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नक्सली जीदन की मौत पर कहीं खुशी तो कहीं गम, कब्रिस्तान पहुंचे सैकड़ों लोग

पुलिस मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर जीदन गुड़िया मारा गया. उसके मारे जाने के बाद तपकरा क्षेत्र में कुछ लोगों ने खुशियां मनाई तो कुछ लोगों में मायूसी देखने को मिली. जीदन के दफनाने के लिए सैकड़ों लोग कब्रिस्तान पहुंचे थे.

Naxalite commander Zidan Gudiya buried in Khunti
कब्रिस्तान पहुंचे सैकड़ों लोग
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Published : Dec 22, 2020, 7:27 PM IST

खूंटी: पुलिस मुठभेड़ में नक्सली जीदन गुड़िया मारा गया. सोमवार को जब उसके मारे जाने की खबर उसके निवास स्थल तपकरा क्षेत्र में पहुंची तो लोग भौंचक रह गए. खबर की पुष्टि होते ही तपकरा में एक ओर कुछ लोगों ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई तो दूसरे ओर लोगों में मायूसी देखी गई.

जीदन ने गांव वालों को नहीं किया परेशान

पीएलएफआई कमांडर जीदन ने कभी गांव वालों को परेशान नहीं किया. वो ग्रामीणों की मदद करता था. नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने दबी जुबान से बताया कि जब भी कोई ग्रामीण आर्थिक समस्या को लेकर जीदन के पास जाता था तो उसे निराश नहीं लौटना पड़ता था. यहां तक कि बीच-बीच में वह ग्रामीणों के बीच जरूरत का सामान भी बांटाता था. ग्रामीणों के प्रति उसकी इस दरियादिली के कारण ही ग्रामीण उसे पुलिस से बचाते रहे थे.

इसे भी पढ़ें: खूंटी: PLFI का कुख्यात उग्रवादी जीदन गुड़िया मुठभेड़ में ढेर, 15 लाख का था इनामी

कब्रिस्तान पहुंचे सैकड़ों लोग

सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जीदन मारा गया तो कुछ लोग काफी दुखी हैं. उसके अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में ग्रामीण कब्रिस्तान पर पहुंचे. तपकरा के कोचा करंज टोली स्तिथ कारो नदी किनारे जीदन का शव दफनाया गया. मौके पर उसकी पहली पत्नी पूर्व मुखिया रीता गुड़िया और दूसरी पत्नी जिला परिषद अध्यक्ष जूनिका गुड़िया, उसका भाई दिनेश गुड़िया, बोंदले गुड़िया, जॉनसन गुड़िया समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

खूंटी: पुलिस मुठभेड़ में नक्सली जीदन गुड़िया मारा गया. सोमवार को जब उसके मारे जाने की खबर उसके निवास स्थल तपकरा क्षेत्र में पहुंची तो लोग भौंचक रह गए. खबर की पुष्टि होते ही तपकरा में एक ओर कुछ लोगों ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई तो दूसरे ओर लोगों में मायूसी देखी गई.

जीदन ने गांव वालों को नहीं किया परेशान

पीएलएफआई कमांडर जीदन ने कभी गांव वालों को परेशान नहीं किया. वो ग्रामीणों की मदद करता था. नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने दबी जुबान से बताया कि जब भी कोई ग्रामीण आर्थिक समस्या को लेकर जीदन के पास जाता था तो उसे निराश नहीं लौटना पड़ता था. यहां तक कि बीच-बीच में वह ग्रामीणों के बीच जरूरत का सामान भी बांटाता था. ग्रामीणों के प्रति उसकी इस दरियादिली के कारण ही ग्रामीण उसे पुलिस से बचाते रहे थे.

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कब्रिस्तान पहुंचे सैकड़ों लोग

सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जीदन मारा गया तो कुछ लोग काफी दुखी हैं. उसके अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में ग्रामीण कब्रिस्तान पर पहुंचे. तपकरा के कोचा करंज टोली स्तिथ कारो नदी किनारे जीदन का शव दफनाया गया. मौके पर उसकी पहली पत्नी पूर्व मुखिया रीता गुड़िया और दूसरी पत्नी जिला परिषद अध्यक्ष जूनिका गुड़िया, उसका भाई दिनेश गुड़िया, बोंदले गुड़िया, जॉनसन गुड़िया समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

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