खूंटीः खूंटी के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे दो मरीजों की शुक्रवार को मौत हो गई है. परिजनों ने दोनों ही मामलों में डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पहला मामला खूंटी सदर अस्पताल का है. जहां खून नहीं उपलब्ध कराने की वजह से एक 18 माह की बच्ची की मौत हो गई है. जबकि दूसरा मामला तोरपा के रेफरल अस्पताल का. जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक के नदारद रहने के कारण मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिला. इस कारण उसकी मौत हो गई है. वहीं, तोरपा रेफरल अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में ताला जड़ दिया, साथ ही विरोध में खूंटी-सिमडेगा पथ को जाम कर मुआवजे की मांग करने लगे.
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सदर अस्पताल प्रबंधन ने नहीं उपलब्ध कराया खून, बच्ची की हुई मौतः पहली घटना में 18 माह की बच्ची को सदर अस्पताल खूंटी में खून नहीं उपलब्ध कराने पर बच्ची की शुक्रवार सुबह मौत हो गई है. बताया जाता है कि जिले के तोरपा रोड स्थित अंगनबाड़ी के समीप जापूत गांव निवासी महिला अपनी 18 माह की बच्ची सोनालिका का इलाज कराने गुरुवार की शाम सदर अस्पताल खूंटी पहुंची थी. बच्ची को खून चढ़ाना था. लेकिन अस्पताल में रिंकी नामक महिला कर्मचारी ने परिजनों से कहा कि अस्पताल में 0+ खून तो उपलब्ध है, लेकिन सुजित नामक कर्मचारी के आदेश के बगैर वह खून नहीं दे सकती है. इसके बाद तत्काल गुरुवार देर रात तक सुजित नामक कर्मचारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया. साथ ही अस्पताल प्रबंधन से भी परिजनों ने गुहार लगायी. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची को शुक्रवार सुबह खून उपलब्ध कराने की बात कही. अंततः खून के अभाव में मासूम बच्ची ने शुक्रवार की सुबह मां की गोद में दम तोड़ दिया.
चिकित्सक थे नदारद, सड़क हादसे में घायल का नहीं हुआ इलाजः वहीं दूसरी घटना तोरपा थाना क्षेत्र की है. जहां 52 वर्षीय वीरेंद्र मांझी अपने ही ट्रैक्टर से कसमार जा रहा था. इस दौरान ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया. जिसमें ट्रैक्टर से दबकर वीरेंद्र बुरी तरह से घायल हो गया. स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत से उसे बाहर निकाला और एंबुलेंस के माध्यम से उसे रेफरल अस्पताल ले गए. लेकिन अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर नदारद थे. इस कारण मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिल सका और मरीज ने तड़प-तड़प कर अस्पताल में ही दम तोड़ दिया.
परिजनों ने अस्पताल में जड़ा ताला, रोड भी किया जामः मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया, साथ ही अस्पताल के मेन गेट में ताला जड़ दिया. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने खूंटी-सिमडेगा पथ को जाम कर मुआवजे की मांग करने लगे. इस दौरान करीब ढाई घंटे तक खूंटी-सिमडेगा पथ जाम रहा. इस कारण सड़क की दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई. सूचना मिलते ही मौके पर तोरपा पुलिस, सीओ और बीडीओ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर जाम को हटवाया. साथ ही प्रशासन की ओर से परिजनों को तत्काल 25 हजार रुपए भुगतान किया गया और मुआवजा देने का आश्वासन दिया. इसके बाद नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने जाम हटाया.
दोषी चिकित्सकों पर होगी कार्रवाईः इधर, सिविल सर्जन ने दोनों ही मामलों को गंभीरता से लिया है. इस संबंध में सिविल सर्जन अजित खलखो ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही दिखी है. जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस संबंध में एसडीओ अनिकेत सचान ने भी कहा कि डॉक्टर ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी. उन्होंने कहा कि दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई जरूर होगी.