजन पानी की पूरी व्यवस्था जनजातीय मंत्रालय और आयुष मंत्रालय द्वारा की गई है.