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खूंटी के रण में अर्जुन मुंडा ने संभाली है बीजेपी की कमान, जनिए उनकी शख्सियत

बीजेपी के तेज-तर्रार नेता हैं अर्जुन मुंडा. पार्टी को पूरा भरोसा है कि वो खूंटी में कड़िया मुंडा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे.

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Published : May 6, 2019, 12:03 AM IST

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रांची/हैदराबादः खूंटी के रण में बीजेपी ने इस बार अपने धुरंधर योद्धा अर्जुन मुंडा को उतारा है. उन्हें कड़िया मुंडा की जगह टिकट दी गई है. बीजेपी को भरोसा है कि अर्जुन मुंडा, कड़िया मुंडा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे.

देखिए पूरी रिपोर्ट

बीजेपी ने अर्जुन मुंडा को खूंटी से प्रत्याशी बनाया है. पार्टी को पूरा भरोसा है कि इस बार यह सीट उनके खाते में आएगी. अर्जुन अपने विरोधियों को चित कर देंगे. वो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. महज 35 वर्ष की आयु में वो झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. वो देश में सबसे कम उम्र में बनने वाले मुख्यमंत्री हैं. आज भी यह रिकॉर्ड उन्ही के नाम है.

5 जून 1968 को घोड़ाबांधा में जन्मे अर्जुन मुंडा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में झारखंड आंदोलनकारी के रुप में की. अर्जुन मुंडा ने राजनीतिक पारी की शुरूआत झारखंड मुक्ति मोर्चा से की थी. झारखंड आंदोलन में सक्रिय रहते हुए अर्जुन मुंडा ने जनजातीय समुदायों और समाज के पिछड़े तबकों के उत्थान की कोशिश की.1995 में वो खरसावां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. उस समय वो झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे. साल 2000 में वो दूसरी बार विधानसभा पहुंचे, लेकिन इस बार वो बीजेपी में थे.

साल 2000 में झारखंड राज्य बना. 2003 में वो पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. तब उनकी उम्र केवल 35 साल थी. 2005 के चुनाव में भी उन्होंने खरसावां से जीत हासिल की. 12 मार्च 2005 को उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 2009 में वो जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2010 में वो एकबार फिर प्रदेश की राजनीति में लौटे और तीसरी बार राज्य के मुख्यमंक्षत्री बने. वो साल 2013 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. साल 2014 की विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

रांची/हैदराबादः खूंटी के रण में बीजेपी ने इस बार अपने धुरंधर योद्धा अर्जुन मुंडा को उतारा है. उन्हें कड़िया मुंडा की जगह टिकट दी गई है. बीजेपी को भरोसा है कि अर्जुन मुंडा, कड़िया मुंडा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे.

देखिए पूरी रिपोर्ट

बीजेपी ने अर्जुन मुंडा को खूंटी से प्रत्याशी बनाया है. पार्टी को पूरा भरोसा है कि इस बार यह सीट उनके खाते में आएगी. अर्जुन अपने विरोधियों को चित कर देंगे. वो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. महज 35 वर्ष की आयु में वो झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. वो देश में सबसे कम उम्र में बनने वाले मुख्यमंत्री हैं. आज भी यह रिकॉर्ड उन्ही के नाम है.

5 जून 1968 को घोड़ाबांधा में जन्मे अर्जुन मुंडा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में झारखंड आंदोलनकारी के रुप में की. अर्जुन मुंडा ने राजनीतिक पारी की शुरूआत झारखंड मुक्ति मोर्चा से की थी. झारखंड आंदोलन में सक्रिय रहते हुए अर्जुन मुंडा ने जनजातीय समुदायों और समाज के पिछड़े तबकों के उत्थान की कोशिश की.1995 में वो खरसावां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. उस समय वो झारखंड मुक्ति मोर्चा में थे. साल 2000 में वो दूसरी बार विधानसभा पहुंचे, लेकिन इस बार वो बीजेपी में थे.

साल 2000 में झारखंड राज्य बना. 2003 में वो पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. तब उनकी उम्र केवल 35 साल थी. 2005 के चुनाव में भी उन्होंने खरसावां से जीत हासिल की. 12 मार्च 2005 को उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 2009 में वो जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2010 में वो एकबार फिर प्रदेश की राजनीति में लौटे और तीसरी बार राज्य के मुख्यमंक्षत्री बने. वो साल 2013 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे. साल 2014 की विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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