खूंटीः झारखंड के अतिनक्सल प्रभावित खूंटी जिला का दो थाना मारंगहादा और सायको का निर्माण नक्सल और अफीम माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए हुआ. लेकिन आज ये दोनों ही थाने असुरक्षित हैं. आलम ऐसा है कि पर्दे से ही थाना का पार्टिशन किया गया है.
इन दोनों थानों का स्थापना होने के बाद से अबतक मारंगहादा पुलिस ने 200 से अधिक अफीम तस्कर और नक्सलियों को गिरफ्तार किया. लेकिन आज भी थाना की पुलिस पर्दे के पीछे से काम करती है. थाना में पर्दा है और पर्दे में हवालात और पर्दे के अंदर थाना का काम और यहां जवान सोते हैं. पुलिस एसोसिएशन अध्यक्ष ने माना कि इन थानों में असुरक्षित है जवान लेकिन उन्होंने कहा कि जल्द ही व्यवस्थाओं में सुधार होगा.
खूंटी का मारंगहादा और सायको थाना का भवन किसपर आफत बनकर गिर जाए, इसका भगवान ही मालिक है. मारंगहादा और सायको थाना में गिने चुने कमरे हैं. लेकिन इनमें कहीं दीवार टूटी-फूटी, कहीं खिड़की टूटी तो कहीं छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. इस जर्जर हालत के कारण थाना के आवश्यक कार्य जुगाड़ के सहारे चलाए जाते हैं. एक ही कमरे में पुलिस और उसी कमरे में गिरफ्तार कर लाए गए अपराधी रहते हैं. इसके अलावा परिसर में साफ-सफाई और शौचालय की भी समुचित व्यवस्था ना होने से जवानों को परेशानी होती है.
कमरे के एक किनारे टेबल कुर्सी लगाकर दैनिक रिपोर्ट दर्ज की जाती है तो वहीं गिरफ्तार लोगों की रखवाली भी करनी होती है. कई बार ऐसी नौबत आती है कि पुलिस और अपराधी साथ-साथ एक ही कमरे में रात गुजारते हैं. मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए मच्छरदानी के अंदर रिपोर्ट लिखनी पड़ती है. बिजली व्यवस्था और वायरिंग भी पुराना हो चुका है. बारिश के मौसम में जर्जर दीवार और उसपर बिजली तार के गुच्छों का बेतरतीब व्यवस्था किसी अनहोनी को आमंत्रण देता नजर आता है. इन परेशानियों के बीच भी थानाकर्मी मुस्तैदी से अपना काम करते नजर आते हैं.