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मिहिजाम में तैयार अस्पताल भवन अब तक नहीं हुआ चालू, देखरेख के अभाव में हो रहा जर्जर

जामताड़ा के मिहिजाम में तैयार अस्पताल भवन (hospital building in Jamtara) अब तक शुरू नहीं (hospital building not started yet) हुआ है. निर्माण के सालों बीतने के बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण अब ये अस्पताल भवन जर्जर हो (hospital building dilapidated) रहा है.

hospital building not started yet at Mihijam in Jamtara
जामताड़ा
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Published : Aug 5, 2022, 9:38 AM IST

जामताड़ाः मिहिजाम के लोगों को इलाज की सुविधा देने के लिए करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन (hospital building in Jamtara) बनाया गया. अस्पताल बनकर भी तैयार है लेकिन इतने बरस बीत गए यह भवन अब तक चालू नहीं हो पाया है. नतीजा यहा है कि इलाज के अभाव में लोगों को पश्चिम बंगाल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें- एक अस्पताल भवन का 14 साल से अधिक का वनवास! मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी नहीं हुआ है निर्माण काम पूरा



पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित जामताड़ा जिला के मिहिजाम शहर में इलाज की सुविधा का अभाव है. ऐसा नहीं है कि यहां कुछ नहीं है, बुनियादी ढांचे के रूप में अस्पताल भवन बनाया गया है. लोगों को इलाज की सुविधा के लिए शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर हंसीपहाड़ी में करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन बनाया गया है. बरसों बीत गए लेकिन यह भवन अब तक चालू नहीं हो पा (hospital building not started yet) रहा है. निर्माण के बाद से ही ग्रामीण इस अस्पताल भवन के चालू होने के इंतजार में हैं.

देखें पूरी खबर

देखरेख के अभाव में भवन हो रहा जर्जरः
करोड़ की लागत से बने अस्पताल भवन के चालू होने होने से भवन की स्थिति खराब हो गयी है. उचित देखरेख के अभाव में अस्पताल भवन जर्जर (hospital building dilapidated) होने लगे हैं. जंगल झाड़ से अस्पताल भवन घिर गया है, अब यह चोर उचक्कों का अड्डा बनता जा रहा है. आलम यह है कि अस्पताल भवन में उपकरण और सामान की चोरी भी होने लगी है. जिला स्वास्थ्य विभाग के कोताहीपूर्ण रवैये से स्थानीय नाराज हैं. उनका कहना है कि मिहिजाम में इलाज की व्यवस्था होती तो पश्चिम बंगाल नहीं जाना पड़ता. लेकिन इस अस्पताल के शुरू नहीं होने से उन्हें निजी क्लिनिक जाकर इलाज कराना पड़ता है. कहने के लिए तो मिहिजाम में 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन वह नाम मात्र का है. जहां ना समय पर डॉक्टर मिलते हैं और ना दवाई ही मिल पाती है. जिससे लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


क्या कहते हैं लोग और समाजसेवीः मिहिजाम के समाजसेवी और नागरिकों का कहना है कि मिहिजम के हंसीपहारी में करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन बना दिया गया है. लेकिन ये अब तक चालू नहीं हो पाया है. जिसके चलते इलाज के लिए आम लोगों को काफी परेशानी होती है. इस वजह से मजबूर उन्हें बेहतर इलाज के लिए पश्चिम बंगाल का रूख करना पड़ता है. कई बार अस्पताल चालू कराने के लिए मांग भी की गई लेकिन कोई पहल नहीं हो पाई.


क्या कहते हैं सिविल सर्जनः करोड़ों की लागत से बने अस्पताल भवन अब तक चालू नहीं होने को लेकर जामताड़ा सिविल सर्जन (Jamtara Civil Surgeon) से संपर्क कर पूछा गया तो उनका कहना था कि अस्पताल चालू कराने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है. सिविल सर्जन का कहना है कि मिहिजाम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अर्बन स्वास्थ्य केंद्र में स्वीकृति दी गई है, उसके बाद अस्पताल को चालू कर दिया जाएगा.

जामताड़ाः मिहिजाम के लोगों को इलाज की सुविधा देने के लिए करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन (hospital building in Jamtara) बनाया गया. अस्पताल बनकर भी तैयार है लेकिन इतने बरस बीत गए यह भवन अब तक चालू नहीं हो पाया है. नतीजा यहा है कि इलाज के अभाव में लोगों को पश्चिम बंगाल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

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पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित जामताड़ा जिला के मिहिजाम शहर में इलाज की सुविधा का अभाव है. ऐसा नहीं है कि यहां कुछ नहीं है, बुनियादी ढांचे के रूप में अस्पताल भवन बनाया गया है. लोगों को इलाज की सुविधा के लिए शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर हंसीपहाड़ी में करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन बनाया गया है. बरसों बीत गए लेकिन यह भवन अब तक चालू नहीं हो पा (hospital building not started yet) रहा है. निर्माण के बाद से ही ग्रामीण इस अस्पताल भवन के चालू होने के इंतजार में हैं.

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देखरेख के अभाव में भवन हो रहा जर्जरः
करोड़ की लागत से बने अस्पताल भवन के चालू होने होने से भवन की स्थिति खराब हो गयी है. उचित देखरेख के अभाव में अस्पताल भवन जर्जर (hospital building dilapidated) होने लगे हैं. जंगल झाड़ से अस्पताल भवन घिर गया है, अब यह चोर उचक्कों का अड्डा बनता जा रहा है. आलम यह है कि अस्पताल भवन में उपकरण और सामान की चोरी भी होने लगी है. जिला स्वास्थ्य विभाग के कोताहीपूर्ण रवैये से स्थानीय नाराज हैं. उनका कहना है कि मिहिजाम में इलाज की व्यवस्था होती तो पश्चिम बंगाल नहीं जाना पड़ता. लेकिन इस अस्पताल के शुरू नहीं होने से उन्हें निजी क्लिनिक जाकर इलाज कराना पड़ता है. कहने के लिए तो मिहिजाम में 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन वह नाम मात्र का है. जहां ना समय पर डॉक्टर मिलते हैं और ना दवाई ही मिल पाती है. जिससे लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


क्या कहते हैं लोग और समाजसेवीः मिहिजाम के समाजसेवी और नागरिकों का कहना है कि मिहिजम के हंसीपहारी में करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन बना दिया गया है. लेकिन ये अब तक चालू नहीं हो पाया है. जिसके चलते इलाज के लिए आम लोगों को काफी परेशानी होती है. इस वजह से मजबूर उन्हें बेहतर इलाज के लिए पश्चिम बंगाल का रूख करना पड़ता है. कई बार अस्पताल चालू कराने के लिए मांग भी की गई लेकिन कोई पहल नहीं हो पाई.


क्या कहते हैं सिविल सर्जनः करोड़ों की लागत से बने अस्पताल भवन अब तक चालू नहीं होने को लेकर जामताड़ा सिविल सर्जन (Jamtara Civil Surgeon) से संपर्क कर पूछा गया तो उनका कहना था कि अस्पताल चालू कराने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है. सिविल सर्जन का कहना है कि मिहिजाम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अर्बन स्वास्थ्य केंद्र में स्वीकृति दी गई है, उसके बाद अस्पताल को चालू कर दिया जाएगा.
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