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झारखंड आंदोलनकारी सूर्य सिंह बेसरा ने दिया 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम, कहा-अब सीधी लड़ाई

झारखंड आंदोलनकारी पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने आंदोलनकारियों का हक दिलाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है. बेसरा ने आंदोलनकारियों के सम्मान और लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को 15 नवंबर तक का समय दिया है.

Jharkhand agitator Surya Singh Besra ultimatum to Jharkhand government till November 15
झारखंड आंदोलनकारी सूर्य सिंह बेसरा ने दिया 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम
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Published : Aug 9, 2021, 12:46 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 12:54 PM IST

जामताड़ा: झारखंड आंदोलनकारी पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने आंदोलनकारियों का हक दिलाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है. सूर्य सिंह बेसरा ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार को 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि 15 नवंबर तक सरकार यदि आंदोलनकारियों और शहीदों को सम्मान नहीं देती, आंदोलनकारी पेंशन, 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और झारखंडी भाषा को शिक्षा का माध्यम नहीं बनाती तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. एक बार फिर झारखंड के अस्तित्व को बचाने को लेकर आंदोलन करेंगे.

ये भी पढ़ें-झारखंड आंदोलन में आजसू की रही है सक्रिय भूमिका, गिरिडीह का संपूर्ण विकास हमारा लक्ष्य- चंद्र प्रकाश चौधरी

झारखंड आंदोलनकारी नेता पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ने वाले झारखंड आंदोलनकारियों-आंदोलन में शहीद हुए लोगों को सम्मान, आंदोलनकारी पेंशन और 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने और झारखंडी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार 15 नवंबर तक उनकी मांग को नहीं मानती है तो 15 नवंबर के बाद सीधी लड़ाई लड़ेंगे और एक बार फिर आंदोलन करेंगे.

देखें पूरी खबर
'सीएम सोरेन नहीं समझते आदिवासियों का दर्द'सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि कोरोना काल में उन्हें नया जीवन मिला है. इस जीवन में झारखंड का अस्तित्व बचाने के लिए एक बार फिर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और सत्ता को पलट कर रख देंगे. सूर्य सिंह बेसरा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को आंदोलन की सबसे बड़ी पार्टी बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अलग राज्य के आंदोलनकारियों की सबसे बड़ी पार्टी रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आंदोलन का नेतृत्व किया है. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आंदोलनकारी नहीं है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आंदोलनकारियों का दर्द नहीं समझते हैं.ये भी पढ़ें-रांची में खेल विभाग की बड़ी चूक, जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि को भूले लोग70000 आंदोलनकारियों के मामले लंबितसूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि अलग राज्य की लड़ाई लड़ने वाले 70000 आंदोलनकारियों के मामले अभी लंबित हैं. अब तक सिर्फ 20 हजार आंदोलनकारियों के आवेदन की स्क्रूटनी की गई है और मात्र 4000 आंदोलनकारियों को पेंशन दिया गया. इसके बाद मामले को लटका दिया गया है.
Jharkhand agitator Surya Singh Besra ultimatum to Jharkhand government till November 15
झारखंड आंदोलनकारी सूर्य सिंह बेसरा ने दिया 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम
जामताड़ा में तीन दिन के दौरे पर बेसरासंथाल परगना के तीन दिवसीय दौरे के क्रम में सूर्य सिंह बेसरा जामताड़ा में पहुंचे हैं. वे विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार को जामताड़ा आए थे. इसी दौरान उन्होंने आंदोलनकारियों के साथ एक बैठक भी की और एकजुट होकर अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया. झारखंड की अस्मिता बचाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मैंने संकल्प लिया है कि झारखंड के अस्तित्व को बचाने, शहीदों के सम्मान के लिए आंदोलनकारियों को एकजुट कर फिर से आंदोलन करेंगे.

जामताड़ा: झारखंड आंदोलनकारी पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने आंदोलनकारियों का हक दिलाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है. सूर्य सिंह बेसरा ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार को 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. सूर्य सिंह बेसरा ने कहा है कि 15 नवंबर तक सरकार यदि आंदोलनकारियों और शहीदों को सम्मान नहीं देती, आंदोलनकारी पेंशन, 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और झारखंडी भाषा को शिक्षा का माध्यम नहीं बनाती तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. एक बार फिर झारखंड के अस्तित्व को बचाने को लेकर आंदोलन करेंगे.

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झारखंड आंदोलनकारी नेता पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ने वाले झारखंड आंदोलनकारियों-आंदोलन में शहीद हुए लोगों को सम्मान, आंदोलनकारी पेंशन और 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने और झारखंडी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार 15 नवंबर तक उनकी मांग को नहीं मानती है तो 15 नवंबर के बाद सीधी लड़ाई लड़ेंगे और एक बार फिर आंदोलन करेंगे.

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'सीएम सोरेन नहीं समझते आदिवासियों का दर्द'सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि कोरोना काल में उन्हें नया जीवन मिला है. इस जीवन में झारखंड का अस्तित्व बचाने के लिए एक बार फिर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और सत्ता को पलट कर रख देंगे. सूर्य सिंह बेसरा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को आंदोलन की सबसे बड़ी पार्टी बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अलग राज्य के आंदोलनकारियों की सबसे बड़ी पार्टी रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आंदोलन का नेतृत्व किया है. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आंदोलनकारी नहीं है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आंदोलनकारियों का दर्द नहीं समझते हैं.ये भी पढ़ें-रांची में खेल विभाग की बड़ी चूक, जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि को भूले लोग70000 आंदोलनकारियों के मामले लंबितसूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि अलग राज्य की लड़ाई लड़ने वाले 70000 आंदोलनकारियों के मामले अभी लंबित हैं. अब तक सिर्फ 20 हजार आंदोलनकारियों के आवेदन की स्क्रूटनी की गई है और मात्र 4000 आंदोलनकारियों को पेंशन दिया गया. इसके बाद मामले को लटका दिया गया है.
Jharkhand agitator Surya Singh Besra ultimatum to Jharkhand government till November 15
झारखंड आंदोलनकारी सूर्य सिंह बेसरा ने दिया 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम
जामताड़ा में तीन दिन के दौरे पर बेसरासंथाल परगना के तीन दिवसीय दौरे के क्रम में सूर्य सिंह बेसरा जामताड़ा में पहुंचे हैं. वे विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार को जामताड़ा आए थे. इसी दौरान उन्होंने आंदोलनकारियों के साथ एक बैठक भी की और एकजुट होकर अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया. झारखंड की अस्मिता बचाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मैंने संकल्प लिया है कि झारखंड के अस्तित्व को बचाने, शहीदों के सम्मान के लिए आंदोलनकारियों को एकजुट कर फिर से आंदोलन करेंगे.
Last Updated : Aug 9, 2021, 12:54 PM IST
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