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जामताड़ा में लालच में आकर मां-बाप ने की नवजात को बेचने की कोशिश, दादी ने बचाया

जामताड़ा में पैसे के लालच में एक दंपति द्वारा तीन दिन के बच्चे को बेचने का प्रयास किया गया. बाद में परिजनों की सतर्कता से बच्चे को सकुशल बरामद किया गया.

बच्चे के साथ परिजन
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Published : Aug 5, 2019, 11:03 PM IST

जामताड़ा: जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला देखने को मिला जिसे सुनने के बाद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. ताजा मामला लीलानगर का है, जहां एक दंपती ने अपने तीन दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे के लालच और प्रलोभन में आकर दूसरे को बेच दिया.

देखें पूरी खबर

दरअसल, लीला नगर के रहने वाले उज्जवल दास और नैना दास ने अपने तीन दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे और लालच में प्रलोभन में आकर गीता नाम की महिला के हाथ सौंप दिया. बताया जाता है कि नैना दास की डिलीवरी को लेकर जामताड़ा सदर अस्पताल में लाया गया था. जहां नैना दास ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे को जन्म के बाद गीता नाम की एक महिला ने उन्हें पैसे की लालच देकर बच्चे को ले लिया.

ये भी पढ़ें- आखिर झारखंड में कांग्रेस क्यों हुई 'बेपटरी', कभी दी जाती थी पार्टी की मजबूती की मिसाल

इस बात की जानकारी जब बच्चे के दादा-दादी को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना समाजसेवी संस्था चलाने वाली महिला को दी. उसके बाद इस मामले में पहल कर बच्चे को वापस महिला से दिलाने का काम किया गया. बच्चे की दादी ने रोते हुए बताया कि पहले उसे बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है, लेकिन उसे भरोसा नहीं हुआ, उसे विश्वास था कि उसका पोता जिंदा है और 3 दिन बाद उसे उसका पोता मिला है.

बच्चे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि मिहिजाम की गीता नाम की एक महिला ने लालच दिया था कि वह बच्चे को ठीक से रखेगी. उसने धमकी भी दी थी कि अगर इस बात की जानकारी किसी को देगी तो बच्चे का भविष्य खराब हो जाएगा.

हालांकि इस मामले में स्थानीय मिहिजाम पुलिस से संपर्क कर काफी जानने का प्रयास किया गया पर पुलिस ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया. यही कहा गया कि इस मामले को लेकर थाने में किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया है.

जामताड़ा: जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला देखने को मिला जिसे सुनने के बाद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. ताजा मामला लीलानगर का है, जहां एक दंपती ने अपने तीन दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे के लालच और प्रलोभन में आकर दूसरे को बेच दिया.

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दरअसल, लीला नगर के रहने वाले उज्जवल दास और नैना दास ने अपने तीन दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे और लालच में प्रलोभन में आकर गीता नाम की महिला के हाथ सौंप दिया. बताया जाता है कि नैना दास की डिलीवरी को लेकर जामताड़ा सदर अस्पताल में लाया गया था. जहां नैना दास ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे को जन्म के बाद गीता नाम की एक महिला ने उन्हें पैसे की लालच देकर बच्चे को ले लिया.

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इस बात की जानकारी जब बच्चे के दादा-दादी को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना समाजसेवी संस्था चलाने वाली महिला को दी. उसके बाद इस मामले में पहल कर बच्चे को वापस महिला से दिलाने का काम किया गया. बच्चे की दादी ने रोते हुए बताया कि पहले उसे बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है, लेकिन उसे भरोसा नहीं हुआ, उसे विश्वास था कि उसका पोता जिंदा है और 3 दिन बाद उसे उसका पोता मिला है.

बच्चे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि मिहिजाम की गीता नाम की एक महिला ने लालच दिया था कि वह बच्चे को ठीक से रखेगी. उसने धमकी भी दी थी कि अगर इस बात की जानकारी किसी को देगी तो बच्चे का भविष्य खराब हो जाएगा.

हालांकि इस मामले में स्थानीय मिहिजाम पुलिस से संपर्क कर काफी जानने का प्रयास किया गया पर पुलिस ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया. यही कहा गया कि इस मामले को लेकर थाने में किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया है.

Intro:जामताङा: अपने 3 दिन के नवजात जिगर के टुकड़े को एक दंपत्ति ने पैसे की लालच और प्रलोभन में आकर दूसरे को दे दिया । मामला जामताड़ा जिले केमिहिजाम थाना क्षेत्र के लीलानगर की है ।जहां एक दंपत्ति ने अपने 3 दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे के लालच और प्रलोभन में आकर दूसरे को दे दिया।


Body: मिहिजाम थाना क्षेत्र के लीला नगर के रहने वाले उज्जवल दास नैना दास एक दंपत्ति ने अपने 3 दिन के जिगर के टुकड़े को पैसे और लालच में प्रलोभन में आकर मिहिजाम की रहने वाली गीता नाम की महिला के हाथ सौंप दिया ।बताया जाता है कि नैना दास की डिलीवरी को लेकर जामताड़ा सदर अस्पताल में लाया गया था। जहां नैना दास ने एक बच्चे को जन्म दिया। 1 अगस्त को उसने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे को जन्म के बाद गीता नाम की एक महिला ने दंपत्ति से पैसे की लालच और प्रलोभन देकर बच्चे को ले लिया ।जिसके प्रलोभन में यह दंपत्ति आ गए ।कहते हैं कि जब इस बात की जानकारी बच्चे को दादा दादी को चला तो उन्हें अपने पोते को लेकर रहा नहीं गया। इसकी सूचना बच्चे के दादा दादी ने मिहिजाम के ही समाजसेवी संस्था चलाने वाली महिला के साथ संपर्क कर दी। तत्पश्चात उसने इस मामले में पहल कर बच्चा को वापस महिला से दिलाने का काम की।
बच्चे के दादी ने रोते हुए बताती है कि पहले उसे बच्चे के बारे में बताया गया कि उसकी मौत हो गई है। लेकिन उसे भरोसा नहीं हुआ ।विश्वास था उसका पोता जिंदा है और 3 दिन बाद उसे जिंदा उसका पोता मिला है।
बच्चे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि मिहिजाम की गीता नाम की एक महिला ने पैसे और लालच प्रलोभन दी थी कि उसके बच्चे को ठीक से रखेगी इसके । उसे धमकी दिया गया कि वह इस बात की जानकारी किसी को ना दे। नहीं तो उसके बच्चे का भविष्य खराब हो जाएगा।भय से उसने इस बात को किसी को नहीं बताया।
बाईट बच्चे की दादी
बाईट बच्चे के पिता उज्जल दास


Conclusion:हालांकि इस मामले में स्थानीय मिहिजाम पुलिस से संपर्क कर काफी जानने का प्रयास किया गया ।पर पुलिस द्वारा कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इस मामले में इंकार किया। सिर्फ पुलिस द्वारा यही कहा गया कि इसे लेकर थाने में किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया है। बल्कि बच्चे को उसकी मां के सहेली ने ले गई थी ।जिसे बाद में उसे वापस कर दिया गया है।
फिलहाल बच्चा अपने दादा दादी और मां के साथ घर में है और घर के परिवार बच्चे को पाकर काफी खुश हैं ।

संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा

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