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विधायक ने ग्रामीण मंत्री को घेरा, कहा- 15वें वित्त आयोग की राशि नहीं देने से गांव का विकास रुका - खूंटी में पंचायतों का 15वां वित्त आयोग

खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंचायतों के 15वें वित्त आयोग की राशि को खर्च करने के मामले में झारखंड सरकार या अधिकारी टाल-मटोल की नीति अपना रहे हैं और विकास कार्य लंबित रखना चाहते हैं. जिसकी वजह से गांव का विकास नहीं हो पा रहा है.

development of village in khunti
उपायुक्त कार्यालय
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Published : Nov 29, 2020, 7:23 AM IST

खूंटीः राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह वर्तमान खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने झारखंड सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार किसी भी योजना के लिए राशि का आवंटन करती है तो उसी समय राशि का उपयोग करने की पूरी गाइड लाइन पूर्व लिखित होती है. लेकिन पंचायतों के 15वें वित्त आयोग की राशि को खर्च करने के मामले में झारखंड सरकार या अधिकारी कहीं ना कहीं गाइडलाइन का हवाला देकर टाल-मटोल की नीति अपना रहे हैं और विकास कार्यों को लंबित रखना चाहते हैं. इस संबंध में वह ग्रामीण विकास विभाग के वर्तमान मंत्री और सचिव से भी बातचीत कर जल्द इस मसले में समाधान चाहते हैं.

देखें पूरी खबर

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पंचायतों के विकास कार्यों में रुकावट
जिले के पंचायत प्रतिनिधि भी 15वें वित्त आयोग की राशि पर प्रखंड स्तर से अड़चन लगाने की बात को सही ठहराया है. रुक्मिला देवी ने कहा कि प्रखंड स्तरीय सरकारी अधिकारी कोई ना कोई बहाना ढूंढकर पंचायतों के विकास कार्यों में रुकावट लगा रहे हैं. खूंटी की प्रमुख ने सीधे प्रखंड विकास पदाधिकारी पर सवाल खड़ा किया और कहा कि जब भी पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर कार्यादेश निकालने की बात की जाती है तो पॉर्टल नहीं खुलने की बात कही जाती है. पोर्टल नहीं खुलने का बहाना लगाकर पंचायतों के विकास पर रोक लगाई जा रही है. एक तरफ ग्रामीण विकास विभाग के सचिव 31 दिसंबर तक आवंटित राशि को खर्च करने की बात करते हैं. वहीं दूसरी ओर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी पोर्टल नहीं खुलने का बहाना बनाकर पंचायतों के फंड को फ्रिज करके रखना चाहते हैं. पंचायतों के विकास की राशि पंचायत प्रतिनिधियों को न मिले तो गांव का विकास कैसे संभव होगा.

खूंटीः राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह वर्तमान खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने झारखंड सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार किसी भी योजना के लिए राशि का आवंटन करती है तो उसी समय राशि का उपयोग करने की पूरी गाइड लाइन पूर्व लिखित होती है. लेकिन पंचायतों के 15वें वित्त आयोग की राशि को खर्च करने के मामले में झारखंड सरकार या अधिकारी कहीं ना कहीं गाइडलाइन का हवाला देकर टाल-मटोल की नीति अपना रहे हैं और विकास कार्यों को लंबित रखना चाहते हैं. इस संबंध में वह ग्रामीण विकास विभाग के वर्तमान मंत्री और सचिव से भी बातचीत कर जल्द इस मसले में समाधान चाहते हैं.

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पंचायतों के विकास कार्यों में रुकावट
जिले के पंचायत प्रतिनिधि भी 15वें वित्त आयोग की राशि पर प्रखंड स्तर से अड़चन लगाने की बात को सही ठहराया है. रुक्मिला देवी ने कहा कि प्रखंड स्तरीय सरकारी अधिकारी कोई ना कोई बहाना ढूंढकर पंचायतों के विकास कार्यों में रुकावट लगा रहे हैं. खूंटी की प्रमुख ने सीधे प्रखंड विकास पदाधिकारी पर सवाल खड़ा किया और कहा कि जब भी पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर कार्यादेश निकालने की बात की जाती है तो पॉर्टल नहीं खुलने की बात कही जाती है. पोर्टल नहीं खुलने का बहाना लगाकर पंचायतों के विकास पर रोक लगाई जा रही है. एक तरफ ग्रामीण विकास विभाग के सचिव 31 दिसंबर तक आवंटित राशि को खर्च करने की बात करते हैं. वहीं दूसरी ओर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी पोर्टल नहीं खुलने का बहाना बनाकर पंचायतों के फंड को फ्रिज करके रखना चाहते हैं. पंचायतों के विकास की राशि पंचायत प्रतिनिधियों को न मिले तो गांव का विकास कैसे संभव होगा.

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