जामताड़ा: जिला का करमाटांड़ प्रखंड ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि रही है. यहां विद्यासागर लाइब्रेरी और विद्यालय दोनों संचालित था जो आज खंडहर में तब्दील हो चुका है और इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. विद्यासागर लाइब्रेरी को फिर से चालू करने और इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है.
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1931 से संचालित है विद्यासागर लाइब्रेरी
बताया जाता है कि सन 1931 से ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम से कर्माटांड़ा में लाइब्रेरी संचालित था और इसके साथ-साथ यहां विद्यालय भी चलता था. आजादी के बाद 1951 में इस जमीन को सरकार को दान कर दिया गया. कुछ वर्षों के बाद विद्यालय भवन का निर्माण दूसरी जगह सरकार की तरफ से कराया गया. यहां विद्यालय चल रहा है, पर अब तक लाइब्रेरी नहीं खुल सका है. देखरेख के अभाव में लाइब्रेरी भवन अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है.
ऐतिहासिक धरोहर पर भू-माफिया की नजर
एक तरफ जहां लाइब्रेरी भवन जर्जर हो चुका है वहीं दूसरी तरह ऐतिहासिक धरोहर का अतिक्रमण किया जा रहा है. भू-माफिया की नजर इस जमीन पर है और इसे हड़पने का प्रयास किया जा रहा है. राजकीय बुनियादी विद्यालय के प्रधानाचार्य ईश्वर चंद्र विद्यासागर के इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस संबंध में प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई गई है. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि प्रशासन और सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कदम उठाए.