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बालू घाटों की नीलामी सूची से गायब हैं खूंटी के बड़े-बड़े बालू घाट, उठ रहे सवाल - खूंटी में बालू घाट

झारखंड की हेमंत सरकार 15 दिनों के अंदर बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरा कर लेगी. इसके लिए झारखंड के खूंटी जिले में 30 बालू घाट चिन्हित किए गए हैं, जबकि जिले के सबसे बड़े घाटों में शुमार गीडुम का घाट नीलामी प्रक्रिया से गायब है. इससे कई सवाल उठ रहे हैं. इ

Big sand ghats of Khunti are missing from auction list of sand ghats
बालू घाटों की नीलामी सूची से गायब हैं खूंटी के बड़े-बड़े बालू घाट, उठ रहे सवाल
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Published : Mar 9, 2022, 9:12 PM IST

खूंटीः झारखंड की हेमंत सरकार 15 दिनों के अंदर बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरा कर लेगी. इसके लिए झारखंड के खूंटी जिले में 30 बालू घाट चिन्हित किए गए हैं, जबकि जिले के सबसे बड़े घाटों में शुमार गीडुम का घाट नीलामी प्रक्रिया से गायब है. इससे कई सवाल उठ रहे हैं. इधर, जब ईटीवी की टीम तोरपा प्रखंड स्थित गीडुम घाट पहुंची तो पांच से ज्यादा जेसीबी और कई ट्रैक्टर यहां थे. बालू का अवैध खनन कर ट्रैक्टर लोड किया जा रहा था. नदियों से बालू को निकाल कर जंगलों के बीचों बीच की झाड़ियों में डंप किया जा रहा था, जहां से शाम ढलते ही माफिया बड़े बड़े गाड़ियों से बालू की तस्करी में जुट जाते हैं. ईटीवी भारत की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट .

ये भी पढ़ें-बिना ओबीसी आरक्षण के झारखंड में होगा पंचायत चुनाव, जानिए सुदेश महतो ने क्यों किया विरोध


झारखंड विधानसभा में अवैध बालू के खनन को लेकर पक्ष और विपक्ष की हमेशा तकरार होती रही है. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के बालू घाटों को नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है. जिला स्तर पर घाटों की नीलामी के लिए सूची बनाई गई है, जिसमें 30 घाट शामिल हैं. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि खूंटी में जिन घाटों को चिन्हित किया गया है, उनमें जिले के तोरपा और रनिया प्रखंड के बड़े-बड़े बालू घाटों का नाम छोड़ दिया गया है.

Big sand ghats of Khunti are missing from auction list of sand ghats
बालू घाटों की नीलामी सूची

बुधवार को ईटीवी की टीम जब तोरपा प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित गीडुम गांव के बालू घाट पर पंहुंची तो बेखौफ तस्करों द्वारा बालू का अवैध खनन जारी था. बेखौफ तस्कर जेसीबी और ट्रैक्टर के माध्यम से नदी से बालू को बाहर निकालकर नदी के ऊपरी इलाके में डंप कर रहे थे. इस काम में अनगिनत गाड़िया लगी हुईं थीं. यहां बालू माफिया इतना खनन कर रहे हैं कि आसपास के पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है. आसपास का इलाका बेजान नजर आने लगा है और ओवरलोड गाड़ियों के दौड़ने के कारण सड़क चलने लायक नहीं रही. इधर तोरपा थाना और प्रखंड कार्यालय से महज कुछ ही किमी की दूरी पर दिनदहाड़े हो रहे अवैध खनन वाले घाट का नीलामी प्रक्रिया से बाहर रखा जाना सवाल उठाता है कि अवैध खनन पर प्रशासन की सहमति तो नहीं है.


