जामताड़ा: मिहिजाम का केलाही पहाड़ जो कभी रमणीक स्थल था जो आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. पहाड़ की सुंदरता ही खत्म हो चुकी है. कभी लोग यहां घूमने आते थे लेकिन आज यहां चारों ओर सन्नाटा है. स्थानीय लोग अब फिर से इसे सुरक्षा देकर रमणीक स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं.
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केलाही पहाड़ की सुंदरता पड़ी फीकी
मिहिजाम का केलाही पहाड़ जो कभी अपनी सुंदरता से प्रकृति की चार चांद बिखरेता था और रमणीक स्थल माना जाता था. लोग प्रकृति की आनंद लेने के लिए यहां आते थे. आज उसकी सुंदरता ही फीकी पड़ गई है और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. पहाड़ पर पत्थर खनन कर इस जगह की सुंदरता छीन ली गई है. जानकार बताते हैं इस जगह पर लोग आनंद के लिए आते थे लेकिन पत्थर माफियाओं के कारण आज वहां कोई नहीं जाता.
रमणीक स्थल माफियाओं की नजर
पहाड़ की सुंदरता और इस रमणीक स्थल पर पत्थर माफियाओं की नजर लग गई. वो दीमक की तरह इसके पत्थर को चट करने में लग गए. नतीजा खनन विभाग से पत्थर कारोबारी सांठगांठ कर खनन पट्टा लेकर अंधाधुन प्रकृति की सुंदरता बिखेर रहे पहाड़ को खोदना शुरू कर दिया. नतीजा धीरे-धीरे लोगों ने यहां आना जाना बंद कर दिया. पत्थर के विस्फोट और खनन के कारण आसपास के लोगों को भी काफी दहशत के माहौल में जीना पड़ रहा है.
समाज के बुद्धिजीवी लोग पहाड़ को सरकार से सुरक्षित रखने और फिर से इस जगह को रमणीक स्थल बनाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. स्थानीय बुद्धिजीवी अधिवक्ता उत्तम कुमार ने प्रकृति की सुंदरता को बिखेरने वाली केलाही पहाड़ को बचाने के लिए और फिर से इस जगह को रमणीक स्थल स्थल बनाने के लिए सरकार से मांग की.
फिलहाल केलाही पहाड़ का शेष बचे हिस्से के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. जिसे सुरक्षित रखने और बचा कर रखने की जरूरत है, नहीं तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब केलाही पहाड़ का नामो निशान मिट जाएगा.