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भ्रष्टाचारियों ने बेच डाला तालाब, निबंधन विभाग ने भी बिना देखे कर दी रजिस्ट्री

जामताड़ा कोर्ट रोड स्थित तालाब का नक्शा और खतियान में पोखरा नाम से दर्ज है. जिसे विक्रयशील बताकर बेच दिया गया है. जिसका निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी किया गया था.

जानकारी देते स्थानीय निवासी
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Published : Mar 2, 2019, 8:51 PM IST

जामताड़ा: जिले में अवैध रूप से जमीन की खरीद बिक्री का धंधा जारी है. धड़ल्ले से अविक्रयशिल जमीन को विक्रयशील बता कर खरीद बिक्री की जा रही है. साथ ही जिला निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी की जा रही है.

जामताड़ा कोर्ट रोड स्थित तालाब का नक्शा और खतियान में पोखरा नाम से दर्ज है. जिसे विक्रयशील बताकर बेच दिया गया है. जिसका निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी किया गया था.

इस मामले को लेकर अनुमंडल राजस्व न्यायालय में रेवेन्यू वाद संख्या 103 को पोखरा को बचाने के लिए दायर किया गया था. जांच में पाया गया कि उक्त पोखर को बिना अंचल के अनुमति और प्रधान की अनुमति लिए बगैर खरीद बिक्री नहीं की जा सकती. लेकिन जामताड़ा में जेसीबी मशीन लगाकर पोखर के मेढ़ को काटकर उसे भरने का काम किया जा रहा है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी

इस बात की सूचना और शिकायत मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी मौके पर पहुंच पोखर को नष्ट करने पर रोक लगाई. उन्होंने पोखर को भरने और नष्ट करने से बचाव के लिए स्थानीय पुलिस को लिखित रूप से सूचना देने की बात कही.

जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पोखर पर्यावरण और संतुलन को बनाए रखने के लिए इसे नष्ट नहीं किया जा सकता और ना ही उसकी खरीद बिक्री की जा सकती है. साथ ही लोगों ने जिला प्रशासन से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.

जामताड़ा: जिले में अवैध रूप से जमीन की खरीद बिक्री का धंधा जारी है. धड़ल्ले से अविक्रयशिल जमीन को विक्रयशील बता कर खरीद बिक्री की जा रही है. साथ ही जिला निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी की जा रही है.

जामताड़ा कोर्ट रोड स्थित तालाब का नक्शा और खतियान में पोखरा नाम से दर्ज है. जिसे विक्रयशील बताकर बेच दिया गया है. जिसका निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी किया गया था.

इस मामले को लेकर अनुमंडल राजस्व न्यायालय में रेवेन्यू वाद संख्या 103 को पोखरा को बचाने के लिए दायर किया गया था. जांच में पाया गया कि उक्त पोखर को बिना अंचल के अनुमति और प्रधान की अनुमति लिए बगैर खरीद बिक्री नहीं की जा सकती. लेकिन जामताड़ा में जेसीबी मशीन लगाकर पोखर के मेढ़ को काटकर उसे भरने का काम किया जा रहा है.

जानकारी देते स्थानीय निवासी

इस बात की सूचना और शिकायत मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी मौके पर पहुंच पोखर को नष्ट करने पर रोक लगाई. उन्होंने पोखर को भरने और नष्ट करने से बचाव के लिए स्थानीय पुलिस को लिखित रूप से सूचना देने की बात कही.

जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पोखर पर्यावरण और संतुलन को बनाए रखने के लिए इसे नष्ट नहीं किया जा सकता और ना ही उसकी खरीद बिक्री की जा सकती है. साथ ही लोगों ने जिला प्रशासन से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.

Intro:जामताड़ा में रिकॉर्ड तालाब को किया जा रहा है नष्ट। यहां तक की अवैध रूप से निबंधन विभाग द्वारा भी रिकॉर्डेड तलाब की जमीन को कर दिया है रजिस्ट्री।


Body:जामताड़ा में अवैध रूप से जमीन की खरीद बिक्री का धंधा बदस्तूर जारी है। धड़ल्ले से अ विक्रयशिल जमीन को विक्रय शील बता कर खरीद बिक्री किया जा रहा है। बल्कि जामताड़ा निबंधन विभाग द्वारा धड़ल्ले से रजिस्ट्री भी कर दी जा रही है। ताजा मामला जामताड़ा कोर्ट रोड स्थित एक पोखरा का है ।जो बताया जाता है उक्त तालाब नक्शा एवं खतियान में पोखरा बोलकर दर्ज है। जिसे विक्रय शील बताकर पोखरा जमीन को बेच दिया गया है। बल्कि उसे निबंधन विभाग द्वारा रजिस्ट्री भी कर दिया गया है। बताया जाता है कि कुल 7 लोगों को सेल डीड बनाया गया है जो इस पोखरा की जमीन को खरीद किए हैं। इस मामले को लेकर अनुमंडल राजस्व न्यायालय में रेवेन्यू वाद संख्या 103 को पोखरा को बचाने के लिए दायर किया था। रेवेन्यू न्यायालय द्वारा जांच में पाया गया कि उक्त पोखरा खतियान में पोखरा बोलकर दर्ज है। जिसे बिना अंचल के अनुमति और प्रधान की अनुमति के लिए बगैर उसके खरीद बिक्री नहीं किया जा सकता है। यहां तक कि हवाला दिया गया है कि हाईकोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में पोखरा को नष्ट नहीं किया जा सकता है ना उसके स्वरूप को बदला जा सकता है ।लेकिन जामताड़ा में सारे नियम कानून को धता बताते हुए पोखरा को नष्ट किया जा रहा है। उसके स्वरूप को भी बदला जा रहा है। जेसीबी मशीन लगाकर पोखरा के मेड को काटकर पोखरा को भरने का काम किया जा रहा है ।इस बात की सूचना और शिकायत मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी जामताड़ा तत्काल मौके पर पहुंच पोखरा को नष्ट करने और कार्य कर रहे पर रोक लगाई तत्पश्चात उन्होंने पोखरा को भरने और नष्ट करने से बचाव हेतु स्थानीय पुलिस को लिखित रूप से सूचना दिए जाने की बात कही।
जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त पोखरा नक्शा और सरकारी खतियान में पोखरा बोलकर दर्ज है जो पर्यावरण और संतुलन को बनाए रखने के लिए माननीय उच्च न्यायालय एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के तहत पोखरा को नष्ट नहीं किया जा सकता है ना उसकी खरीद बिक्री की जा सकती है। लेकिन जामताड़ा में पोखरा को नष्ट किया जा रहा है बल्कि उसे खरीद बिक्री भी कर दिया गया है। स्थानीय लोग जिला प्रशासन से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।

बाईट उमाशंकर प्रसाद निर्वात मान एसडीओ जामताड़ा
बाईट स्थानीय निवासी


Conclusion:एक तरफ सरकार पोखरा के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च कर रही है योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी तरफ रिकॉर्डेड तालाब को बेचा जा रहा है बल्कि उसे नष्ट और स्वरूप को भी बदला जा रहा है। सरकार और प्रशासन है कि बिल्कुल संज्ञा सुन बनी हुई है।

संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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