खूंटीः कड़िया मुंडा झारखंड का वो नाम जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है. वो खूंटी से आठ बार सांसद रह चुके हैं. लोकसभा उपाध्यक्ष रहे, दो बार विधायक रहे और वाजपेयी सरकार में कोयला मंत्रालय भी संभाला है. इसके अलावा झारखंड को एक दिशा देने वाले भाजपा के कद्दावर और पद्मभूषण से सम्मानित शख्सियत हैं. लेकिन आज उनकी और उनके क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है. इस उपेक्षा की वजह क्या है. इसके बारे में बात की कड़िया मुंडा ने.
ईटीवी भारत को पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने बताया कि सरकार और सिस्टम उनके साथ पक्षपात कर रहा(kariya munda on jharkhand government) है. ऐसा इसलिए क्योंकि तीन सालों से वो घर में है और उनके घर तक पहुंचने वाली सड़क जर्जर है. जिसे बनवाने के लिए कई बार सरकार और जिला प्रशासन को फोन किया लेकिन सिर्फ मिला तो आश्वासन. रांची चाईबासा मुख्य सड़क से कड़िया मुंडा के घर की दूरी लगभग ढाई किमी है. अनिगढ़ा पंचायत में दर्जनों गांव हैं और इस गांव से होते हुए घाघरा पंचायत को जाती है. जो कई गांवों को जोड़ती है लेकिन आज सड़कें जर्जर हो चुकी हैं.
सड़कों की मरम्मत के लिए पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने सीएम से बात की. यही नहीं जिला प्रशासन से भी बात हुई. लेकिन तीन सालों में सड़क नहीं बन सकी. ईटीवी भारत ने जब कड़िया मुंडा से जर्जर सड़क को लेकर सवाल किया तो कड़िया मुंडा ने कहा कि यह तो अब सरकार को पूछना पड़ेगा न भाई कि पक्षपात तो नहीं हो रहा है. सरकार झामुमो की है और मैं भाजपा का और ऐसे कोई कारण तो है नहीं. हमारे पूरे पंचायत को ये सड़क कवर करती है. सरकार और जिला प्रशासन से बात करने पर आश्वासन मिलता है कि सड़क जरूर बनेगी लेकिन बनती नहीं.