जामताड़ा: जिले के महिला कॉलेज और जामताड़ा कॉलेज में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को अपने कॉलेज सेमेस्टर फीस का चालान बैंक में जमा करना पड़ रहा है. जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ गई है.
भूखे-प्यासे लाइन में खड़े रहते हैं छात्र-छात्रा
परेशानी बढ़ने का सबसे मुख्य कारण है कि विधार्थियों को मात्र इलाहाबाद बैंक में ही चालान का जमा करना है. काफी संख्या में छात्र-छात्राओं को एक साथ बैंक में चालान का फीस जमा करने का निर्देश दिया गया है, जिससे बैंक के बाहर छात्र-छात्राओं का हुजूम लगा रहता है. वे सड़क किनारे भूखे-प्यासे लाइन में खड़े रहते हैं.
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सेमेस्टर फीस जमा करने का प्रावधान
दिनभर बैंक के बाहर खड़ा रहने के बाद फीस जमा नहीं होने पर उन्हें निराश होकर देर शाम वापस लौटना पड़ता है और अगले दिन फिर लाइन में पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. लाइन में खड़े छात्र-छात्राओं ने बताया कि इलाहाबाद बैंक में ही सेमेस्टर फीस जमा करने का प्रावधान किया गया है. इसके चलते सब काम छोड़कर घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे काफी परेशानी होती है.
सुरक्षा का नहीं है कोई इंतजाम
वहीं, छात्राओं का कहना है कि उनलोगों को दूर से आना पड़ता है और जाने के समय अंधेरा है जाता है. सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे काफी परेशानी होती है. छात्राओं ने कॉलेज में ही फीस जमा करने या ऑनलाइन पेमेंट करने की व्यवस्था की मांग की है. मामले में जब बैंक अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चार से पांच कॉलेज के छात्र-छात्राएं लाइन में खड़े हैं. सभी को एक बार अंदर लाना आसान नहीं है. इसलिए पांच-पांच छात्राओं को प्रवेश कराया जा रहा है.
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छात्र-छात्राओं को हो रही है समस्या
छात्र-छात्राओं को हो रही इस समस्या को लेकर जब जिला के उपायुक्त से बात की गयी तो उन्होंने तत्काल जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को इसमें सुधार करने का आवश्यक निर्देश दिया और बताया कि संबंधित बैंक में छात्र-छात्राओं को जो समस्या हो रही है उसे समाधान करा लिया जाएगा. सरकार बेहतर शिक्षा देने और बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देती है, जबकि छात्राओं को फीस का चालान जमा करने को लेकर पढ़ाई-लिखाई छोड़ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई और भविष्य के साथ शिक्षण संस्थान और सरकार की व्यवस्था कितनी संवेदनशील है यह स्पष्ट दिखाई देती है.