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DC साहब की गोद में बीमार पड़ा है गांव, एक आदर्श ग्राम की हकीकत

झारखंड के जामताड़ा जिले में आदर्श गांव की हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्ती पर है, इसके बाद भी कोई खास सुधार नहीं हुआ. जामताड़ा डीसी जटाशंकर चौधरी ने 2015 में आदर्श ग्राम के तहत इस गांव को गोद लिया था लेकिन ये गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

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Published : Apr 1, 2019, 1:38 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 7:08 PM IST

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

जामताड़ा: भारत गांवों का देश है. भारत की अधिकतम जनता गांवों में निवास करती है. पहले भारत के गांव उन्नत और समृद्ध थे. गांव के लोग सुखी थे. समय बीतता गया और नगरों का विकास होता गया और गांव पिछड़ते गये. लेकिन 2014 में बीजेपी सरकार आने के बाद गांव के लोगों की उम्मीदें फिर से जगी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

गांवों को फिर से उन्नत और समृद्ध बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्तूबर, 2014 को लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) को जोर-शोर से लांच किया था. और सांसदों और सरकारी अधिकारियों से एक-एक गांव को गोद लेने की अपील की थी. लेकिन आज वही योजना सरकारी प्रक्रिया की ठोकरें खाकर बद से बदतर स्थिति में आ गई है.

जामताड़ा डीसी द्वारा बरजोरा गांव को सांसद आदर्श गांव के रूप में चिन्हित किया गया था. 2015 में जब आदर्श गांव के रूप में इस गांव को चयन हुआ तो ग्रामीणों को लगा कि अब सूरत बदल जाएगी. मगर लोगों को पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्या से आज भी जुझना पड़ रहा है. लेकिन सरकार और प्रशासन ग्रामीणों की इन समस्याओं से बिल्कुल बेखबर है.

गांव में एक विद्यालय तो है लेकिन भवन अधूरा पड़ा हुआ है. विद्यालय में चाहरदीवारी नहीं है. जैसे-तैसे शिक्षक और बच्चे पढ़ाई करते हैं. विद्यालय की शिक्षिका का कहना था कि स्कूल भवन अधूरा रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं गांव में सबसे बड़ी समस्या पानी की किल्लत की है. पानी के लिए ग्रामीणों को मिलों पैदल चलना पड़ता है.

बहरहाल जामताड़ा का बरजोरा गांव आदर्श बन कर भी अबतक आदर्श नहीं बन पाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस योजना की शुरुआत की थी तो सांसदों और अधिकारियों को 2016 तक गांव के विकास की डेडलाइन दी थी. लेकिन इतना समय निकल चुका है और अबतक गांव की ये स्थिति बनी हुई है. अब तो लोगों के सामने चमत्कार की उम्मीद करने के अलावा कुछ बचा ही नहीं है.

जामताड़ा: भारत गांवों का देश है. भारत की अधिकतम जनता गांवों में निवास करती है. पहले भारत के गांव उन्नत और समृद्ध थे. गांव के लोग सुखी थे. समय बीतता गया और नगरों का विकास होता गया और गांव पिछड़ते गये. लेकिन 2014 में बीजेपी सरकार आने के बाद गांव के लोगों की उम्मीदें फिर से जगी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

गांवों को फिर से उन्नत और समृद्ध बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्तूबर, 2014 को लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) को जोर-शोर से लांच किया था. और सांसदों और सरकारी अधिकारियों से एक-एक गांव को गोद लेने की अपील की थी. लेकिन आज वही योजना सरकारी प्रक्रिया की ठोकरें खाकर बद से बदतर स्थिति में आ गई है.

जामताड़ा डीसी द्वारा बरजोरा गांव को सांसद आदर्श गांव के रूप में चिन्हित किया गया था. 2015 में जब आदर्श गांव के रूप में इस गांव को चयन हुआ तो ग्रामीणों को लगा कि अब सूरत बदल जाएगी. मगर लोगों को पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्या से आज भी जुझना पड़ रहा है. लेकिन सरकार और प्रशासन ग्रामीणों की इन समस्याओं से बिल्कुल बेखबर है.

