ETV Bharat / state

Khunti News: नक्सल प्रभावित गांव के बच्चों का भविष्य संवारने को लेकर खूंटी पुलिस की पहल, कहा- तुबिल बनेगा शिक्षा का केंद्र

खूंटी पुलिस ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यार्थियों के बेहतर शिक्षा के लिए प्रयास किया. ग्रामीणों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनी. उच्च अधिकारियों से बात कर समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया.

khunti police initiative
बच्चों का भविष्य संवारने के लिए खूंटी पुलिस ने की पहल
author img

By

Published : Aug 7, 2023, 11:10 AM IST

खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड के नक्सल प्रभावित तुबिल गांव के लोगों से पुलिस ने मुलाकात की. इस दौरान ग्रामीणों ने बच्चों की बेहतर शिक्षा की बात की. कहा कि सात पंचायतों का एक मात्र उत्क्रमित प्लस टू हाई स्कूल बदहाल है. यहां सुविधाओं का टोटा है. एएसपी ने कहा कि इस कारण से यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Khunti Education News: आदिवासी बच्ची ने किया जेईई एडवांस क्रैक, ऐसे पाई सफलता

खूंटी पुलिस ने क्या कहा: एएसपी रमेश कुमार ने कहा कि मैं भी सरकारी स्कूल में पढ़कर अधिकारी बना हूं. एएसपी ने कहा कि धान रोपनी का काम छोड़कर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शिक्षा के लिए यहां जुटे हैं, यह बड़ी बात है. कहा कि इतनी भारी संख्या में लोगों का जुटना ये पहाड़ों के बीच बसे तुबिल गांव की तस्वीर बदलने का संकेत है. उन्होंने कहा कि भले ही मां-बाप फटे-पूराने कपड़े पहने लेकिन बच्चों को टाइम पर स्कूल जरूर भेजें.

तुबिल बनेगा शिक्षा का केंद्र: एएसपी ने कहा सरकार आपके विकास के लिए हाथ आगे बढ़ा चुकी है. अब आप अपना हाथ बढ़ाएं. दोनो मिलेंगे तो स्कूल की तस्वीर और क्षेत्र की तकदीर बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि तुबिल को शिक्षा का केंद्र बनाना है. इसके लिए छह महीने से साल भर का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल सुधर नहीं जाता, प्रशासन यहां आता रहेगा और अपना प्रयास जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में जिले के वरीय अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे.

पुलिस ने भी किया श्रमदान: इसके पहले ग्रामीणों ने श्रमदान कर पूरे स्कूल परिसर की सफाई की. ग्रामीणों के साथ एएसपी अभियान रमेश कुमार, थाना प्रभारी मो इकबाल हुसैन, सब इंस्पेक्टर मनोज तिर्की ने भी स्कूल की सफाई में ग्रामीणों के साथ श्रमदान किया. मदहातू, तिरला, बिरबांकी, तिनतिला, कोचांग और बोहोण्डा पंचायतों के विभिन्न गांवों के लगभग 300 ग्रामीण तुबिल स्कूल की सफाई करने में जुटे. स्कूल को बेहतर बनाकर जंगलों में कायम अशिक्षा के अंधकार को दूर करने का निर्णय लिया गया.

समिति के पुनर्गठन की मांग: ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंध समिति के पुर्नगठन की मांग की है. साथ ही प्रत्येक माह अभिभावक बैठक करने की बात कही. साथ ही बंद पड़े छात्रावास को फिर से शुरू करने की भी मांग की. वहीं पुराने अर्द्धनिर्मित भवन को तोड़कर पांच कमरों का क्लास रूम बनाने, स्कूल की चहारदीवारी का निर्माण कराने, पुराने भवनों की मरम्मत और रंग-रोगन कराने समेत विद्यालय की सभी समस्याओं का निराकरण करने की मांग जिले के डीसी लोकेश मिश्र से की. ग्रामीणों ने सभा के माध्यम से डीसी लोकेश मिश्र से एक बार स्कूल का निरीक्षण कर समस्याओं को दूर करने का अनुरोध किया.

