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Khunti News: आजादी के 75 साल बाद अब यहां के लोग फोन पर बोलेंगे हैलो, अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 4G सेवा होगी शुरू

विकास के लिए नासूर बने नक्सल को हर तरफ से मिटाने में सरकार जुटी है. दशकों तक नक्सल के दहशत में रहने वाले जिले खूंटी के 45 गांव जहां अभी तक मोबाइल सेवा नहीं हैं, वहां सीधे 4G की सेवा देने का काम किया जा रहा है.

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Published : Mar 4, 2023, 7:56 PM IST

Updated : Mar 4, 2023, 8:33 PM IST

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खूंटी: दशकों तक नक्सल के दहशत में रहने के बाद जिले की तस्वीर धीरे-धीरे बदलती दिखाई दे रही है. विकास कार्यों में बाधक बने माओवादियों ने जिले में विकास की रफ्तार को रोक रखा था. पुलिसिया कार्रवाई के बाद नक्सली संगठन जिला छोड़कर भागने को मजबूर हुए, तो जिला प्रशासन भी क्षेत्र के विकास के लिए योजनाओं को वैसे इलाकों में पहुंचाने में जुट गया है जो मूल सुविधा से दूर हैं. खूंटी के ऐसे इलाकों के लिए 4G मोबाइल सेवा शुरू हो जा रही है.

ये भी पढ़ें: New Scheme in Khunti: खूंटी में आदिवासियों का भविष्य बदलने में जुटी है केंद्र सरकार, आदि आदर्श ग्राम योजना से बदलेगी गांव की तस्वीर

माओवादियों को मोबाइल सेवा पसंद नहीं: माओवादी नहीं चाहते थे कि 4जी सेवा शुरू हो, जिसके कारण नक्सलियों ने मोबाइल सेवा को बाधित करने के लिए टावर टारगेट करना शुरू किया और कई टावरों को बम से उड़ा दिया. लेकिन प्रशासन अब उन्ही इलाकों के लोगों के लिए मोबाइल सेवा से जोड़कर उन्हें स्मार्ट बनाने में जुट गया है. दो माह के भीतर ही 45 गांवों में 4G मोबाइल सेवा शुरू हो जाएगी. टावर लगाने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है. जिला प्रशासन खूंटी मोबाइल नेटवर्क बहाल करने से पहले नक्सलियों की सफाई की तैयारी में जुटा हुआ है ताकि नक्सली मोबाइल सेवा बाधित न कर सके.

इस बाबत ईटीवी भारत से बात करते हुए डीसी शशि रंजन ने बताया कि जल्द ही ग्रामीणों के हाथों में भी स्मार्ट फोन होगा. खूंटी जिले के अतिनक्सल प्रभावित एवं दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण 4जी सेवा का जल्द ही लाभ उठा पाएंगे. ग्रामीण अपनी परेशानी को दूर करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर मुख्यालय पहुंचते थे और अधिकारियों से अपनी समस्या रख पाते थे. लेकिन अब सीधे मोबाइल के जरिये अधिकारियों से संवाद स्थापित कर सकेंगे. जिला प्रशासन को भी क्षेत्र का विकास समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी. सिस्टम से दूर रहने वाले ग्रामीण सीधे सिस्टम से जुड़ेंगे. जिससे लोगों के काफी सहूलियत मिलेगी और पूरे देश दुनिया की हर जानकारी उनको उनके फर पर ही मिल जाएगी.

जिले के इन इलाकों में लगे है मोबाइल टावर: जिसे के अड़की प्रखंड क्षेत्र के चराडीह, छठमहुटुब, घाघरा, कदलडीह, कटुल, कोआ, कोचांग, कॉइल, कुलबुरु, सरयाद, तोडांग, तोतकोरा, कुदादा, मसंगा के साथ ही खूंटी प्रखंड क्षेत्र के हाकाडूबा, बारूहातु,ओमटो, संडासोम, टोटोदा. मुरहू प्रखंड के जाहेरबेड़ा, गुरुबुरू, बारी, डामरिया, डेकला, गुमपुडु, जिलिंगकेल, कोटे,कोयंगसेर, कुलीपीड़ी, कुम्हारडीह, ओतोंगओड़ा, सरवदा, बरकेला, हातुमुंडी, करंका, खटनगा, लुमलूमा, रुमुतकेल, तुरांग जबकि रनिया प्रखंड क्षेत्र के करकेल, सोमारलेटा, बिरहोरचुंआ, साउरीउली वही तोरपा प्रखंड के डेरांग और रोन्हे गांव शामिल हैं. मोबाइल टावर लगाने के लिए काम जोरों से चल रहा है और जिला प्रशासन इस पर नजर भी रखे हुए है.

