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सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं सरकार के बहिष्कार करने वाले, 1000 ग्रामीणों ने वापस ली सरकारी दस्तावेज - खूंटी में ग्रामीण वापस ले रहे हैं सरकारी दस्तावेज

खूंटी में सरकार का वहिष्कार करने वाले सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं. सरकारी दस्तावेजों को जलाने वाले ग्रामीण अब सरकारी योजनाओं में भागीदारी के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. लगभग 1000 से अधिक ग्रामीणों ने राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड लौटाने के बाद वापस ले लिए.

Government boycotters are joining government schemes
सरकार के बहिष्कार करने वाले
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Published : Jun 20, 2020, 6:12 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 6:31 PM IST

खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड क्षेत्र में विवादित पत्थलगड़ी के समर्थक तेजी से सरकार के साथ जुड़ रहे हैं. जिन्होंने अपने सरकारी दस्तावेज जला दिए थे या राज्यपाल को वापस कर दिए थे वो सरकारी दस्तावेज वापसी के लिए अधिकारियों को लगातार पत्र लिखकर गुहार लगा रहे हैं. अधिकारी भी उनके दिए आवेदन पर काम कर रहे हैं और ग्रामीणों को उनका दस्तावेज वापस करने में अड़की प्रखंड के सभी कर्मचारी लगे हुए हैं.

देखें पूरी खबर

दो वर्ष पूर्व तक ग्रामीण सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ खड़े थे और इलाके में समानांतर सरकार चलाने की दंभ भरते थे. कुछ नेताओं के बहकावे में आकर ग्रामीण क्षेत्र में अफसरों और कर्मियों को जाने से रोकते थे. अगर कोई चला जाए तो उसे बंधक बना लेते थे. यह ग्रामीणों की परंपरा में शामिल हो गया था. ग्रामीणों के क्रोध के कारण अफसर इलाके में जाने से डरते थे. जिससे क्षेत्र में सरकारी योजनाओं को पहुंचा पाना कठिन हो गया था. कारण क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाए नहीं पहुंच पाई. जिससे क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया.

ये भी पढ़ें- विधायक बंधु तिर्की ने की बैठक, नरकोपी प्रखंड गठन की मांग पर चर्चा

पहले अड़की प्रखंड मुख्यालय में सन्नाटा पसरा रहता था. ग्रामीणों के नहीं पहुंचने से प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी आराम फरमाते थे, लेकिन अब अड़की प्रखंड मुख्यालय अब अलग दिखाई दे रहा है क्योंकि रोजाना यहां ग्रामीणों का जमावड़ा लग रहा है. कोरोना महामारी से लगी लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों को भूख सताने लगी तो सरकार और जिला प्रशासन को याद करने लगे. धीरे-धीरे ग्रामीणों में एकजुटता आई और मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं. नतीजतन ग्रामीण अब अपना वह दस्तावेज मांग रहे है जिससे सरकारी लाभ मिल सके. बता दें कि दो साल पहले ग्रामीणों ने इन दस्तावेजों को जला दिया था या राज्यपाल को वापस कर दिया था.

सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं ग्रामीण

जिला प्रशासन 30 से 50 किमी दूर तक पैदल सफर कर अड़की मुख्यालय पहुंच रहे ग्रामीणों का स्वागत कर रही है. दिए गए आवेदनों के अनुसार उनका दस्तावेज भी वापस किया जा रहा है. उसके अलावा ग्रामीण आवेदन देकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की मांग कर रहे है. प्रशासन भी उन्हें योजनाओं से जोड़ रही है और रोजगार से भी. जितने ग्रामीणों ने अब तक दस्तावेज लिया उनमे अधिकतर वृद्ध महिला और पुरुषों को वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री आवास से लेकर घरों तक बिजली और गैस कनेक्शन भी दे रही है.

बीडीओ गौतम साहू ने ग्रामीणों के बीच आपसी तनाव को दूर करने के लिए रोजगार भी देने का काम किया है. मनरेगा के तहत अड़की क्षेत्र के लगभग 800 बेरोजगारों को रोजगार दिया है. आम बागवानी, कुआं निर्माण, टीसीबी और मेड़बंदी का काम कर ग्रामीण पैसा कमा रहे हैं. बीडीओ ने ग्रामीणों के बीच आए बदलाव का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी है. बीडीओ ने कहा कि जल्द ही अड़की झारखंड ही नहीं बल्कि देश में मिशाल बनेगा.

ये भी पढ़ें- नेपाल का अब बिहार में मोतिहारी की जमीन पर दावा, बांध का काम रोका

बता दें कि दो वर्ष पूर्व तक अड़की इलाका राष्ट्रीय मीडिया का सुर्खियों में था. क्योंकि इलाके के ग्रामीण पुलिस जवान से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक को बंधक बना कर खौफ पैदा करते थे.

