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Khunti News: पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप पर आत्मसमर्पण के लिए दबाव, परिजनों से मिली खूंटी पुलिस

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप पर आत्मसमर्पण के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इसको लेकर खूंटी पुलिस ने दिनेश गोप के परिजनों से मुलाकात की. पीएलएफआई सुप्रीमो के माता पिता ने कहा कि छोटे बेटे की तरह नहीं मरेगा दिनेश, हम करवाएंगे सरेंडर.

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Published : May 13, 2023, 9:34 AM IST

Updated : May 13, 2023, 11:19 AM IST

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खूंटीः नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के खिलाफ पुलिस ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है. खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो व 30 लाख के इनामी दिनेश गोप के आत्मसमर्पण को लेकर उसके परिवार वालों पर दबाव बनाने के लिए दिनेश गोप के परिवार वालों के घर गई. पुलिस अधिकारियों ने दिनेश गोप के परिजनों को सरकार की आत्मसमर्पण नीति के बारे में बताया और मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरेंडर करने की अपील की.

इसे भी पढ़ें- Khunti News: अवैध बालू का कारोबार का पीएलएफआई कनेक्शन! एसपी ने कहा- होगी कार्रवाई

खूंटी पुलिस की एक टीम शुक्रवार शाम को दिनेश गोप के परिवार वालों से मिलने रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव जाकर नक्सली दिनेश गोप के पिता कामेश्वर गोप व उसकी मां और बहनोई परमेश्वर यादव से मुलाकात की. पुलिस ने अपील करते हुए कहा कि अपने बेटे को आत्मसमर्पण करने के लिए समझाएं ताकि सरेंडर करने के कुछ सालों तक जेल में रहने के बाद अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सके. अगर वो ऐसा नहीं करता पुलिस उसे कभी भी मुठभेड़ में मार देगी और अगर पकड़ा गया तो लंबे समय तक जेल में ही रहेगा.

खूंटी एसपी अमन कुमार के निर्देश पर गठित टीम जब दिनेश गोप के परिजनों से मिली. इस दौरान दिनेश गोप के माता-पिता ने कहा कि कई वर्षों से दिनेश गोप से उनकी बातचीत नहीं हुई है और ना ही वह घर आया है. पुलिस ने परिजनों को समझाते हुए कहा कि सालों तक जंगलों में जीवन गुजारने के बाद नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज में बेहतर जिंदगी गुजार रहे हैं, जिसमें कई कुख्यात नक्सली भी शामिल हैं. इसलिए मुख्यधारा से जुड़कर समाज के साथ रह सके.

नक्सली दिनेश गोप के गांव लापा गई टीम में तोरपा सर्किल इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, रनिया थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार और जरियागढ़ थाना प्रभारी पंकज कुमार सहित भारी से संख्या में पुलिसबल शामिल रहे. मालूम हो कि रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव में करकटनुमा एक झोपड़ी में पीएलएफआई सुप्रीमो के माता पिता रह रहे हैं. उनके साथ दिनेश गोप की चचेरी बहन और उसका पति व बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं.

इनामी नक्सली पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड में करोड़ों की लेवी वसूलने वाला का परिवार रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव में किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं. दिनेश की चचेरी बहन और उसके पति अपने बच्चों के साथ रहकर जीवन गुजार रहे माता पिता ने पुलिस को बताया कि डेढ़ दो साल से दिनेश गोप से उनकी बातचीत नहीं हुई है. पूरा परिवार कई वर्षों से इसी इलाके में रह रहे हैं. माता पिता ने पुलिस को बताया कि छोटे बेटे की तरह उनका बड़ा बेटा नहीं मरेगा. परिवार वाले उसे मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर पूरी मेहनत करेगा ताकि उसका जीवन बचा रहे.

बता दें कि पुलिस को दिनेश गोप ने परिजनों के ने बताया कि 2003 में छोटा बेटा सुरेश गोप पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. उस समय दिनेश गोप आर्मी की तैयारी कर रहा था. उसी समय आर्मी में बहाली के लिए ज्वाइनिंग लेटर आया था लेकिन भाई के मारे जाने के बाद दिनेश गोप नक्सली संगठन से जुड़ गया. इसके बाद में उसने खुद का संगठन पीएलएफआई बना लिया, तब से लेकर आज तक घर नहीं लौटा है. हालांकि बीच-बीच में परिजनों से फोन के जरिये बातचीत होती रहती थी लेकिन डेढ़ साल से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है.