गांव में एक विद्यालय तो है लेकिन भवन अधूरा पड़ा हुआ है. विद्यालय में चाहरदीवारी नहीं है. जैसे-तैसे शिक्षक और बच्चे पढ़ाई करते हैं. विद्यालय की शिक्षिका का कहना था कि स्कूल भवन अधूरा रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं गांव में सबसे बड़ी समस्या पानी की किल्लत की है. पानी के लिए ग्रामीणों को मिलों पैदल चलना पड़ता है.

बहरहाल जामताड़ा का बरजोरा गांव आदर्श बन कर भी अबतक आदर्श नहीं बन पाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस योजना की शुरुआत की थी तो सांसदों और अधिकारियों को 2016 तक गांव के विकास की डेडलाइन दी थी. लेकिन इतना समय निकल चुका है और अबतक गांव की ये स्थिति बनी हुई है. अब तो लोगों के सामने चमत्कार की उम्मीद करने के अलावा कुछ बचा ही नहीं है.

Intro:जामताड़ा का सांसद आदर्श गांव बरजोरा का हाल दयनीय है। आदर्श गांव रहने के बावजूद यहां के लोगों को जो सुविधा मिलने चाहिए वह नहीं हो मिल पा रहा है ।नतीजा ग्रामीण जनता को पानी बिजली शिक्षा स्वास्थ्य किस समस्या से झेलना पड़ रहा है सरकार और प्रशासन ग्रामीणों की समस्या से बिल्कुल बेखबर बने हुए हैं।


Body:जामताड़ा का बरजोरा गांव सांसद आदर्श गांव के रूप में चिन्हित किया गया है। जब आदर्श गांव के रूप में गांव को चयनित किया गया तब ग्रामीण जनता को लगा था कि अब उनका गांव विकसित होगा एक आदर्श गांव के रूप में पहचान मिलेगी ।लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। आदर्श गांव के बावजूद भी जो सुविधा मिलनी चाहिए थी। वह आज तक नहीं मिल पाई है। गांव में बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा सड़क की स्थिति दयनीय बनी हुई है। विद्यालय तो है लेकिन भवन अधूरा पड़ा हुआ है। विद्यालय में चाहरदीवारी नहीं है ।जैसे तैसे शिक्षक और बच्चे पढ़ाई करते हैं। विद्यालय की शिक्षिका का कहना था के अधूरा भवन रहने के कारण काफी परेशानी होती है । बाईट शिक्षिका V2 यही नहीं गांव में सबसे बड़ी समस्या पानी की किल्लत की है। पानी के लिए ग्रामीण जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।गांव में कहने के लिए चापाकल तो गाड़े. गए लेकिन अधिकतर चापाकल खराब पड़ा हुआ है ।जो भी चापाकल चालू हालत में है वह भी पानी देना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को सैकड़ों दूर पैदल जा कर पानी लाने पड़ता है। दरिया का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बाईट ग्रामीण जनता V3 आलम यह है कि गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र के लिए करीब 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है ।नाम मात्र का एक एंबुलेंस उपलब्ध तो जरूर करा दिया गया है जो सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है। ग्रामीण जनता को यदि आपातकालीन स्थिति में बीमार पड़ने पर जामताड़ा या अन्य जगह जाने पड़ता है । इससे उनके काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावे गांव में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है ना पार्क है ।सड़क सिंचाई और रोजगार के भी काफी अभाव है ।ग्रामीण जनता बताते हैं कि उनका यह गांव नाम मात्र का आदर्श गांव है जो आदर्श गांव का सुविधा मिलनी चाहिए वह आज तक यहां उपलब्ध नहीं हो पाया है। बाईट आर पांडे ग्रामीण V4 आदर्श बरजोरा गांव की समस्या को लेकर जब जिला के उपायुक्त से संपर्क कर पूछा गया तो बताएं कि इस गांव में जो भी कमी बेशी समस्या है उसे जांच कर पूरी कर ली जाएगी। बाईट जटाशंकर चौधरी उपयोग जामताड़ा


Conclusion:बाहर हाल जामताड़ा का आदर्श गांव बरजोरा आदर्श बन कर भी आदर्श नहीं बन पाया है। जोकि यहां के सांसद विधायक प्रतिनिधि सरकार की तमाम योजनाओं को मुंह चिढ़ा रही हैं। संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
Last Updated : Apr 1, 2019, 7:08 PM IST
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