खूंटी: मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 3 जनवरी को हर साल धूमधाम से जयंती मनाई जाती है. उनका जन्म तीन जनवरी 1903 को खूंटी जिले के टकरा में हुआ था. गांव के बीच स्थित जयपाल सिंह के कब्रगाह में हर साल माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित की जाती है. इसके साथ ही उनकी जयंती पर विभिन्न सांस्कृतिक और खेल से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल होंगे.
जयपाल मुंडा ने बनायी थी अंतरराष्ट्रीय पहचान
जयपाल सिंह मुंडा देश के संविधान निर्माण काल में संविधान सभा के सदस्य के तौर पर जनजातीय हितों को शामिल कराने में मुख्य भूमिका निभायी थी और इसी कारण जनजातीय परंपराओं और हितों को संरक्षित रखते हुए विकास की अवधारणा पर संविधान में प्रमुख बिंदुओं को शामिल कराया. इसके साथ ही राष्ट्रीय खेल हॉकी को अपनी कप्तानी में 1928 में गोल्ड मेडल दिलाकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनायी थी.
हॉकी की प्रतिभा के धनी थे मरांग गोमके
ग्रामीणों के अनुसार सालों बाद भी टकरा गांव के बेरोजगार युवा आर्मी बहाली की कई प्रक्रियाओं में शामिल हुए. इसके बावजूद सिस्टम की मार में युवाओं का चयन शारीरिक फिटनेस के बावजूद संभव नहीं हो सका. मरांग गोमके राष्ट्रीय खेल हॉकी की प्रतिभा के भी धनी थे इसलिए गांव का एक-एक बच्चा हॉकी में भी निपुणता के साथ आगे बढ़ता रहा लेकिन खेल के माध्यम से भी यहां के युवा रोजगार की दहलीज तक नहीं पहुंच पाए. अब सिर्फ खेती बारी ही एकमात्र धंधा बन गया है.
गांव की आर्थिक व्यवस्था
टकरा गांव को आदर्श ग्राम के रूप में जिला प्रशासन ने विकसित करने की योजना है. गांव में सड़कें बनायी गयी हैं, घर-घर शौचालय का निर्माण भी कराया गया लेकिन कई शौचालयों के टूटने फूटने से अब ग्रामीण खुले में ही शौच करने को मजबूर हैं. गांव में 150 जनजातीय परिवार निवास करते हैं. पूर्व में टकरा गांव में घर-घर से एक व्यक्ति सेना की नौकरी करता था लेकिन अब गांव से मात्र 2 ही व्यक्ति सेना में हैं. गांव की आर्थिक व्यवस्था सिर्फ कृषि पर ही आश्रित है.
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वहीं, 3 जनवरी को टकरा गांव में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचेंगे. जिला प्रशासन तैयारियां कर रहा है लेकिन ग्रामीणों को अब भी उम्मीद है कि इस बार केंद्रीय मंत्री के आने से गांव के आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कुछ बेहतर कार्य होंगे और युवाओं को रोजगार से जोड़कर गांव की तस्वीर बदलेगी.