1000 लोग ले चुके है राशन, आधार और वोटर कार्ड

विवादित पत्थलगड़ी से प्रभावित गांवों के लगभग एक हजार ग्रामीणों ने अपना राशन, आधार और वोटर आईडी कार्ड वापस ले लिया है. अब तक तिंतिला, कोपे, भुरसुडीह, दुंदुपीड़ी, यगोनय, मुर्गीडीह, मदहातू, पड़ासू, कोदलेबे, चलोमहुटुब, हिचोर, बीरबांकी और तिरला पंचायत के सैकड़ो ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय से आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड वापस लिया है.

खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड क्षेत्र में विवादित पत्थलगड़ी के समर्थक तेजी से सरकार के साथ जुड़ रहे हैं. जिन्होंने अपने सरकारी दस्तावेज जला दिए थे या राज्यपाल को वापस कर दिए थे वो सरकारी दस्तावेज वापसी के लिए अधिकारियों को लगातार पत्र लिखकर गुहार लगा रहे हैं. अधिकारी भी उनके दिए आवेदन पर काम कर रहे हैं और ग्रामीणों को उनका दस्तावेज वापस करने में अड़की प्रखंड के सभी कर्मचारी लगे हुए हैं.

देखें पूरी खबर

दो वर्ष पूर्व तक ग्रामीण सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ खड़े थे और इलाके में समानांतर सरकार चलाने की दंभ भरते थे. कुछ नेताओं के बहकावे में आकर ग्रामीण क्षेत्र में अफसरों और कर्मियों को जाने से रोकते थे. अगर कोई चला जाए तो उसे बंधक बना लेते थे. यह ग्रामीणों की परंपरा में शामिल हो गया था. ग्रामीणों के क्रोध के कारण अफसर इलाके में जाने से डरते थे. जिससे क्षेत्र में सरकारी योजनाओं को पहुंचा पाना कठिन हो गया था. कारण क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाए नहीं पहुंच पाई. जिससे क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया.

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पहले अड़की प्रखंड मुख्यालय में सन्नाटा पसरा रहता था. ग्रामीणों के नहीं पहुंचने से प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी आराम फरमाते थे, लेकिन अब अड़की प्रखंड मुख्यालय अब अलग दिखाई दे रहा है क्योंकि रोजाना यहां ग्रामीणों का जमावड़ा लग रहा है. कोरोना महामारी से लगी लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों को भूख सताने लगी तो सरकार और जिला प्रशासन को याद करने लगे. धीरे-धीरे ग्रामीणों में एकजुटता आई और मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं. नतीजतन ग्रामीण अब अपना वह दस्तावेज मांग रहे है जिससे सरकारी लाभ मिल सके. बता दें कि दो साल पहले ग्रामीणों ने इन दस्तावेजों को जला दिया था या राज्यपाल को वापस कर दिया था.

सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं ग्रामीण

जिला प्रशासन 30 से 50 किमी दूर तक पैदल सफर कर अड़की मुख्यालय पहुंच रहे ग्रामीणों का स्वागत कर रही है. दिए गए आवेदनों के अनुसार उनका दस्तावेज भी वापस किया जा रहा है. उसके अलावा ग्रामीण आवेदन देकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की मांग कर रहे है. प्रशासन भी उन्हें योजनाओं से जोड़ रही है और रोजगार से भी. जितने ग्रामीणों ने अब तक दस्तावेज लिया उनमे अधिकतर वृद्ध महिला और पुरुषों को वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री आवास से लेकर घरों तक बिजली और गैस कनेक्शन भी दे रही है.

बीडीओ गौतम साहू ने ग्रामीणों के बीच आपसी तनाव को दूर करने के लिए रोजगार भी देने का काम किया है. मनरेगा के तहत अड़की क्षेत्र के लगभग 800 बेरोजगारों को रोजगार दिया है. आम बागवानी, कुआं निर्माण, टीसीबी और मेड़बंदी का काम कर ग्रामीण पैसा कमा रहे हैं. बीडीओ ने ग्रामीणों के बीच आए बदलाव का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी है. बीडीओ ने कहा कि जल्द ही अड़की झारखंड ही नहीं बल्कि देश में मिशाल बनेगा.

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बता दें कि दो वर्ष पूर्व तक अड़की इलाका राष्ट्रीय मीडिया का सुर्खियों में था. क्योंकि इलाके के ग्रामीण पुलिस जवान से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक को बंधक बना कर खौफ पैदा करते थे.

1000 लोग ले चुके है राशन, आधार और वोटर कार्ड

विवादित पत्थलगड़ी से प्रभावित गांवों के लगभग एक हजार ग्रामीणों ने अपना राशन, आधार और वोटर आईडी कार्ड वापस ले लिया है. अब तक तिंतिला, कोपे, भुरसुडीह, दुंदुपीड़ी, यगोनय, मुर्गीडीह, मदहातू, पड़ासू, कोदलेबे, चलोमहुटुब, हिचोर, बीरबांकी और तिरला पंचायत के सैकड़ो ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय से आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड वापस लिया है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 6:31 PM IST

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