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खूंटीः नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के खिलाफ पुलिस ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है. खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो व 30 लाख के इनामी दिनेश गोप के आत्मसमर्पण को लेकर उसके परिवार वालों पर दबाव बनाने के लिए दिनेश गोप के परिवार वालों के घर गई. पुलिस अधिकारियों ने दिनेश गोप के परिजनों को सरकार की आत्मसमर्पण नीति के बारे में बताया और मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरेंडर करने की अपील की.

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खूंटी पुलिस की एक टीम शुक्रवार शाम को दिनेश गोप के परिवार वालों से मिलने रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव जाकर नक्सली दिनेश गोप के पिता कामेश्वर गोप व उसकी मां और बहनोई परमेश्वर यादव से मुलाकात की. पुलिस ने अपील करते हुए कहा कि अपने बेटे को आत्मसमर्पण करने के लिए समझाएं ताकि सरेंडर करने के कुछ सालों तक जेल में रहने के बाद अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सके. अगर वो ऐसा नहीं करता पुलिस उसे कभी भी मुठभेड़ में मार देगी और अगर पकड़ा गया तो लंबे समय तक जेल में ही रहेगा.

खूंटी एसपी अमन कुमार के निर्देश पर गठित टीम जब दिनेश गोप के परिजनों से मिली. इस दौरान दिनेश गोप के माता-पिता ने कहा कि कई वर्षों से दिनेश गोप से उनकी बातचीत नहीं हुई है और ना ही वह घर आया है. पुलिस ने परिजनों को समझाते हुए कहा कि सालों तक जंगलों में जीवन गुजारने के बाद नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज में बेहतर जिंदगी गुजार रहे हैं, जिसमें कई कुख्यात नक्सली भी शामिल हैं. इसलिए मुख्यधारा से जुड़कर समाज के साथ रह सके.

नक्सली दिनेश गोप के गांव लापा गई टीम में तोरपा सर्किल इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, रनिया थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार और जरियागढ़ थाना प्रभारी पंकज कुमार सहित भारी से संख्या में पुलिसबल शामिल रहे. मालूम हो कि रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव में करकटनुमा एक झोपड़ी में पीएलएफआई सुप्रीमो के माता पिता रह रहे हैं. उनके साथ दिनेश गोप की चचेरी बहन और उसका पति व बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं.

इनामी नक्सली पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड में करोड़ों की लेवी वसूलने वाला का परिवार रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के लापा गांव में किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं. दिनेश की चचेरी बहन और उसके पति अपने बच्चों के साथ रहकर जीवन गुजार रहे माता पिता ने पुलिस को बताया कि डेढ़ दो साल से दिनेश गोप से उनकी बातचीत नहीं हुई है. पूरा परिवार कई वर्षों से इसी इलाके में रह रहे हैं. माता पिता ने पुलिस को बताया कि छोटे बेटे की तरह उनका बड़ा बेटा नहीं मरेगा. परिवार वाले उसे मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर पूरी मेहनत करेगा ताकि उसका जीवन बचा रहे.

बता दें कि पुलिस को दिनेश गोप ने परिजनों के ने बताया कि 2003 में छोटा बेटा सुरेश गोप पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. उस समय दिनेश गोप आर्मी की तैयारी कर रहा था. उसी समय आर्मी में बहाली के लिए ज्वाइनिंग लेटर आया था लेकिन भाई के मारे जाने के बाद दिनेश गोप नक्सली संगठन से जुड़ गया. इसके बाद में उसने खुद का संगठन पीएलएफआई बना लिया, तब से लेकर आज तक घर नहीं लौटा है. हालांकि बीच-बीच में परिजनों से फोन के जरिये बातचीत होती रहती थी लेकिन डेढ़ साल से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है.

Last Updated : May 13, 2023, 11:19 AM IST
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