जामताड़ा: जिले में लगाए गए रोजगार मेला में अधिकांश युवक-युवतियों को निराशा ही हाथ लगी. बिना रोजगार पाए उन्हें लौटना पड़ा. युवकों ने कहा कि रोजगार मेला मात्र दिखावा है. मेले में दुमका सांसद सुनील सोरेन और उनके प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किए जाने पर पदाधिकारी ने इसे चूक बताया. तो भाजपा नेता ने इसे सांसद का अवमानना करार दिया.
रोजगार मेला का आयोजन
जामताड़ा में श्रम नियोजन प्रशिक्षण विभाग की ओर से शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोजगार मेला का आयोजन किया गया. आउटडोर स्टेडियम में लगाए गए इस रोजगार मेले का उद्घाटन जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया. रोजगार मेले में काफी संख्या में शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों का हुजूम उमड़ पड़ा.
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'दिखावा है रोजगार मेला'
शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियां काफी उम्मीद के साथ रोजगार मेला में पहुंचे थे. अधिकांश युवक युवतियों को निराशा ही इस मेले से हाथ लगी. मन मुताबिक आशा अनुरूप रोजगार मेले में रोजगार नहीं मिलने पर निराश युवकों ने इस मेले को मात्र दिखावा बताया. मेले में लगे विभिन्न कंपनियों के स्टॉल पर बेरोजगार युवक युवतियां अपने रोजगार को लेकर तलाशते रहे, पर उन्हें निराशा हाथ तब लगी.
युवक-युवतियां निराश
मेले में अधिकांश सिक्योरिटी गार्ड और 10 से 12000, 14000 की नौकरी बाहर मिल रहे थे. जिसको लेकर शिक्षित बेरोजगार काफी नाराजगी जाहिर करते दिखे. शिक्षित बेरोजगार युवक का कहना था कि अधिकांश नौकरियां सिक्योरिटी गार्ड की है. उसमें भी पैसे की मांग की जा रही है और 10 से 12,14 हजार में पुणे अहमदाबाद में नौकरी देने की बात की जा रही है.
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'हुई है चूक'
वहीं, उपायुक्त गणेश कुमार ने मेले में दुमका के सांसद सुनील सोरेन और उनके प्रतिनिधि को नहीं नहीं बुलाए जाने के सवाल पर सुधार करने की बात कही, तो जिला नियोजनालय पदाधिकारी ने इसे चूक बताया.
'सांसद का अपमान'
जिला नियोजनालय पदाधिकारी (डीपीओ) से जब पूछा गया कि पिछले वर्ष में कितने बेरोजगार युवकों को रोजगार मिला तो वे इसका जवाब नहीं दे पाईं. इधर, भाजपा सांसद को मेले में नहीं बुलाए जाने पर भाजपा के नेता सोमनाथ सिंह ने इसे सांसद का अपमान बताया.