प्रदर्शनी मैच का आयोजन: जिला पुलिस ने सोशल पुलिसिंग के तहत स्कूल के खेल मैदान में छात्रों के लिए हॉकी और छात्राओं के लिए फुटबॉल के प्रदर्शनी मैच का आयोजन किया. विजेता व उपविजेता टीमों के बीच हॉकी, फुटबॉल व जर्सी का वितरण किया गया. प्रदर्शनी मैच का मकसद स्कूल के विद्यार्थियों में छिपा हुई प्रतिभा को बाहर लाना था. जो बच्चों में दिखा भी. वहीं खेल सामाग्री पाकर विद्यार्थी काफी खुश हुए. वे अपने-अपने ग्रूप के साथ और सेल्फी लेते दिखें.

इन सुविधाओं का लगा टोटा: विद्यालय में कल्याण विभाग द्वारा संचालित 60 बेड का आदिवासी बालक छात्रावास बंद हो गया. छात्रावास का भवन जर्जर हो गया है. स्कूल में बिजली है, लेकिन वायरिंग टूटे फुटे हैं. और बरसात के पानी से दीवारों से टपक रहे है. ऐसे में विद्यार्थियों के करंट के चपेट में आने की संभावना बनी रहती है. यहां आठ भवन हैं, जिसमें से कुछ के छत से पानी टपकता है और बच्चे नीचे बैठकर पढ़ते हैं. स्कूल का चहारदीवारी नहीं है. लगभग आधा दर्जन बोरिंग स्कूल परिसर में हैं, लेकिन एक को छोड़ सभी फेल है. शौचालय टूट-फुट कर बर्बाद हो चुका है.

विद्यालय में हैं कुल 11 शिक्षक: प्रधानाध्यापक 78 किमी दूर रांची से अपनी बाइक से स्कूल आते हैं. पांच शिक्षिकाएं एक कार से प्रतिदिन खूंटी से 38 किमी दूर स्कूल जाती-आतीं हैं. विद्यालय प्रबंध समिति काम नहीं करता, कारण है कि अध्यक्ष ऐसी कुटुम्ब परिवार में शामिल हो गए हैं. ग्रामीण विद्यालय प्रबंध समिति को बदलना चाहते हैं, लेकिन विभागीय कारणों से ऐसा नहीं हो पा रहा है.

खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड के नक्सल प्रभावित तुबिल गांव के लोगों से पुलिस ने मुलाकात की. इस दौरान ग्रामीणों ने बच्चों की बेहतर शिक्षा की बात की. कहा कि सात पंचायतों का एक मात्र उत्क्रमित प्लस टू हाई स्कूल बदहाल है. यहां सुविधाओं का टोटा है. एएसपी ने कहा कि इस कारण से यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Khunti Education News: आदिवासी बच्ची ने किया जेईई एडवांस क्रैक, ऐसे पाई सफलता

खूंटी पुलिस ने क्या कहा: एएसपी रमेश कुमार ने कहा कि मैं भी सरकारी स्कूल में पढ़कर अधिकारी बना हूं. एएसपी ने कहा कि धान रोपनी का काम छोड़कर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शिक्षा के लिए यहां जुटे हैं, यह बड़ी बात है. कहा कि इतनी भारी संख्या में लोगों का जुटना ये पहाड़ों के बीच बसे तुबिल गांव की तस्वीर बदलने का संकेत है. उन्होंने कहा कि भले ही मां-बाप फटे-पूराने कपड़े पहने लेकिन बच्चों को टाइम पर स्कूल जरूर भेजें.

तुबिल बनेगा शिक्षा का केंद्र: एएसपी ने कहा सरकार आपके विकास के लिए हाथ आगे बढ़ा चुकी है. अब आप अपना हाथ बढ़ाएं. दोनो मिलेंगे तो स्कूल की तस्वीर और क्षेत्र की तकदीर बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि तुबिल को शिक्षा का केंद्र बनाना है. इसके लिए छह महीने से साल भर का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल सुधर नहीं जाता, प्रशासन यहां आता रहेगा और अपना प्रयास जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में जिले के वरीय अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे.

