खूंटीः जिले के तिरला थाना अंतर्गत एक एनजीओ में 40 आदिवासी किशोरी छात्राओं को एनजीओ के कोषाध्यक्ष बबलू उर्फ परवेज आलम ने अपनी गलत मंशा के जाल में फंसाया. दरअसल बबलू उर्फ परवेज ने बच्चियों को सहनशक्ति टेस्ट का जामा पहनाकर शारीरिक शोषण का शिकार बनाया है. मामला समाजसेवी के माध्यम से पुलिस प्रशासन तक पहुंचा. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला थाना प्रभारी और खूंटी की बीडीओ को जांच के आदेश दिए.
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बच्चियों ने फोन पर बताई आपबीती
समाजसेविका लक्ष्मी बाखला ने बताया कि 9 मार्च को छात्राओं ने उन्हें फोन पर मामले की जानकारी दी थी. छात्राओं ने बताया कि बबलू ने सहनशक्ति टेस्ट के नाम पर उनके साथ शारीरिक शोषण किया है. समाजसेवी ने बताया कि आधी छात्राएं डरी हुईं हैं. इसलिए मामले की जानकारी नहीं दे पा रहीं हैं.
जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई जांच टीम ने पूरे मामले का पता लगाने के लिए खूंटी महिला थाना प्रभारी और बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी है. मामले की सच्चाई की जांच में जुटी महिला पदाधिकारियों ने एनजीओ में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं से आरंभिक पूछताछ की. महिला शिक्षकों ने जांच टीम को बताया कि यह ऐसा कोई टेस्ट नहीं होता है. इस तरह की घटना की जानकारी उन्हें नहीं है. फिलहाल जांच टीम ने छात्राओं से बयान लिया है.