खूंटीः विश्व जल दिवस पर जिले के जिले के डीसी शशि रंजन ने कहा कि बनई नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नदी अपने सतह से दस फीट नीचे चली गई है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हमें नदियों के संरक्षण के लिए जागरूक होने की जरूरत है. हमें सोचना होगा कि पानी कैसे बचाया जाय. डीसी ने यह बातें घाघरा गांव में कही.
ये भी पढ़ें- खूंटी: ग्रामसभाओं में संयुक्त रूप से जनशक्ति से जलशक्ति अभियान, लोग श्रमदान कर बना रहे बोरीबांध
डीसी ग्रामीणों का सहयोग और उत्साहवर्द्धन करने घाघरा पहुंचे थे. यहां ग्रामीण गांव के पास सूखने के कगार पर पहुंची बनई नदी पर सहभागिता के बल पर बोरीबांध का निर्माण कर रहे थे. बोरीबांध बनने में महज चार घंटे का समय लगा और घंटे भर में आधा किमी दूर तक लबालब पानी भर गया, जिसे देख डीसी समेत ग्रामीण उत्साहित हो गए.
बता दें कि नदी के जिस स्थान पर बोरीबांध का निर्माण हुआ है, उसके आसपास लगभग 20 एकड़ में तरबूज की खेती की गई है. बोरीबांध से अब इन खेतों की सिंचाई होगी. इससे पहले जिला प्रशासन ने अलग-अलग ग्राम सभाओं में सामूहिक प्रयास से नदियों को बचाने और उसके जल को संरक्षित करने के अभियान शुरू किया है. घाघरा पहुंचे डीसी शशि रंजन ने कहा कि पक्के चेकडैम से बोरीबांध ज्यादा प्रभावशाली है. उन्होंने कहा कि यह श्रमदान से बनता है, तो इसमें ग्रामसभा की हिम्मत और ताकत दिखाई पड़ती है. इसी ताकत के बल पर हम अपने क्षेत्र को बदल सकते हैं.
बनई नदी को पुनर्जीवित करने का हो रहा कामः ग्रामीणों के सहयोग में पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य कालीचरण मुंडा ने कहा कि लोग जल-जंगल-जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और बनई नदी का जल सूख रहा था. इसलिए बोरीबांध बनाया जा रहा है. इससे आसपास के इलाकों में जल संरक्षण में मदद मिलेगी. भूजलस्तर में भी सुधार होगा.
मुखिया हन्ना ढ़ोढ़राय ने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से ग्रामसभा को जागरूक किया गया और ग्रामसभा ने जल संरक्षण के महत्व को जानकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाया. बोरीबांध निर्माण में सहयोग और उत्साहवर्द्धन करने डीसी शशि रंजन के साथ कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा, बीडीओ मिथलेश कुमार आदि पहुंचे थे.