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खूंटी में बेअसर रहा नक्सलियों के बंद का असर, ग्रामीणों ने बेखौफ होकर सरकारी योजनाओं का लिया लाभ - खूंटी में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम

खूंटी जिला नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. लेकिन भाकपा माओवादियों का तीन दिवसीय झारखंड बंद का असर पहली बार जिले में बेअसर दिखा. जिला प्रशासन की टीम ने कई जगहों पर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों को सरकारी योजना का लाभ पहुंचाया. ग्रामीण भी बेखौफ होकर योजना का लाभ लेने भारी संख्या में पहुंचे.

effect of Naxalites bandh remained ineffective in Khunti
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम
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Published : Nov 25, 2021, 9:41 PM IST

खूंटी: भाकपा माओवादियों का तीन दिवसीय झारखंड बंद का असर पहली बार जिले में बेअसर साबित हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों में भले ही बंद का असर रहा हो. लेकिन शरही क्षेत्र में सभी प्रतिष्ठान खुले रहे. ऐसा पहली बार हुआ है जब नक्सलियों के बुलाए गए बंदी का लोगों ने खुले तौर पर बहिष्कार किया हो.

इसे भी पढे़ं: माओवादियों ने भारत बंद सफल करने के लिए चाईबासा में उड़ाया पुलिया

जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत इंचापीढ़ी और अड़की के हूंट में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. पुलिस ग्रामीणों को निडर होकर घर से निकलते देख गदगद हो गई. जिले के कई क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीम सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पहुंची. वहीं मुरहू और अड़की क्षेत्र में जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ दिया. मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच धोती, साड़ी और कंबल का वितरण किया गया. जबकि सुकन्या योजना, प्रधानमंत्री वंदना योजना के तहत लोगों को पेंशन का लाभ दिया गया.

नक्सलियों को खिलाफ अभियान


नक्सली बंदी को लेकर खूंटी पुलिस नक्सलियों के ठिकानों पर अभियान चला रही है. इसके अलावा शहर से लेकर गांव और जंगलों तक सीआरपीएफ, जैप, सैट, कोबरा समेत जिला पुलिस के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं. जिसके कारण ग्रामीण बेखौफ नजर आ रहे हैं. जिले में पहली बार ग्रामीण बेखौफ घर से निकलते दिखे.

नक्सलियों पर पुलिस की पैनी नजर

भाकपा माओवादियों ने तीन दिनों का झारखंड, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान किया था. बंद का गुरुवार को आखिरी दिन था. तीन दिनों के अंदर नक्सली किसी भी कांड को अंजाम देने से असफल रहे. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. खूंटी पुलिस बंद को लेकर पूरी एहतियात बरतने में कामयाब रही. जिसका नतीजा है कि ग्रामीण बेखौफ अपने घरों से निकल कर सरकारी योजना का लाभ लेने पहुंच रहे हैं.

इसे भी पढे़ं: गिरिडीह जेल में बंद नक्सली प्रशांत सहित 11 पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा, डीसी ने भेजा प्रस्ताव


कोचांग कैंप को नक्सलियों ने बनाया निशाना


नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कोचांग कैंप को निशाना बनाया था. लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण नक्सलियों को भागना पड़ा. इसके अलावा नक्सलियों ने बैनर पोस्टर चस्पा कर भी ग्रामीणों में खौफ पैदा करने की कोशिश की थी. लेकिन ग्रामीणों ने नक्सलियों का बहिष्कार कर दिया.

खूंटी: भाकपा माओवादियों का तीन दिवसीय झारखंड बंद का असर पहली बार जिले में बेअसर साबित हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों में भले ही बंद का असर रहा हो. लेकिन शरही क्षेत्र में सभी प्रतिष्ठान खुले रहे. ऐसा पहली बार हुआ है जब नक्सलियों के बुलाए गए बंदी का लोगों ने खुले तौर पर बहिष्कार किया हो.

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जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत इंचापीढ़ी और अड़की के हूंट में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. पुलिस ग्रामीणों को निडर होकर घर से निकलते देख गदगद हो गई. जिले के कई क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीम सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पहुंची. वहीं मुरहू और अड़की क्षेत्र में जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ दिया. मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच धोती, साड़ी और कंबल का वितरण किया गया. जबकि सुकन्या योजना, प्रधानमंत्री वंदना योजना के तहत लोगों को पेंशन का लाभ दिया गया.

नक्सलियों को खिलाफ अभियान


नक्सली बंदी को लेकर खूंटी पुलिस नक्सलियों के ठिकानों पर अभियान चला रही है. इसके अलावा शहर से लेकर गांव और जंगलों तक सीआरपीएफ, जैप, सैट, कोबरा समेत जिला पुलिस के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं. जिसके कारण ग्रामीण बेखौफ नजर आ रहे हैं. जिले में पहली बार ग्रामीण बेखौफ घर से निकलते दिखे.

नक्सलियों पर पुलिस की पैनी नजर

भाकपा माओवादियों ने तीन दिनों का झारखंड, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान किया था. बंद का गुरुवार को आखिरी दिन था. तीन दिनों के अंदर नक्सली किसी भी कांड को अंजाम देने से असफल रहे. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. खूंटी पुलिस बंद को लेकर पूरी एहतियात बरतने में कामयाब रही. जिसका नतीजा है कि ग्रामीण बेखौफ अपने घरों से निकल कर सरकारी योजना का लाभ लेने पहुंच रहे हैं.

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कोचांग कैंप को नक्सलियों ने बनाया निशाना


नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कोचांग कैंप को निशाना बनाया था. लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण नक्सलियों को भागना पड़ा. इसके अलावा नक्सलियों ने बैनर पोस्टर चस्पा कर भी ग्रामीणों में खौफ पैदा करने की कोशिश की थी. लेकिन ग्रामीणों ने नक्सलियों का बहिष्कार कर दिया.

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