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जामताड़ा: खनन विभाग का कारनामा, आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टे पर दिया - जामताड़ा में आदिवासी धर्म स्थल खबर

जामताड़ा में खनन विभाग की तरफ से आदिवासी के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा पर दिए जाने का मामला सामने आया है. वहीं इसके विरोध में गोलबंद ग्रामिणों ने विरोध किया है. साथ ही प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है.

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ग्रामीण ने जताया विरोध
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Published : Sep 22, 2020, 5:48 PM IST

जामताड़ा: पत्थर माफियाओं से सांठगांठ करके आदिवासी के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा पर दे दिया गया है. ग्रामीण अपने जाहिर थान धर्म स्थल को बचाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने गोलबंद होकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है.

देखें पूरी खबर


खनन विभाग का कारनामा
आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा के लिए दिए जाने की बात सामने आई है. पत्थर माफियाओं से सांठगांठ कर खनन विभाग ने संथाल परगना टेनेंसी एक्ट का उल्लंघन कर पहले पहाड़ को पट्टा पर दे दिया था. अब आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर को थान को भी नष्ट करने पर तुला हुआ है. मामला कर्माटांड़ प्रखंड क्षेत्र के फौफनाद पंचायत का है. जहां आदिवासियों के धर्मस्थल जाहिर थान को पत्थर कारोबारियों ने खनन विभाग से सांठगांठ कर ले लिया है. इसी के विरोध में आदिवासी ग्रामीण गोलबंद होकर अपने जाहिर थान को बचाने को लेकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीण ने जताया विरोध
गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला कि उनके धार्मिक स्थल पर जाहिर थान को भी लीज पर दे दिया गया है और पत्थर माफिया कारोबारियों की तरफ से उनके जाहिर थान को नष्ट किया जाएगा. इसे लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गए और इसकी शिकायत प्रशासन से की. ग्रामीण जनता का कहना है कि किसी भी हाल में यहां पर खनन पट्टा होने नहीं दिया जाएगा. उनका यह मंदिर है. धार्मिक आस्था है. गलत तरीके से यहां खनन पट्टा दिया गया है और यह रद्द होना चाहिए.

ग्रामीणों की शिकायत के बाद हुई जांच
ग्रामीणों की शिकायत पर जांच में पाए गए गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद गांव में इसकी जांच के लिए अनुमंडल पदाधिकारी की तरफ से की गई. स्थल जांच के क्रम में पाया गया कि लीज से हटकर ज्यादा पत्थर कारोबारी की तरफ से पत्थर का काम किया गया है और ग्रामीणों की जाहिर थान को पट्टा में दे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-कांग्रेस के धरोहर श्रृंखला की 12वीं वीडियो जारी, महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को किया गया याद

खनन विभाग ने गांव में जाकर की नापी
गड़बड़ी की शिकायत पर जिला के खनन पदाधिकारी ने गांव में जाकर खनन पट्टा की नापी ली और जाहिर थान धर्मस्थल का भी जायजा लिया. जहां पर ग्रामीणों ने पूरा विरोध प्रदर्शन किया और खनन विभाग के पदाधिकारी से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की.


लीज से हटकर किया गया है खनन कार्य
खनन पदाधिकारी राजाराम प्रसाद ने नापी करने पहुंचे गांव में पट्टे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों की तरफ से शिकायत की गई थी कि जाहिर थान को पट्टा दे दिया गया है और लीज से हटकर खनन कार्य किया गया है, जिसकी उन्होंने जांच की है और बताया कि लीज से हटकर कुछ खनन कार्य किया गया है. इसका निर्धारण कर कार्रवाई की जाएगी.

जामताड़ा: पत्थर माफियाओं से सांठगांठ करके आदिवासी के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा पर दे दिया गया है. ग्रामीण अपने जाहिर थान धर्म स्थल को बचाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने गोलबंद होकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है.

देखें पूरी खबर


खनन विभाग का कारनामा
आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा के लिए दिए जाने की बात सामने आई है. पत्थर माफियाओं से सांठगांठ कर खनन विभाग ने संथाल परगना टेनेंसी एक्ट का उल्लंघन कर पहले पहाड़ को पट्टा पर दे दिया था. अब आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर को थान को भी नष्ट करने पर तुला हुआ है. मामला कर्माटांड़ प्रखंड क्षेत्र के फौफनाद पंचायत का है. जहां आदिवासियों के धर्मस्थल जाहिर थान को पत्थर कारोबारियों ने खनन विभाग से सांठगांठ कर ले लिया है. इसी के विरोध में आदिवासी ग्रामीण गोलबंद होकर अपने जाहिर थान को बचाने को लेकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीण ने जताया विरोध
गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला कि उनके धार्मिक स्थल पर जाहिर थान को भी लीज पर दे दिया गया है और पत्थर माफिया कारोबारियों की तरफ से उनके जाहिर थान को नष्ट किया जाएगा. इसे लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गए और इसकी शिकायत प्रशासन से की. ग्रामीण जनता का कहना है कि किसी भी हाल में यहां पर खनन पट्टा होने नहीं दिया जाएगा. उनका यह मंदिर है. धार्मिक आस्था है. गलत तरीके से यहां खनन पट्टा दिया गया है और यह रद्द होना चाहिए.

ग्रामीणों की शिकायत के बाद हुई जांच
ग्रामीणों की शिकायत पर जांच में पाए गए गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद गांव में इसकी जांच के लिए अनुमंडल पदाधिकारी की तरफ से की गई. स्थल जांच के क्रम में पाया गया कि लीज से हटकर ज्यादा पत्थर कारोबारी की तरफ से पत्थर का काम किया गया है और ग्रामीणों की जाहिर थान को पट्टा में दे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-कांग्रेस के धरोहर श्रृंखला की 12वीं वीडियो जारी, महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को किया गया याद

खनन विभाग ने गांव में जाकर की नापी
गड़बड़ी की शिकायत पर जिला के खनन पदाधिकारी ने गांव में जाकर खनन पट्टा की नापी ली और जाहिर थान धर्मस्थल का भी जायजा लिया. जहां पर ग्रामीणों ने पूरा विरोध प्रदर्शन किया और खनन विभाग के पदाधिकारी से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की.


लीज से हटकर किया गया है खनन कार्य
खनन पदाधिकारी राजाराम प्रसाद ने नापी करने पहुंचे गांव में पट्टे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों की तरफ से शिकायत की गई थी कि जाहिर थान को पट्टा दे दिया गया है और लीज से हटकर खनन कार्य किया गया है, जिसकी उन्होंने जांच की है और बताया कि लीज से हटकर कुछ खनन कार्य किया गया है. इसका निर्धारण कर कार्रवाई की जाएगी.

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