खूंटीः हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले मुहर्रम के नवमी पर जुलूस निकाला गया. जिले के शहरी इलाकों में देर शाम जुलूस निकाला गया. जिले के तोरपा, कर्रा प्रखंड के कर्रा, गोविंदपुर, अड़की के सिंदरी और रनिया के सोदे में मुहर्रम शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाया गया. जिले के तोरपा में विधायक कोचे मुंडा भी जुलूस में शामिल हुए. मुहर्रम को लेकर जगह-जगह युवा वर्ग करतब दिखाते नजर आए. युवाओं ने न केवल जमकर लाठियां भांजी बल्कि नगाड़े, ढोल और तासा भी बजाया. शहर के साथ-साथ प्रखंडों में सुरक्षा व्यवस्था काफी चाक चौबंद थी. खूंटी मुख्यालय के अलावा कर्रा और तोरपा में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गए थे. सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर जगह-जगह भारी संख्या में मजिस्ट्रेट एवं पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. मुहर्रम के जुलूस को लेकर यातायात में भी बदलाव किया गया था.
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पलामू के हुसैनाबाद में सदर इमामबारगाह से जुलूस को निकाला गया. जुलूस गांधी चौक होते हुए कर्बला की ओर रवाना हुआ. गांधी चौक पहुंच कर जुलूस सभा में बदल गयी. चौक पर यूपी के मौलाना नाजिम अली साहब ने तकरीर के दौरान कहा कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाने को सभी जमा हुए हैं. मुहर्रम कोई त्योहार नहीं यह अकीदह है. हुसैन अलैहिस्सलाम हमारे पूर्वज हैं. उनकी हत्या यजीद नामी शासक ने बड़ी ही निर्ममता से कर दी थी. उसका डर लोगों में इतना था कि कोई, शहीदों का शव दफनाने नहीं आया. इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम, पैगंबर मोहम्मद के नवासे थे. उन्होंने करबला की जंग के विषय में विस्तार से बताया. तकरीर के बाद जुलूस में शामिल शिया मामुदाय ने मातम मनाया. जुलूस का नेतृत्व मुतवल्ली सैयद हसनैन जैदी कर रहे थे.
जामताड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से मना मुहर्रमः जामताड़ा में मुहर्रम शांतिपूर्ण सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाया गया. पैगंबर मोहम्मद की याद में उनके अनुयायियों ने ताजिया जुलूस निकालकर तरह-तरह के करतब दिखाए, जिसे लेकर सड़कों पर हुजूम रहा. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे.