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आदिवासी समाज का दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन, 10 मार्च को हरमू मैदान में महारैली - जामताड़ा न्यूज

संथाल परगना के आदिवासी समाज अपने हक अधिकार अस्तित्व को लेकर चिंतन मंथन करना शुरू कर दिया है. जामताड़ा के रेड क्रॉस सभागार भवन में आदिवासी युवा शक्ति के बैनर के तहत दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर का शुभारंभ किया गया, जिसमें संताल परगना के करीब 500 गांव के माझी हडाम ग्राम प्रधान ने भाग लिया.

जानकारी देते संजय पाहन, झारखंड प्रभारी जयस
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Published : Mar 2, 2019, 11:49 PM IST

जामताड़ा: संथाल परगना के आदिवासी समाज अपने हक अधिकार अस्तित्व को लेकर चिंतन मंथन करना शुरू कर दिया है. जामताड़ा के रेड क्रॉस सभागार भवन में आदिवासी युवा शक्ति के बैनर के तहत दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर का शुभारंभ किया गया, जिसमें संताल परगना के करीब 500 गांव के माझी हडाम ग्राम प्रधान ने भाग लिया.

जानकारी देते संजय पाहन, झारखंड प्रभारी जयस


दो दिवसीय आयोजित इस चिंतन मंथन शिविर में आदिवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन, संस्कृति, सरना धर्म कोड अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए वन भूमि के तहत बेदखल करने के आदेश आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की. जयस के झारखंड प्रभारी संजय पाहन ने दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर के बारे में जानकारी देते हुए बताया की सरना धर्म कोड लागू करने, पांचवी अनुसूची में शामिल करने, संविधान में जो अधिकार संथाल समाज को दिया गया है उसे लागू करने आदि विषयों को लेकर चिंता किया जा रहा हैं.बता दें कि जय आदिवासी युवा शक्ति के आह्वान पर 10 मार्च को रांची हरमू मैदान में आदिवासी के अस्तित्व बचाओ को लेकर एक महारैली का आयोजन किया गया है, जिसमें 4 सूत्री मांग को लेकर पूरे राज्य भर के आदिवासी जुटेंगे.

जामताड़ा: संथाल परगना के आदिवासी समाज अपने हक अधिकार अस्तित्व को लेकर चिंतन मंथन करना शुरू कर दिया है. जामताड़ा के रेड क्रॉस सभागार भवन में आदिवासी युवा शक्ति के बैनर के तहत दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर का शुभारंभ किया गया, जिसमें संताल परगना के करीब 500 गांव के माझी हडाम ग्राम प्रधान ने भाग लिया.

जानकारी देते संजय पाहन, झारखंड प्रभारी जयस


दो दिवसीय आयोजित इस चिंतन मंथन शिविर में आदिवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन, संस्कृति, सरना धर्म कोड अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए वन भूमि के तहत बेदखल करने के आदेश आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की. जयस के झारखंड प्रभारी संजय पाहन ने दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर के बारे में जानकारी देते हुए बताया की सरना धर्म कोड लागू करने, पांचवी अनुसूची में शामिल करने, संविधान में जो अधिकार संथाल समाज को दिया गया है उसे लागू करने आदि विषयों को लेकर चिंता किया जा रहा हैं.बता दें कि जय आदिवासी युवा शक्ति के आह्वान पर 10 मार्च को रांची हरमू मैदान में आदिवासी के अस्तित्व बचाओ को लेकर एक महारैली का आयोजन किया गया है, जिसमें 4 सूत्री मांग को लेकर पूरे राज्य भर के आदिवासी जुटेंगे.

Intro:जय आदिवासी युवा शक्ति जयस के तहत संथाल के आदिवासी समाज माझी हडाम अपने अस्तित्व अधिकार को लेकर दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन जामताड़ा के रेड क्रॉस सभागार में आयोजन किया। जिसमें आदिवासी समाज अपने अस्तित्व अधिकार और जल जंगल जमीन के ज्वलंत मुद्दे को लेकर चिंतन मंथन किया।


Body:जय आदिवासी युवा शक्ति जयस के तहत संथाल परगना के आदिवासी समाज अपने हक अधिकार अस्तित्व को लेकर चिंतन मंथन करना शुरू कर दिया है ।जामताड़ा के रेड क्रॉस सभागार भवन में आदिवासी युवा शक्ति के बैनर के तहत दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर का शुभारंभ किया गया ।जिसमें संथाल परगना के करीब 500 गांव के माझी हडाम ग्राम प्रधान ने भाग लिया। दो दिवसीय आयोजित इस चिंतन मंथन शिविर में आदिवासी समाज ने जल जंगल जमीन संस्कृति सरना धर्म कोड अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए वन भूमि के तहत बेदखल करने के आदेश आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की एवं मंथन किया जयस के झारखंड प्रभारी संजय पहानने दो दिवसीय चिंतन मंथन शिविर के बारे में जानकारी देते हुए बताया की सरना धर्म कोड लागू करने पांचवी अनुसूची में शामिल करने संविधान में जो अधिकार संथाल समाज को दिया गया है उसे लागू करने आदि विषयों को लेकर चिंता किया किया जा रहा हैं और मंथन किया जा रहा है और आगे इस पर सामाजिक तौर पर निर्णय लिया जाएगा

बाईट संजय पहाड़ झारखंड प्रभारी जयस


Conclusion:आपको बता दें कि जय आदिवासी युवा शक्ति के आह्वान पर 10 मार्च को रांची हरमू मैदान में आदिवासी के अस्तित्व बचाओ को लेकर एक महारैली का आयोजन किया गया है जिसमें 4 सूत्री मांग को लेकर पूरे राज्य भर के आदिवासी जुटेगे।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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