जामताड़ा: शहर के लोगों और राहगीरों को शुद्ध और शीतल पेयजल नसीब हो इसे लेकर लाखों की लागत से दो प्याऊ का निर्माण कराया गया है, जो कि बिल्कुल बेकार साबित हो रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी प्याऊ से शुद्ध शीतल पेयजल लोगों को नसीब नहीं हो पा रहा है. लोग शुद्ध और शीतल पेयजल मिलने को लेकर तरस रहे हैं. लोगों का कहना है कि पानी के लिए काफी परेशानी होती है, लेकिन पानी कभी मिलता है कभी नहीं मिलता.
रेलवे मुख्य स्टेशन द्वार पर बना है प्याऊ
जामताड़ा नगर के लोगों राहगीरों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़े. शीतल और शुद्ध पेयजल मिले. इसके लिए लाखों रुपए खर्च कर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर प्याऊ का निर्माण कराया गया है. रेलवे स्टेशन पर बना प्याऊ का हाल यह है कि लोगों को आज तक यहां से पानी नसीब नहीं हो पाया है. स्थानीय का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर प्याऊ तो बना दिया गया, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.
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नाम मात्र
प्याऊ का जब निर्माण हुआ तो लोगों को लगा था कि अब उन्हें शुद्ध और शीतल पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और शुद्ध पेयजल प्याऊ से आसानी से मिल सकेगा. लेकिन हुआ वही ढाक के तीन पात. नतीजा प्याऊ सिर्फ नाम मात्र का बनकर रह गया है.
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जिला प्रशासन को नहीं है कोई मतलब
प्याऊ से लोगों को पानी मिल रहा है या नहीं. इसे लेकर जामताड़ा जिला प्रशासन बिलकुल बेखबर है. जिला प्रशासन के कई आला अधिकारी इसी प्याऊ के सामने से कई बार गुजरते हैं, लेकिन आज तक किसी ने भी सुध लेना मुनासिब नहीं समझा.