जामताड़ा: जिले के जामताड़ा और मिहिजाम नगर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपए खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन उसका आज तक उपयोग नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में शौचालयों में ताला लटका है. नतीजतन लोगों को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
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खुले में शौच मुक्त नहीं हो सका जामताड़ाः बताते चलें कि जामताड़ा में दर्जनों सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. नगर विकास विभाग जामताड़ा के द्वारा जिले को खुले में शौच से मुक्त करने को लेकर जामताड़ा के दो शहरी क्षेत्र में लाखों रुपए खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन जितनी दिलचस्पी निर्माण कराने में विभाग के पदाधिकारियों ने दिखायी, उतनी दिलचस्पी शौचालयों को चालू कराने के लिए नहीं दिखायी जा रही है. इस कारण स्थानीय लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोग अब इसे सरकारी राशि का दुरुपयोग कह रहे हैं.
समाजसेवी तरुण गुप्ता ने सरकारी राशि का बताया दुरुपयोगः इस संबंध में स्थानीय समाजसेवी तरुण गुप्ता ने कहा कि शौचालयों के निर्माण में लाखों रुपए फूंक दिए गए, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह सरासर सरकारी राशि का दुरुपयोग है और आर्थिक अपराध है. उन्होंने कहा कि जिले को खुले में शौच मुक्त करने को लेकर जरूरतमंदों के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. शौचालय निर्माण में सरकारी राशि की बंदरबांट की गई है. उन्होंने सरकार से मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं दिया ध्यानः वहीं समाज के बुद्धिजीवियों ने भी कई बार मामले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को पहल करने की मांग की, लेकिन अब तक नतीजा सिफर रहा. वहीं कई लोगों ने विधायक निधि से शौचालय चालू करने की मांग की, लेकिन आज तक सामुदायिक शौचालय चालू नहीं हो पाया है.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने जल्द पहल करने की कही बातः वहीं इस संबंध में जामताड़ा जिला कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष हरिमोहन मिश्रा ने कहा कि बंद पड़े सामुदायिक शौचालयों को शीघ्र उपयोग लायक बनाने और चालू कराने की दिशा में पहल की जाएगी. बहरहाल, जिस उद्देश्य से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था वह अब तक पूरा नहीं हुआ है. जितनी राशि निर्माण कार्य में खर्च हुई, आज तक उसका एक पैसा भी उपयोग नहीं किया जा सका है. भविष्य में उपयोग हो भी पाएगा की नहीं अभी फिलहाल कहना मुश्किल है.