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बिरसा मुंडा जयंती पर भगवान के गांव जाएंगे सीएम हेमंत सोरेन, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की होगी शुरुआत - झारखंड स्थापना दिवस

खूंटी जिले के उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को जन्मे भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अब पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस (tribal pride day) के रूप में मनाई जाएगी.

CM Hemant Soren visit to Khunti's Ulihatu on Birsa Munda Jayanti
बिरसा मुंडा जयंती पर भगवान के गांव जाएंगे सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Nov 13, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 8:00 PM IST

खूंटीः खूंटी जिले के उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को जन्मे भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अब पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस (tribal pride day) के रूप में मनाई जाएगी. केंद्रीय कैबिनेट ने 10 नवंबर को इस पर मुहर लगा दी है. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष 15 से 22 नवंबर तक बिरसा मुंडा के साथ अन्य सभी जनजातीय महापुरुषों की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. इसको लेकर खूंटी में उत्साह है. इधर राज्य सरकार भी आयोजनों की तैयारी कर रही है. बिरसा मुंडा की जयंती पर सीएम हेमंत सोरेन भगवान के गांव खूंटी के उलिहातू पहुंचेंगे. यहां से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.

ये भी पढ़ें-Janjatiya Gaurav Diwas: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 'जनजातीय गौरव दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा- अर्जुन मुंडा


खूंटी जिले में जनजातीय गौरव दिवस (janjatiya gaurav divas) को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रहीं हैं. बिरसा मुंडा के गांव उलीहातू में लोग गांव की साफ-सफाई में लगे हुए हैं. जिला प्रशासन की ओर से भी 15 नवंबर को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां की जा रहीं हैं. जिले के अधिकारियों को अलग-अलग कार्यक्रमों की जिम्मेदारियां दी गईं हैं. सुरक्षा को लेकर भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है.

देखें पूरी खबर

प्रशासन कर रहा तैयारी, आधिकारिक पुष्टि नहीं

झारखंड स्थापना दिवस (Jharkhand foundation day) के मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बिरसा की जन्मस्थली उलिहातू पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री बनने के बार पहली बार हेमन्त सोरेन उलिहातू आएंगे और गौरव दिवस मनाएंगे. डीसी शशि रंजन ने बताया कि सीएम के आगमन की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन तैयारियां जारी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत भी भगवान के गांव से की जाएगी.

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खोला था मोर्चा

बिरसा मुंडा देश के इतिहास में ऐसे नायक थे जिन्होंने आदिवासी समाज की दिशा और दशा बदल कर रख दी थी. उन्होंने आदिवासियों को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त होकर सम्मान से जीने के लिए प्रेरित किया था. अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी आंदोलन के लोकनायक थे बिरसा मुंडा. 15 नवम्बर 1875 में झारखंड के खूंटी में उनका जन्म हुआ था. अपने हक और स्वराज के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए वह सिर्फ 25 साल की उम्र में शहीद हो गये थे. आदिवासी समाज उनको भगवान के तौर पर पूजता है.

खूंटीः खूंटी जिले के उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को जन्मे भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अब पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस (tribal pride day) के रूप में मनाई जाएगी. केंद्रीय कैबिनेट ने 10 नवंबर को इस पर मुहर लगा दी है. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष 15 से 22 नवंबर तक बिरसा मुंडा के साथ अन्य सभी जनजातीय महापुरुषों की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. इसको लेकर खूंटी में उत्साह है. इधर राज्य सरकार भी आयोजनों की तैयारी कर रही है. बिरसा मुंडा की जयंती पर सीएम हेमंत सोरेन भगवान के गांव खूंटी के उलिहातू पहुंचेंगे. यहां से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.

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खूंटी जिले में जनजातीय गौरव दिवस (janjatiya gaurav divas) को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रहीं हैं. बिरसा मुंडा के गांव उलीहातू में लोग गांव की साफ-सफाई में लगे हुए हैं. जिला प्रशासन की ओर से भी 15 नवंबर को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां की जा रहीं हैं. जिले के अधिकारियों को अलग-अलग कार्यक्रमों की जिम्मेदारियां दी गईं हैं. सुरक्षा को लेकर भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है.

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प्रशासन कर रहा तैयारी, आधिकारिक पुष्टि नहीं

झारखंड स्थापना दिवस (Jharkhand foundation day) के मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बिरसा की जन्मस्थली उलिहातू पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री बनने के बार पहली बार हेमन्त सोरेन उलिहातू आएंगे और गौरव दिवस मनाएंगे. डीसी शशि रंजन ने बताया कि सीएम के आगमन की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन तैयारियां जारी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत भी भगवान के गांव से की जाएगी.

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खोला था मोर्चा

बिरसा मुंडा देश के इतिहास में ऐसे नायक थे जिन्होंने आदिवासी समाज की दिशा और दशा बदल कर रख दी थी. उन्होंने आदिवासियों को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त होकर सम्मान से जीने के लिए प्रेरित किया था. अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी आंदोलन के लोकनायक थे बिरसा मुंडा. 15 नवम्बर 1875 में झारखंड के खूंटी में उनका जन्म हुआ था. अपने हक और स्वराज के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए वह सिर्फ 25 साल की उम्र में शहीद हो गये थे. आदिवासी समाज उनको भगवान के तौर पर पूजता है.

Last Updated : Nov 13, 2021, 8:00 PM IST
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