ETV Bharat / state

जामताड़ाः होलिका दहन के दौरान उमड़ी लोगों की भीड़, कोरोना गाइडलाइन का हुआ उल्लंघन

जामताड़ा में होलिका दहन कार्यक्रम पूरे विधि-विधान और पूजा के साथ आयोजन किया गया. वहीं मौके पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिसकी वजह से कोरोना गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन हुआ.

author img

By

Published : Mar 29, 2021, 8:53 AM IST

holika dahan was organized in jamtara
होलिका दहन

जामताड़ाः जिले में होलिका दहन काफी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. दरअसल जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूरे विधि-विधान और पूजा के साथ होलिका दहन किया गया. वहीं मौके पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिसकी वजह से कोरोना गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन हुआ.

देखें पूरी खबर


इसे भी पढ़ें- बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्वः होलिका दहन में धूं-धूंकर जली बुराई



होलिका दहन समारोह में लोगों की उमड़ी भीड़
आयोजित होलिका दहन कार्यक्रम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शहर के तमाम छोटे बच्चे, नौजवान बूढ़े सभी लोग इस होलिका दहन कार्यक्रम में भाग लिए और श्रद्धा उत्साह के साथ होलिका दहन के कार्यक्रम में पूजा अर्चना की.

नहीं दिखा कोरोना का खौफ
होलिका दहन कार्यक्रम में लोगों के उत्साह और आस्था के आगे सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन धरी के धरी रह गई. न लोगों में कोई कोरोना का खौफ दिखा और न सरकार और प्रशासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का कोई असर ही दिखा. होलिका दहन में आस्था और उत्साह के आगे सभी फीका पड़ गया.


पुरोहित ने बताया होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन को लेकर आचार्य और पुजारी ने होलिका दहन के महत्व और इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि होलिका ने प्रह्लाद को जलाने के लिए गोद में लेकर आग में बैठी थी, लेकिन प्रभु की कृपा से होलिका जल गई.


चने की बाली होलिका दहन में प्रसाद के रूप में
होलिका दहन में श्रद्धालु भक्त पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार चने की बाली को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और चढ़ाते हैं. श्रद्धालु बांस की डाली में चने की बाली बांधकर होलिका दहन के आग में अर्पित कर फिर उसे घर ले आते हैं. इसके साथ ही होलिका दहन के अग्नि और भस्म को भी घर ले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे दूष्ट का नाश होता है और दुष्ट आत्मा घर से भाग जाती हैं.

जामताड़ाः जिले में होलिका दहन काफी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. दरअसल जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूरे विधि-विधान और पूजा के साथ होलिका दहन किया गया. वहीं मौके पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिसकी वजह से कोरोना गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन हुआ.

देखें पूरी खबर


इसे भी पढ़ें- बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्वः होलिका दहन में धूं-धूंकर जली बुराई



होलिका दहन समारोह में लोगों की उमड़ी भीड़
आयोजित होलिका दहन कार्यक्रम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शहर के तमाम छोटे बच्चे, नौजवान बूढ़े सभी लोग इस होलिका दहन कार्यक्रम में भाग लिए और श्रद्धा उत्साह के साथ होलिका दहन के कार्यक्रम में पूजा अर्चना की.

नहीं दिखा कोरोना का खौफ
होलिका दहन कार्यक्रम में लोगों के उत्साह और आस्था के आगे सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन धरी के धरी रह गई. न लोगों में कोई कोरोना का खौफ दिखा और न सरकार और प्रशासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन का कोई असर ही दिखा. होलिका दहन में आस्था और उत्साह के आगे सभी फीका पड़ गया.


पुरोहित ने बताया होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन को लेकर आचार्य और पुजारी ने होलिका दहन के महत्व और इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि होलिका ने प्रह्लाद को जलाने के लिए गोद में लेकर आग में बैठी थी, लेकिन प्रभु की कृपा से होलिका जल गई.


चने की बाली होलिका दहन में प्रसाद के रूप में
होलिका दहन में श्रद्धालु भक्त पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार चने की बाली को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और चढ़ाते हैं. श्रद्धालु बांस की डाली में चने की बाली बांधकर होलिका दहन के आग में अर्पित कर फिर उसे घर ले आते हैं. इसके साथ ही होलिका दहन के अग्नि और भस्म को भी घर ले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे दूष्ट का नाश होता है और दुष्ट आत्मा घर से भाग जाती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.