पुलिस ने भी किया श्रमदान: इसके पहले ग्रामीणों ने श्रमदान कर पूरे स्कूल परिसर की सफाई की. ग्रामीणों के साथ एएसपी अभियान रमेश कुमार, थाना प्रभारी मो इकबाल हुसैन, सब इंस्पेक्टर मनोज तिर्की ने भी स्कूल की सफाई में ग्रामीणों के साथ श्रमदान किया. मदहातू, तिरला, बिरबांकी, तिनतिला, कोचांग और बोहोण्डा पंचायतों के विभिन्न गांवों के लगभग 300 ग्रामीण तुबिल स्कूल की सफाई करने में जुटे. स्कूल को बेहतर बनाकर जंगलों में कायम अशिक्षा के अंधकार को दूर करने का निर्णय लिया गया.

समिति के पुनर्गठन की मांग: ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंध समिति के पुर्नगठन की मांग की है. साथ ही प्रत्येक माह अभिभावक बैठक करने की बात कही. साथ ही बंद पड़े छात्रावास को फिर से शुरू करने की भी मांग की. वहीं पुराने अर्द्धनिर्मित भवन को तोड़कर पांच कमरों का क्लास रूम बनाने, स्कूल की चहारदीवारी का निर्माण कराने, पुराने भवनों की मरम्मत और रंग-रोगन कराने समेत विद्यालय की सभी समस्याओं का निराकरण करने की मांग जिले के डीसी लोकेश मिश्र से की. ग्रामीणों ने सभा के माध्यम से डीसी लोकेश मिश्र से एक बार स्कूल का निरीक्षण कर समस्याओं को दूर करने का अनुरोध किया.

प्रदर्शनी मैच का आयोजन: जिला पुलिस ने सोशल पुलिसिंग के तहत स्कूल के खेल मैदान में छात्रों के लिए हॉकी और छात्राओं के लिए फुटबॉल के प्रदर्शनी मैच का आयोजन किया. विजेता व उपविजेता टीमों के बीच हॉकी, फुटबॉल व जर्सी का वितरण किया गया. प्रदर्शनी मैच का मकसद स्कूल के विद्यार्थियों में छिपा हुई प्रतिभा को बाहर लाना था. जो बच्चों में दिखा भी. वहीं खेल सामाग्री पाकर विद्यार्थी काफी खुश हुए. वे अपने-अपने ग्रूप के साथ और सेल्फी लेते दिखें.

इन सुविधाओं का लगा टोटा: विद्यालय में कल्याण विभाग द्वारा संचालित 60 बेड का आदिवासी बालक छात्रावास बंद हो गया. छात्रावास का भवन जर्जर हो गया है. स्कूल में बिजली है, लेकिन वायरिंग टूटे फुटे हैं. और बरसात के पानी से दीवारों से टपक रहे है. ऐसे में विद्यार्थियों के करंट के चपेट में आने की संभावना बनी रहती है. यहां आठ भवन हैं, जिसमें से कुछ के छत से पानी टपकता है और बच्चे नीचे बैठकर पढ़ते हैं. स्कूल का चहारदीवारी नहीं है. लगभग आधा दर्जन बोरिंग स्कूल परिसर में हैं, लेकिन एक को छोड़ सभी फेल है. शौचालय टूट-फुट कर बर्बाद हो चुका है.

विद्यालय में हैं कुल 11 शिक्षक: प्रधानाध्यापक 78 किमी दूर रांची से अपनी बाइक से स्कूल आते हैं. पांच शिक्षिकाएं एक कार से प्रतिदिन खूंटी से 38 किमी दूर स्कूल जाती-आतीं हैं. विद्यालय प्रबंध समिति काम नहीं करता, कारण है कि अध्यक्ष ऐसी कुटुम्ब परिवार में शामिल हो गए हैं. ग्रामीण विद्यालय प्रबंध समिति को बदलना चाहते हैं, लेकिन विभागीय कारणों से ऐसा नहीं हो पा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.