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जामताड़ा के इस गांव के ग्रामीण हर सुविधा से हैं महरूम, न बिजली-पानी और न ही सड़क - झारखंड सरकार

जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित घुतपनिया गांव में किसी भी तरह की सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है. गांव की हालत ये है कि आने-जाने के लिए सड़क तक नहीं है और न ही बिजली.

घुतपनिया गांव जामताड़ा
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Published : Oct 24, 2019, 3:11 PM IST

जामताड़ा: जिला का ग्रामीण क्षेत्र घुतपनिया गांव के ग्रामीणों को आज भी बिजली-सड़क-पानी, स्वास्थ्य, रोजगार आदि मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं. गांव की समस्या देखने और सुनने वाला कोई नहीं है. सरकारी पदाधिकारी भी कभी इनकी सुध नहीं लेते और न ही कोई जनप्रतिनिधि ही इनकी सुध लेना उचित समझता है.

देखें पूरी खबर

सड़क तक नहीं
नारायणपुर प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है घुतपनिया गांव. गांव की हालत यह है कि आने-जाने के लिए सड़क तक नहीं है. बरसात के समय में सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है. गांव में रोजगार नहीं मिल पाता. मनरेगा के तहत रोजगार नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीण को रोजगार के लिए मजदूरी करने बाहर जाना पड़ता है.

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'बहुत परेशानी होती है'
वहीं, कहने के लिए गांव में बिजली के खंभे लगे हुए हैं, बिजली नहीं रहती. गांव के लोगों का कहना है कि राशन के अलावा कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिलती है. सड़क नहीं रहने के कारण काफी परेशानी होती है.

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'जल्द काम किया जाएगा'
ग्रामीण महिलाएं बताती हैं कि गांव में स्कूल तो है पर पढ़ाई नहीं होती है. बच्चों को भरपेट स्कूल में भोजन नहीं मिल पाता है. इस समस्या को लेकर जब झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह से अवगत कराते हुए पूछा गया तो मंत्री ने स्थानीय क्षेत्र के विधायक को ही दोषी करार दे दिया. मंत्री का कहना था कि क्षेत्र के विधायक का दायित्व है कि इन समस्याओं से सरकार को अवगत कराएं. मंत्री का कहना था कि रघुवर सरकार में बहुत से गांवों में विकास का काम हुआ है, और आगे भी सरकार बनती है तो विकास होता रहेगा, जो गांव विकास से छूट गए हैं, वहां भी जल्द काम किया जाएगा.

जामताड़ा: जिला का ग्रामीण क्षेत्र घुतपनिया गांव के ग्रामीणों को आज भी बिजली-सड़क-पानी, स्वास्थ्य, रोजगार आदि मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं. गांव की समस्या देखने और सुनने वाला कोई नहीं है. सरकारी पदाधिकारी भी कभी इनकी सुध नहीं लेते और न ही कोई जनप्रतिनिधि ही इनकी सुध लेना उचित समझता है.

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सड़क तक नहीं
नारायणपुर प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है घुतपनिया गांव. गांव की हालत यह है कि आने-जाने के लिए सड़क तक नहीं है. बरसात के समय में सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है. गांव में रोजगार नहीं मिल पाता. मनरेगा के तहत रोजगार नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीण को रोजगार के लिए मजदूरी करने बाहर जाना पड़ता है.

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'बहुत परेशानी होती है'
वहीं, कहने के लिए गांव में बिजली के खंभे लगे हुए हैं, बिजली नहीं रहती. गांव के लोगों का कहना है कि राशन के अलावा कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिलती है. सड़क नहीं रहने के कारण काफी परेशानी होती है.