खूंटी: दशकों तक नक्सल के दहशत में रहने के बाद जिले की तस्वीर धीरे-धीरे बदलती दिखाई दे रही है. विकास कार्यों में बाधक बने माओवादियों ने जिले में विकास की रफ्तार को रोक रखा था. पुलिसिया कार्रवाई के बाद नक्सली संगठन जिला छोड़कर भागने को मजबूर हुए, तो जिला प्रशासन भी क्षेत्र के विकास के लिए योजनाओं को वैसे इलाकों में पहुंचाने में जुट गया है जो मूल सुविधा से दूर हैं. खूंटी के ऐसे इलाकों के लिए 4G मोबाइल सेवा शुरू हो जा रही है.

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माओवादियों को मोबाइल सेवा पसंद नहीं: माओवादी नहीं चाहते थे कि 4जी सेवा शुरू हो, जिसके कारण नक्सलियों ने मोबाइल सेवा को बाधित करने के लिए टावर टारगेट करना शुरू किया और कई टावरों को बम से उड़ा दिया. लेकिन प्रशासन अब उन्ही इलाकों के लोगों के लिए मोबाइल सेवा से जोड़कर उन्हें स्मार्ट बनाने में जुट गया है. दो माह के भीतर ही 45 गांवों में 4G मोबाइल सेवा शुरू हो जाएगी. टावर लगाने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है. जिला प्रशासन खूंटी मोबाइल नेटवर्क बहाल करने से पहले नक्सलियों की सफाई की तैयारी में जुटा हुआ है ताकि नक्सली मोबाइल सेवा बाधित न कर सके.

इस बाबत ईटीवी भारत से बात करते हुए डीसी शशि रंजन ने बताया कि जल्द ही ग्रामीणों के हाथों में भी स्मार्ट फोन होगा. खूंटी जिले के अतिनक्सल प्रभावित एवं दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण 4जी सेवा का जल्द ही लाभ उठा पाएंगे. ग्रामीण अपनी परेशानी को दूर करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर मुख्यालय पहुंचते थे और अधिकारियों से अपनी समस्या रख पाते थे. लेकिन अब सीधे मोबाइल के जरिये अधिकारियों से संवाद स्थापित कर सकेंगे. जिला प्रशासन को भी क्षेत्र का विकास समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी. सिस्टम से दूर रहने वाले ग्रामीण सीधे सिस्टम से जुड़ेंगे. जिससे लोगों के काफी सहूलियत मिलेगी और पूरे देश दुनिया की हर जानकारी उनको उनके फर पर ही मिल जाएगी.

जिले के इन इलाकों में लगे है मोबाइल टावर: जिसे के अड़की प्रखंड क्षेत्र के चराडीह, छठमहुटुब, घाघरा, कदलडीह, कटुल, कोआ, कोचांग, कॉइल, कुलबुरु, सरयाद, तोडांग, तोतकोरा, कुदादा, मसंगा के साथ ही खूंटी प्रखंड क्षेत्र के हाकाडूबा, बारूहातु,ओमटो, संडासोम, टोटोदा. मुरहू प्रखंड के जाहेरबेड़ा, गुरुबुरू, बारी, डामरिया, डेकला, गुमपुडु, जिलिंगकेल, कोटे,कोयंगसेर, कुलीपीड़ी, कुम्हारडीह, ओतोंगओड़ा, सरवदा, बरकेला, हातुमुंडी, करंका, खटनगा, लुमलूमा, रुमुतकेल, तुरांग जबकि रनिया प्रखंड क्षेत्र के करकेल, सोमारलेटा, बिरहोरचुंआ, साउरीउली वही तोरपा प्रखंड के डेरांग और रोन्हे गांव शामिल हैं. मोबाइल टावर लगाने के लिए काम जोरों से चल रहा है और जिला प्रशासन इस पर नजर भी रखे हुए है.

Last Updated : Mar 4, 2023, 8:33 PM IST
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