खूंटीः मार्च के महीने से ही दिन प्रतिदिन गर्मी बढ़ने के साथ ही जल संकट गंभीर होती जा रही है. जिला के शहरी इलाकों सहित आसपास ग्रामीण इलाके अधिकतर जलस्त्रोत या तो पूरी तरह से सूख गए है या सूखने के कगार पर हैं. ऐसे में जल संकट से उबरने के लिए गुरुवार को डीसी की अध्यक्षता में तमाम पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की गयी.
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जिला का अड़की, रनिया, तोरपा जबकि खूंटी शहर के कुछ इलाके ड्राई जोन के रूप में पूर्व से चिन्हित किये गए हैं. लेकिन इसके अतिरिक्त अफीम वाला क्षेत्र ड्राई जोन के दायरे में आने लगे हैं, जिसके कारण इस क्षेत्र के तालाब और नदी सूख चुकी हैं. नदी के बीच में पतली पानी की धार बह रही है अर्थात नदी अब नाला में परिवर्तित हो गए हैं. वहीं प्रखंड के अधिकतर कुआं का पानी भी सूख चुका है.
इन इलाकों में आलम ऐसा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण चुआं का पानी पी रहे है, कई जगहों पर तो लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हो गए हैं. अड़की, मुरहू और खूंटी प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर गांवों में तालाब जलविहीन हो चुके हैं और कुओं का पानी दिनोंदिन पाताल में समाता जा रहा है. इसके पीछे सिर्फ उन क्षेत्रों में उगाने वाली अफीम की खेत और उसमें पटवन करना ही मुख्य कारण है. जिला में बढ़ते जल संकट से ग्रामीण परेशान हैं, सबसे अधिक मवेशी परेशान हो रहे हैं. जिला प्रशासन भी मानता है कि अवैध अफीम के कारण पानी की समस्या बढ़ी है. हालांकि दावा जरूर है कि उन क्षेत्रों में प्रशासन कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.
खूंटी में जल संकट को लेकर जिला प्रशासन की बैठकः गुरुवार को जिला प्रशासन ने जल संकट से निपटने के लिए जिले के सभी सीओ बीडीओ और थानेदारों के साथ बैठक कर पानी की उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया है. खूंटी डीसी शशि रंजन की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें पेयजल स्वच्छता प्रमंडल, खूंटी के अधिकारी, जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं थाना प्रभारी शामिल रहे.
इस मीटिंग में गर्मी के वर्तमान मौसम में जिले में आने वाले दिनों में पेयजल संकट की संभावना को लेकर प्रखंडों में तत्संबंधित व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी ली गई. साथ ही मौके पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया. डीसी ने पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के पदाधिकारी से जिले में खराब पड़े चापाकलों की अद्यतन जानकारी ली और मौके पर खराब चापाकलों की मरम्मत कराने की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जबकि बीडीओ सीओ समेत सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रखंड कार्यालय से लेकर थाना में पानी टैंकर रखे ताकि पानी की समस्या से जूझने वाले गांव के लोगों को पानी की दिक्कत ना हो.
ड्राई जोन के हर क्षेत्र को चिन्हित कर पानी उपलब्ध करानाः नदियों से अफीम के खेतों तक पहुंचाने का काम अफीम के किसान करते हैं, जिसके कारण भी पानी का जलस्तर कम हुआ है. डीसी शशि रंजन ने कहा कि वो खुद एसपी के साथ क्षेत्र का जायजा ले चुके हैं और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए किसान व तस्कर नदी तालाब व कुओं से मोटर लगाकर पानी का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण पानी का जलस्तर कम हुआ है. साथ ही अफीम के खेती के समय बिजली का लोड काफी बढ़ जाता है. हालांकि उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कार्रवाई कर रही है. जिले में जलस्तर को बढ़ाने व स्टोर करने की दिशा में कार्य की जा रही है. इस गर्मी में पानी की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए और लोगों की प्यास बुझाने के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है.