जामताड़ा: जिले के चिरूड़ीह गांव में जमीन पर कब्जा किए जाने के बाद इंसाफ की मांग को लेकर जामताड़ा अनुमंडल कार्यालय के सामने छह दिन से धरना दे रहे दलितों से मिलने पहुंचे झारखंड में सत्तारूढ़ दल के विधायक इरफान अंसारी को बैरंग लौटना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी की एक भी बात नहीं सुनी. इसको अंसारी ने विपक्षी दल भाजपा की चाल बताया है.
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दरअसल, जामताड़ा के पांच दलित परिवारों की जमीन और घर पर कब्जा कर लिया गया है. इसके बाद से पांच दिन से दलित जामताड़ा अनुमंडल कार्यालय के सामने धरना देकर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. इसकी जानकारी पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी धरने पर बैठे पीड़ित दलित परिवारों से मिलने मंगलवार को पहुंचे थे. यहां दलित परिवारों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया. पीड़ित परिवार से मिलने जैसे विधायक इरफान अंसारी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे, धरने पर बैठे पीड़ित परिवार की महिलाएं आक्रोशित हो गईं और विधायक को खरी-खोटी सुनाने लगीं. इससे विधायक अंसारी को बैरंग लौटना पड़ा.
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ये है पूरा मामला
इंसाफ के लिए 5 दलित पीड़ित परिवार पिछले 5 दिनों से सड़क के किनारे न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं. हालांकि मंगलवार को हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वसन दिया.
जामताड़ाः विधायक अनंत ओझा ने दलित पीड़ित परिवारों से की मुलाकात, सरकार से लगाई न्याय की गुहार
चिरूड़ीह गांव में 5 दलित परिवारों को उनके घर और जमीन से बेदखल कर दिया गया था. इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार पिछले 5 दिनों से इंसाफ की मांग को लेकर जामताड़ा अनुमंडल कार्यालय के सामने धरना दे रहा है. वहीं पीड़ित परिवारों के लिए भाजपा के राजमहल विधायक अनंत ओझा ने सरकार और प्रशासन से न्याय करने की मांग की है. भाजपा के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि जिस तरह से पांच दलित परिवार को अत्याचार और शोषण का शिकार होना पड़ रहा है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि संवेदनशील होकर मामले की जांच करें और परिवार को न्याय देने का काम करें.