ETV Bharat / state

राष्ट्रपति का होने वाला है दौरा, पर अब भी दिख रहा पत्थलगड़ी स्लोगन, दीवारों पर अब भी लिखे हुए नारे

author img

By

Published : Nov 5, 2022, 2:15 PM IST

वैसे तो पत्थलगड़ी का आंदोलन खत्म हुए तीन साल हो चुके हैं. लेकिन खूंटी में पत्थलगड़ी का स्लोगन आज भी कई इलाकों में मौजूद है. खूंटी में स्टेट हाईवे पर स्थित दीवारों पर पत्थलगड़ी के नारे लिखे हुए हैं. आगामी दिनों में राष्ट्रपति का खूंटी दौरा होना है, इसको लेकर जानकारी देते ईटीवी भारत खूंटी संवाददाता.

Pathalgadi Slogans on walls on State Highway in Khunti
खूंटी

खूंटीः 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति खूंटी आने वाली हैं. यहां वो भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू भी पहुंचेंगी. जिला प्रशासन ने राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जोर शोर से तैयारियां आरम्भ कर दी हैं. लेकिन जिस स्टेट हाईवे से राष्ट्रपति समेत अन्य गणमान्य उलिहातू पहुचेंगे उस मुख्य पथ के किनारे पत्थलगड़ी आंदोलनकारियों ने दीवारों पर नारे लिखे हैं, जिसमें असंवैधानिक वाक्य लिखे गए हैं. साथ ही पत्थलगड़ी के शिलापट्ट पर भारत के संविधान की गलत व्याख्या की गई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आएंगी रांची, उलिहातु भी जा सकती हैं प्रेसिडेंट

वैसे तो पत्थलगड़ी आंदोलन तीन वर्ष पूर्व ही समाप्त हो गया. लेकिन पत्थलगड़ी के शिलापट्ट आज भी सड़कों के किनारे उसी स्थिति में मौजूद हैं. ऐसे में माननीयों का काफिला इसी रास्ते होकर गुजरने वाला है. तीन वर्ष पूर्व तक जिला में समानांतर सरकार का दंभ भरने वाले तथाकथित नेता पत्थलगड़ी कर सरकार और सिस्टम को खुली चुनौती दिया था. लेकिन बाद में पुलिसिया सख्ती के बाद यह आंदोलन बंद हो गया. उस दौरान पत्थलगड़ी करने वाले नेता सरकारी स्कूलों, भवन व बस अड्डों में सरकार विरोधी संदेश लिखा करते थे. जिससे उनके आंदोलन को ज्यादा गति मिली थी.

देखें पूरी खबर

इसको लेकर प्रशासन और पुलिस की सख्ती के बाद कई जगहों से ऐसे नारों को मिटाया गया. लेकिन खूंटी तमाड़ मुख्य पथ पर दीवारी पर पत्थलगड़ी के नारे अब भी वैसे ही हैं. इसी सड़क मार्ग से 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति से लेकर कई गणमान्य भगवान बिरसा के गांव जाएंगे. यहां बता दें कि खूंटी तमाड़ मुख्य पथ पर स्थित उदुबुरु गांव कभी पत्थलगड़ी का मुख्य केंद्र हुआ करता था.

खूंटीः 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति खूंटी आने वाली हैं. यहां वो भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू भी पहुंचेंगी. जिला प्रशासन ने राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जोर शोर से तैयारियां आरम्भ कर दी हैं. लेकिन जिस स्टेट हाईवे से राष्ट्रपति समेत अन्य गणमान्य उलिहातू पहुचेंगे उस मुख्य पथ के किनारे पत्थलगड़ी आंदोलनकारियों ने दीवारों पर नारे लिखे हैं, जिसमें असंवैधानिक वाक्य लिखे गए हैं. साथ ही पत्थलगड़ी के शिलापट्ट पर भारत के संविधान की गलत व्याख्या की गई है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आएंगी रांची, उलिहातु भी जा सकती हैं प्रेसिडेंट

वैसे तो पत्थलगड़ी आंदोलन तीन वर्ष पूर्व ही समाप्त हो गया. लेकिन पत्थलगड़ी के शिलापट्ट आज भी सड़कों के किनारे उसी स्थिति में मौजूद हैं. ऐसे में माननीयों का काफिला इसी रास्ते होकर गुजरने वाला है. तीन वर्ष पूर्व तक जिला में समानांतर सरकार का दंभ भरने वाले तथाकथित नेता पत्थलगड़ी कर सरकार और सिस्टम को खुली चुनौती दिया था. लेकिन बाद में पुलिसिया सख्ती के बाद यह आंदोलन बंद हो गया. उस दौरान पत्थलगड़ी करने वाले नेता सरकारी स्कूलों, भवन व बस अड्डों में सरकार विरोधी संदेश लिखा करते थे. जिससे उनके आंदोलन को ज्यादा गति मिली थी.

देखें पूरी खबर

इसको लेकर प्रशासन और पुलिस की सख्ती के बाद कई जगहों से ऐसे नारों को मिटाया गया. लेकिन खूंटी तमाड़ मुख्य पथ पर दीवारी पर पत्थलगड़ी के नारे अब भी वैसे ही हैं. इसी सड़क मार्ग से 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति से लेकर कई गणमान्य भगवान बिरसा के गांव जाएंगे. यहां बता दें कि खूंटी तमाड़ मुख्य पथ पर स्थित उदुबुरु गांव कभी पत्थलगड़ी का मुख्य केंद्र हुआ करता था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.