जामताड़ाः जिले में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का काफी बुरा हाल है. बच्चे समय पर विद्यालय पहुंच जाते हैं. लेकिन शिक्षक लेट से पहुंचते हैं. इन अनियमिताओं की खबर न तो शिक्षा विभाग को है और न ही उनके पदाधिकारियों को. जिन्हें यह व्यवस्था बनाए रखने का काम सौंपा गया है.
जिले के वाराडगाल गांव में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की स्थिति काफी दयनीय है. यहां बच्चे विद्यालय में समय से पहुंच जाते हैं. विद्यालय में शिक्षक का इंतजार करते हैं. लेकिन लेट लतीफ शिक्षकों के इंतजार में बच्चे बाहर बैठे रहते हैं. 8 बजे आने का समय निर्धारित है लेकिन शिक्षक 9 बजे स्कूल पहुंचते हैं. इसके प्रति शिक्षा विभाग न तो संवेदनशील है, न ही प्रशासन सक्रिय है. नतीजा इसका बुरा प्रभाव बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है. खासकर जामताड़ा के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति काफी दयनीय है.
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जब विद्यालय के बच्चों से पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि उनकी एक ही शिक्षक है, जो मिहिजाम से आती हैं. आलम यह है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन भी नहीं मिलता है. अंडा और फल तो मिलते ही नहीं हैं. वहीं विद्यालय की शिक्षक जब पहुंची, तो खुद स्वीकार करती हैं कि लेट हो गया. अंडा नहीं मिलने के लिए आवंटन नहीं मिलने की बात कही गई.
वहीं जब इस बारे में जिला के शिक्षा पदाधिकारी बांके बिहारी सिंह को अवगत कराया गया. पहले तो उन्होंने आनाकानी की, फिर बाद में कहा कि इस बारे में वे जांच करवाएंगे और अगर जांच में सही पाया जाएगा तो उचित कार्रवाई करेंगे.