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'जल्द काम किया जाएगा'
ग्रामीण महिलाएं बताती हैं कि गांव में स्कूल तो है पर पढ़ाई नहीं होती है. बच्चों को भरपेट स्कूल में भोजन नहीं मिल पाता है. इस समस्या को लेकर जब झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह से अवगत कराते हुए पूछा गया तो मंत्री ने स्थानीय क्षेत्र के विधायक को ही दोषी करार दे दिया. मंत्री का कहना था कि क्षेत्र के विधायक का दायित्व है कि इन समस्याओं से सरकार को अवगत कराएं. मंत्री का कहना था कि रघुवर सरकार में बहुत से गांवों में विकास का काम हुआ है, और आगे भी सरकार बनती है तो विकास होता रहेगा, जो गांव विकास से छूट गए हैं, वहां भी जल्द काम किया जाएगा.

Intro:जामताङा: जामताड़ा जिला का ग्रामीण क्षेत्र घुतपनिया गांव के ग्रामीण जनता को आज भी बिजली-सड़क-पानी स्वास्थ्य रोजगार आदि मूलभूत सुविधाओं से महरूम होना पड़ता है। गांव के समस्या को देखने और सुनने वाला कोई नहीं है । सरकारी पदाधिकारी ही न कभी इनकी सुघ लेते हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ही इनकी सुध लेना उचित समझता है।


Body:नारायणपुर प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है घुतपनिया गांव ।गांव का हालात यह है कि आने-जाने के लिए सड़क तक नहीं है। बरसात के समय में सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। गांव में रोजगार नहीं मिल पाता है। मनरेगा के तहत रोजगार नहीं मिलने के कारण यहां के ग्रामीण को रोजगार के लिए मजदूरी करने बाहर जाने पड़ता है। रोजगार का घोर अभाव है। कहने के लिए गांव में बिजली के खंभे लगे हुए हैं। पर नाम मात्र का । बिजली रहती नहीं । गांव के लोगों का कहना है राशन के अलावा कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिलता है। सड़क नहीं है ।जिसके चलते काफी परेशानी होती है ।गांव में मनरेगा के तहत काम नहीं मिलता है ।बाहर मजदूरी करने जाना पड़ता है। ग्रामीण महिलाएं बताती है कि गांव में स्कूल है पर स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। बच्चे को भरपेट स्कूल में भोजन नहीं मिल पाता है। वह इस बारे में समस्या को लेकर जब झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह से अवगत कराते हुए पूछा गया तो मंत्री ने स्थानीय क्षेत्र के विधायक को ही दोषी करा दे मंत्री का कहना था क्षेत्र का विधायक का दायित्व है इस समस्या का ध्यान सरकार को आकृष्ट कराए। ऐसा नहीं हुआ है तो सरकार के पास इस विषय में संज्ञान में आया है तो जो विकास का काम नहीं हो पाया है वह आने वाले समय में फिर से यदि भाजपा सरकार बनी तो वहां विकास का काम पहुंच जाएगा। रणधीर सिंह मंत्री का कहना था रघुवर सरकार में बहुत से गांवों में विकास का काम पहुंचा है। बहुत से गांव में भी नहीं पहुंच पाया है। फिर से सरकार बनेगी और वहां पर जहां का विकास नहीं हो पाया वहां विकास का काम होगा।
बाईट स्थानीय ग्रामीण पुरुष एवं महिलाएं
बाईट गांधी सिंह कृषि मंत्री झारखंड सरकार।


Conclusion:गांव के हालात यह है कि गांव में बिजली के पोल टूटकर गिरे पड़े हुए हैं ।बिजली के तार पेड़ पर और जमीन पर लटका हुआ है। कभी भी अप्रिय हादसा हो सकती है। ग्रामीण इसके दुर्घटना के शिकार भी हो सकते हैं ।पर इसे देखने वाला और सुनने वाला कोई नहीं है। हालांकि इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन को जब आवगत कराया गया तो जिला के उपायुक्त ने इस मामले को संज्ञान लेते हुए गांव में हर सुविधा मुहैया कराने की बात कही है उपायुक्त ने कहा है कि संबंधित ब्लाक के वीडियो को आवश्यक निर्देश देखें इस गांव की जो समस्या है उसे निदान कराया जाएगा।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताङा
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