जामताड़ा: जिले के नव पदस्थापित आईएस पदाधिकारी उप विकास आयुक्त प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर विभागीय कार्रवाई तेज कर दी है. उप विकास आयुक्त नयन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रांतों में रोजगार गंवाकर अपने जिले में आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर वे तत्पर हैं.
प्रवासी मजदूरों को लेकर सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है. प्रवासी मजदूरों में अकुशल मजदूरों को चिंहित कर जॉब कार्ड उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है. इसे लेकर उप विकास आयुक्त ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
जिले में 9 हजार के लगभग अप्रवासी मजदूर हैं. वहीं कोरोना काल के दौरान दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्या भी 9 हजार के आसपास पंजीकृत है. इन लोगों को एक साथ रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है. उप विकास आयुक्त ने नयन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि प्रवासी मजदूरों में जो अकुशल मजदूर हैं, उन्हें चिंहित कर जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनको मनरेगा के चल रहे विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
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प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा योजना रोजगार का एक बड़ा जरिया बन रहा है. रोजगार की तलाश में दूसरे प्रांतों में गए लोग रोजगार छीनने के बाद कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उन्हें वापस लौटना पड़ा है. ऐसी स्थिति में सरकार उन्हें गांव और घर में ही मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि उन्हें घर और गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सके.
इस समय लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूर गांव में पहले से मौजूद हैं. पहले इनमें से कई लोग शहरों में भी काम करने जाया करते थे, जो अब बंद है. जाहिर है कि अब एक्टिव जॉब कार्ड की संख्या बढ़ेगी और जिला प्रशासन को सभी मजदूरों को रोजगार देने में दिक्कतें आएंगी.