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Financial irregularities in Khunti: किसान पाठशाला के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितता, जांच करने पहुंची टीम

खूंटी में मनरेगा पार्क सह किसान पाठशाला बनाया गया, ताकि स्थानीय किसानों को लाभ मिल सके. लेकिन किसान पाठशाला के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की गई है. इसकी जांच दो सदस्यीय टीम ने शुरू कर दी है.

Khunti Kisan Pathshala
किसान पाठशाला के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितता
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Published : Feb 17, 2023, 5:09 PM IST

जानकारी देते समाजसेवी

खूंटीः जिले के कुर्रा प्रखंड में मनरेगा पार्क सह किसान पाठशाला बनाया गया है. इस किसान पाठशाला के निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई. इस अनियमितता से संबंधित शिकायत समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से की. इस शिकायत के आलोक में शुक्रवार को झारखंड सरकार के दो सदस्यीय टीम किसान पाठशाला पहुंची और वित्तीय अनियमितता की जांच की.

यह भी पढ़ेंः सीएम ने खूंटी को दी 322 करोड़ की योजनाओं की सौगात, किसान पाठशाला का शुभारंभ, वोट बैंक पर भी नजर

मिली जानकारी के अनुसार जांच टीम ने किसान पाठशाला के निर्माण में कई स्तर पर अनियमितता पाई है. अनियमितता को रेखांकित भी किया है. बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपा जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि मनरेगा पार्क में बरती गई अनियमितता की खबर ईटीवी भारत ने 21 अक्टूबर 2022 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

कर्रा में समेकित कृषि प्रणाली के तहत किसान पाठशाला का निर्माण किया गया है. समेकित कृषि प्रणाली सह किसान पाठशाला में गाय पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, बत्तख पालन, मछली पालन, वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ साथ साग सब्जियों की खेती करने की व्यवस्था की गई है. लेकिन निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है. इसकी शिकायत समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने सीएमओ से की, जिसपर सीएमओ ने संज्ञान लिया और दक्षिणी छोटानागपुर कमिश्नर प्रवीण टोप्पो को निर्देश दिया की मामले की जांच करें. इस निर्देश के आलोक में दो सदस्यीय टीम किसान पाठशाला की जांच करने पहुंची, जिसमें संयुक्त सचिव निरंजन कुमार और संध्या कुमारी शालिम हैं. इसके साथ ही बीडीओ निशा कुमारी और शिकायतकर्त्ता दिलीप मिश्रा भी जांच के दौरान उपस्थित थे.

दिलीप मिश्रा ने बताया कि जांच टीम ने तालाब निर्माण, भूमि समतलीकरण, मुर्गी, बत्तख, बकरी भैसा पालन शेड का निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, जहां अनियमितता स्पष्ट दिखा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत बनने वाले शेड पर काफी कम राशि का प्रावधान है. लेकिन कृषि पार्क में एक एक शेड को बनाने पर 4 से 9 लाख रुपये खर्च किए गए है. भूमि संरक्षण के नियमों की अवहेलना की गई है.

जानकारी देते समाजसेवी

खूंटीः जिले के कुर्रा प्रखंड में मनरेगा पार्क सह किसान पाठशाला बनाया गया है. इस किसान पाठशाला के निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई. इस अनियमितता से संबंधित शिकायत समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से की. इस शिकायत के आलोक में शुक्रवार को झारखंड सरकार के दो सदस्यीय टीम किसान पाठशाला पहुंची और वित्तीय अनियमितता की जांच की.

यह भी पढ़ेंः सीएम ने खूंटी को दी 322 करोड़ की योजनाओं की सौगात, किसान पाठशाला का शुभारंभ, वोट बैंक पर भी नजर

मिली जानकारी के अनुसार जांच टीम ने किसान पाठशाला के निर्माण में कई स्तर पर अनियमितता पाई है. अनियमितता को रेखांकित भी किया है. बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपा जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि मनरेगा पार्क में बरती गई अनियमितता की खबर ईटीवी भारत ने 21 अक्टूबर 2022 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

कर्रा में समेकित कृषि प्रणाली के तहत किसान पाठशाला का निर्माण किया गया है. समेकित कृषि प्रणाली सह किसान पाठशाला में गाय पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, बत्तख पालन, मछली पालन, वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ साथ साग सब्जियों की खेती करने की व्यवस्था की गई है. लेकिन निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है. इसकी शिकायत समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने सीएमओ से की, जिसपर सीएमओ ने संज्ञान लिया और दक्षिणी छोटानागपुर कमिश्नर प्रवीण टोप्पो को निर्देश दिया की मामले की जांच करें. इस निर्देश के आलोक में दो सदस्यीय टीम किसान पाठशाला की जांच करने पहुंची, जिसमें संयुक्त सचिव निरंजन कुमार और संध्या कुमारी शालिम हैं. इसके साथ ही बीडीओ निशा कुमारी और शिकायतकर्त्ता दिलीप मिश्रा भी जांच के दौरान उपस्थित थे.

दिलीप मिश्रा ने बताया कि जांच टीम ने तालाब निर्माण, भूमि समतलीकरण, मुर्गी, बत्तख, बकरी भैसा पालन शेड का निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, जहां अनियमितता स्पष्ट दिखा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत बनने वाले शेड पर काफी कम राशि का प्रावधान है. लेकिन कृषि पार्क में एक एक शेड को बनाने पर 4 से 9 लाख रुपये खर्च किए गए है. भूमि संरक्षण के नियमों की अवहेलना की गई है.

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