एक नजर बालू घाटों की नीलामी वाली लिस्ट पर

  • चुरगी और रामजय घाट का चेंगायजोर नदी का प्लाट 265,279,984 और 6.825 एकड़ चिन्हित
  • दीयांकेल घाट चेंगायजोर नदी का प्लॉट 571,572 और 7.5 एकड़ भूमि चिन्हित
  • उलिहातू और निक्षितपुर घाट का कारो नदी का प्लॉट 1016,1023,1776 और 35.7 एकड़ भूमि चिन्हित
  • कसमार घाट का छाता नदी का प्लॉट 1378 और रकबा 16 एकड़
  • कसमार और मनहातू घाट का छाता नदी का 1378,01,909,917 रकबा 20.35 एकड़ समेत कुल 30 घाट हैं, जिसमे रनिया और तोरपा प्रखंड के वो दो बड़े घाट शामिल नहीं जहां से अवैध खनन दशकों से बदस्तूर जारी है.

खूंटीः झारखंड की हेमंत सरकार 15 दिनों के अंदर बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरा कर लेगी. इसके लिए झारखंड के खूंटी जिले में 30 बालू घाट चिन्हित किए गए हैं, जबकि जिले के सबसे बड़े घाटों में शुमार गीडुम का घाट नीलामी प्रक्रिया से गायब है. इससे कई सवाल उठ रहे हैं. इधर, जब ईटीवी की टीम तोरपा प्रखंड स्थित गीडुम घाट पहुंची तो पांच से ज्यादा जेसीबी और कई ट्रैक्टर यहां थे. बालू का अवैध खनन कर ट्रैक्टर लोड किया जा रहा था. नदियों से बालू को निकाल कर जंगलों के बीचों बीच की झाड़ियों में डंप किया जा रहा था, जहां से शाम ढलते ही माफिया बड़े बड़े गाड़ियों से बालू की तस्करी में जुट जाते हैं. ईटीवी भारत की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट .

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झारखंड विधानसभा में अवैध बालू के खनन को लेकर पक्ष और विपक्ष की हमेशा तकरार होती रही है. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के बालू घाटों को नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है. जिला स्तर पर घाटों की नीलामी के लिए सूची बनाई गई है, जिसमें 30 घाट शामिल हैं. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि खूंटी में जिन घाटों को चिन्हित किया गया है, उनमें जिले के तोरपा और रनिया प्रखंड के बड़े-बड़े बालू घाटों का नाम छोड़ दिया गया है.

Big sand ghats of Khunti are missing from auction list of sand ghats
बालू घाटों की नीलामी सूची

बुधवार को ईटीवी की टीम जब तोरपा प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित गीडुम गांव के बालू घाट पर पंहुंची तो बेखौफ तस्करों द्वारा बालू का अवैध खनन जारी था. बेखौफ तस्कर जेसीबी और ट्रैक्टर के माध्यम से नदी से बालू को बाहर निकालकर नदी के ऊपरी इलाके में डंप कर रहे थे. इस काम में अनगिनत गाड़िया लगी हुईं थीं. यहां बालू माफिया इतना खनन कर रहे हैं कि आसपास के पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है. आसपास का इलाका बेजान नजर आने लगा है और ओवरलोड गाड़ियों के दौड़ने के कारण सड़क चलने लायक नहीं रही. इधर तोरपा थाना और प्रखंड कार्यालय से महज कुछ ही किमी की दूरी पर दिनदहाड़े हो रहे अवैध खनन वाले घाट का नीलामी प्रक्रिया से बाहर रखा जाना सवाल उठाता है कि अवैध खनन पर प्रशासन की सहमति तो नहीं है.


एक नजर बालू घाटों की नीलामी वाली लिस्ट पर

  • चुरगी और रामजय घाट का चेंगायजोर नदी का प्लाट 265,279,984 और 6.825 एकड़ चिन्हित
  • दीयांकेल घाट चेंगायजोर नदी का प्लॉट 571,572 और 7.5 एकड़ भूमि चिन्हित
  • उलिहातू और निक्षितपुर घाट का कारो नदी का प्लॉट 1016,1023,1776 और 35.7 एकड़ भूमि चिन्हित
  • कसमार घाट का छाता नदी का प्लॉट 1378 और रकबा 16 एकड़
  • कसमार और मनहातू घाट का छाता नदी का 1378,01,909,917 रकबा 20.35 एकड़ समेत कुल 30 घाट हैं, जिसमे रनिया और तोरपा प्रखंड के वो दो बड़े घाट शामिल नहीं जहां से अवैध खनन दशकों से बदस्तूर जारी है.
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