खूंटी: दो दिनों में दो गंभीर मामलों में खूंटी व्यवहार न्यायालय (Khunti Civil Court) की अलग अलग बेंच ने सजा सुनायी है. एक मामला अड़की थाना कांड संख्या 35/19 से जुड़ा है, जिसमें 12 मई को डीएसजे-2 सत्यकाम प्रियदर्शी के न्यायालय ने एक संवेदक के मुंशी का अपहरण और फिरौती लेने के केस में सजा सुनाई है. दूसरा मामला खूंटी जिले के मुरहू थाना क्षेत्र में डायन प्रथा से जुड़ा है, जिसमें डीएएसजे-1 संजय कुमार की अदालत ने डायन कहकर हत्या के केस में सजा सुनाई है.
इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई आज
क्या है पहला मामला: अड़की थाना के कांड संख्या 35/19 में अभियुक्त बोहंडा निवासी कोरोन हेमरोम और दाऊद हेमरोम को 364A/34 भारतीय दंड संहिता के तहत सश्रम आजीवन कारावास और 5000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है. इस प्रकरण में पूर्व में ही मामले में शामिल चार अभियुक्तों जीवन हेंब्रम उर्फ बरमू, संतोष हस्सा, जीवन हेमरोम और करण हेमरोम की गिरफ्तारी तत्कालीन अड़की थाना प्रभारी विक्रांत कुमार के समय की गई थी. इनके पास से अड़की थाना पुलिस ने कुल 4 पिस्टल, भाकपा माओवादियों के पर्चे, बैनर और पोस्टर बरामद किया था. साथ ही सख्ती से पूछताछ करने पर जीवन हेंब्रम के घर से एक किलो अफीम और 35 किलोग्राम डोडा भी बरामद किया गया था. इस मामले के उद्भेदन के लिए पूर्व में बिरबांकी, बोहंडा, कोचांग, कुरुंगा के आसपास छापामारी अभियान चलाया गया था. इसी क्रम में बोहंडा सचिवालय के पास छह से आठ की संख्या में कुछ युवक बैठक करते देखे गए लेकिन, पुलिस बल को देखते ही कुछ लोग भाग खड़े हुए. पुलिस टीम ने भागते युवकों में से 4 युवकों को धर दबोचा था जबकि, सांदू हेमरोम और दाऊद हेमरोम पुलिस से बच निकलने में उस वक्त कामयाब रहे. पुलिस ने युवकों के बैठकस्थल से कुल 4 पिस्टल, दर्जनों कारतूस और भारी मात्रा में भाकपा माओवादियों के बैनर पोस्टर और पर्चे बरामद किए थे.
बता दें कि अड़की थाना क्षेत्र के बिरबांकी, कोचांग, कुरुंगा, और बोहंडा इलाके में भाकपा माओवादियों के शीर्ष नक्सलियों के इशारे पर उक्त सभी आरोपी माओवादियों का पोस्टर चस्पा कर दहशत फैलाने का काम करते थे. साथ ही शीर्ष माओवादियों के इशारे पर लेवी वसूली के धंधे में भी लिप्त थे. 2019 में जब कुरुंगा इलाके में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था, तब 35/19 कांड के अभियुक्तों ने सड़क निर्माण कार्य मे लगे संवेदक के मुंशी का अपहरण कर 3 लाख दस हजार फिरौती की मांग की थी. मुंशी के अपहरण के दो दिन बाद ढई लाख फिरौती की रकम भिजवाई गयी थी, तब मुंशी को छोड़ा गया था. इस पूरे मामले में कांड का उद्भेदन करते हुए तत्कालीन अड़की थाना प्रभारी विक्रांत कुमार और उनकी टीम ने एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट और नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के जुर्म में तीन अलग-अलग कांड दर्ज किए थे. इसी मामले में खूंटी व्यवहार न्यायालय ने आज सजा सुनाई है.
क्या है दूसरा मामला: वहीं दूसरा मामला खूंटी जिला के मुरहू थाना क्षेत्र का है, जहां डायन कहकर 70 साल की वृद्धा की सब्बल से मार-मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में हत्यारे को डीएएसजे-1 संजय कुमार की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मुरहू थाना में कांड संख्या 20/19 दर्ज किया गया था. दर्ज मामले का अनुंसधान तत्कालीन सब इंस्पेक्टर हरेंद्र दुबे ने किया था. गौरतलब है कि 21 मार्च 2019 को 70 वर्षीय सलोमी मुंडू उर्फ एतवारी मुंडू मुरहू थाना क्षेत्र के चमराटोली स्थित अपने आवास में थी. घर में उसका अंधा बेटा फुगुवा पाहन और 16 वर्ष की पोती थी. सलोमी मुंडू का बड़ा बेटा गंधर्व पाहन चमराटोली में अपनी बहन बसंती मुंडू के घर गया था. इसी बीच दिन के तीन बजे गांव के लोगों ने गंधर्व को बताया कि उसका पड़ोसी सुखदेव पाहन उसकी मां को डायन कहकर सब्बल से मार रहा है. गंधर्व गांव के कुछ लोगों के साथ जब घर पहुंचा तो उसने देखा कि उसके घर के बाहर सब्बल पड़ा है और अंदर मां लहूलुहान है और सुखदेव पाहन फरार है. गंधर्व अपनी मां को लेकर अस्पताल गया, जहां इलाज के दौरान वृद्धा की मौत हो गई. गंधर्व की बेटी ने पिता को बताया था कि सुखदेव पाहन दादी को डायन कहकर सब्बल से मार रहा था. मुरहू में दर्ज मामले की अदालत में लंबी सुनवाई के बाद बुधवार को डीएएसजे -1 संजय कुमार की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत फैसला सुनाते हुए हत्याकांड के आरोपी चमराटोली निवासी सुखदेव पाहन को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.