खूंटी: महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासियों के जननायक भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने संसदीय क्षेत्र खूंटी स्थित डोंबारी बुरु सईल रकब में स्थापित बिरसा मुंडा की प्रतिमा और शहादत स्मारक में श्रद्धा सुमन अर्पित की. डोंबारी बुरु वही स्थान है, जहां पर बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इस दौरान 400 से ज्यादा आदिवासी मुंडा वीर शहीद हुए थे.
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बिरसाइतों को केंद्रीय मंत्री का आश्वासन: बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बिरसा मुंडा को मानने वाले बिरसाइतों के साथ भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं से अवगत हुए. बिरसाइतों ने मुंडारी में बातचीत करते हुए, पश्चिमी सिंहभूम इलाके में पेयजल संकट को दूर करने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही पेयजल संकट का समाधान किया जाएगा.
धरती आबा के पैतृक गांव गए अर्जुन मुंडा: भगवान बिरसा मुंडा के शहादत स्थल में बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यर्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित कर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा उनके जन्मस्थली उलिहातू गए. उनके पैतृक गांव उलिहातू में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उलिहातू मैदान में आयोजित कार्यक्रम में अर्जुन मुंडा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उनके साथ एमपी के सांसद गजेंद्र पटेल भी थे. उलिहातू में आयोजित शहादत कार्यक्रम में विशेष रूप से दस बिरसाइत के प्रतिनिधियों को फूल, पौधा और पगड़ी देकर सम्मानित किया गया. साथ ही कार्यक्रम में कोविड के दौरान अपने माता पिता को खो चुके तीन बच्चों को सहायता राशि दी गई. कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक और छऊ नृत्य का मंचन किया गया. कार्यक्रम को जिला के उपायुक्त शशि रंजन और उप विकास आयुक्त नीतीश कुमार सिंह ने संबोधित किया और खूंटी में चल रहे कृषि और गैर कृषि संबंधित विकास कार्यों को गिनाया.
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शहीदों से प्रेरणा लेने की जरूरत: कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा और उनके साथियों के शहादत बेकार नहीं जाएगी. आज हम सभी को शहीदों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है कि कैसे हम अपने जंगल, जमीन और माटी की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों की भी रक्षा करें. उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को आगे आने की जरूरत है और अपने समाज को विकास से जोड़ते हुए विकास की सतत प्रक्रिया में भागीदार बने. भगवान बिरसा के अनुयायी बिरसाइतों ने जिस तरह मांस, मदिरा और शराब से दूर रहकर अपने संगठन को आज भी सरलता के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उससे सीख लेकर स्थानीय समुदाय को अपने समाज में बढ़ रहे नकारात्मक गतिविधियों से दूर रहकर विकास की मुख्य धारा में आगे आने की जरूरत है.
केंद्र ने किए जनजातीय समुदाय के लिए कार्य: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व काल में पूरे देश के 10 करोड़ जनजातीय समुदायों के विकास पर लगातार कार्य किये जा रहे हैं. भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को राष्ट्रीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का एलान कर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश की जनजातीय समुदाय का मान बढ़ाया है. साथ ही जनजातीय बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए देश के सभी राज्यों में जनजातीय विभाग के माध्यम से एकलव्य विद्यालय बनाने की पहल की है. एकलव्य विद्यालय के बनने से जनजातीय बच्चों का बेहतर शैक्षणिक विकास होगा. मुफ्त में मिलने वाली शिक्षा से जनजातीय छात्र छात्रों का भविष्य संवरेगा.