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जामताड़ा रेलवे साइडिंग में डंपर चालकों ने कांटा घर किया जाम, कोयले की ढुलाई की ठप - जामताड़ा रेलवे साइडिंग में डंपर चालकों ने कांटा घर किया जाम

जामताड़ा में डंपर चालक और मालिकों ने कोयले की ढुलाई ठप कर दी है. वे डीजल की दर में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. वहीं, जानकारी के अनुसार गैरकानूनी रूप से कोयले की ढुलाई को रोकने के लिए प्रशासन ने डंपर वाहन चेकिंग अभियान चलाया, जिसके बाद आक्रोश में डंपर चालक और मालिकों ने हड़ताल कर दिया.

Dumper drivers jammed kanta ghar in Jamtara railway siding
जामताड़ा रेलवे साइडिंग में डंपर चालकों ने कांटा घर किया जाम
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Published : Sep 11, 2020, 6:01 PM IST

जामताड़ा: रेलवे साइडिंग में डंपर चालकों ने कोयले से लदे डंपर को कांटा घर में जाम कर दिया है और कोयले की ढुलाई ठप कर दी है, जिससे रेलवे साइडिंग से कोयले का संप्रेषण का काम ठप पड़ गया है.

डंपर चालकों ने कांटा घर जाम कर कोयले की ढुलाई की ठप

डंपर चालक हड़ताल पर चले गए हैं जिससे रेलवे साइडिंग से कोयले का संप्रेषण का काम ठप पड़ गया है. बीती रात से कोयले लदे डंपर जामताड़ा रेलवे साइडिंग में खड़े हैं और कांटा घर में जाम लगा हुआ है. डंपर चालक और डंपर मालिक कोयले की ढुलाई नहीं कर रहे हैं. वे डीजल में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीजल की दर में बढ़ोतरी नहीं होने से वह ढुलाई करने में असमर्थ है.

ये भी पढ़ें-जेएमएम की बढ़ी मुश्किलें, विधायक बहू के बाद गुरुजी की पोती ने सबको कटघरे में किया खड़ा

चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक होती है कोयले की ढुलाई

ईसीएल के चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है. फिर रेलवे साइडिंग से रेक से विभिन्न ताप घरों में भेजा जाता है. बताया जाता है कि करीब 200 की संख्या में डंपर से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई की जाती है.

बिना नियम कानून के की जाती है कोयले की ढुलाई

बताया जाता है कि चित्र फुलवारी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से हो रहे कोयले की ढुलाई के क्रम में रास्ते में कोयले की चोरी की जाती है. साथ ही अधिकतर डंपर के कागजात भी फेल रहते हैं, फिटनेस फेल रहता है. बिना नियम कानून के ताक में रखकर डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है, जिसे लेकर कई बार जिला प्रशासन और चितरा प्रशासन के बीच कार्रवाई करने और इस पर लगाम लगाने की भी पहल की गई है. आज तक इसमें नियम कानून में सुधार लाने के बजाय ओवरलोड और कोयले की चोरी का नियम कानून की परवाह किए बगैर कोयले की ढुलाई की जाती है.

जिला परिवहन विभाग ने तीन डंपर को पकड़ कर लगाया जुर्माना

बताया जाता है कि डंपर चालक और मालिकों के हड़ताल किए जाने के पहले जिला परिवहन विभाग ने डंपर वाहन चेकिंग अभियान चलाया था. इस चेकिंग अभियान के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी ने तीन डंपर को पकड़ा. पकड़े गए डंपर के खिलाफ ओवरलोड नियम कानून के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया गया. करीब 1 लाख से उपर जुर्माना जिला परिवहन पदाधिकारी ने वसूला.

जानकारी के अनुसार जिला परिवहन पदाधिकारी की ओर से डंपर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने से आक्रोशित हैं. इस कारण अपनी बात मनवाने को लेकर डंपर चालक और मालिक ने मिलकर जामताड़ा रेलवे साइडिंग में जाम कर कोयले की ढुलाई ठप कर दी है. हालांकि डंपर के मालिक इस बात को छिपा रहे हैं और कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने डीजल के दाम की बढ़ोतरी की मांग को लेकर ही जाम किया है जबकि हकीकत में डीटीओ की कार्रवाई किए जाने के बाद डंपर से कोयले की ढुलाई ठप कर दी गई है.

ट्रांसपोर्टरों से होती है कोयले की ढुलाई

जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक चितरा कोलियरी से डंपर से कोयले की ढुलाई ट्रांसपोर्टरों से की जाती है. ट्रांसपोर्टरों के अधीन डंपर चलता है. चितरा प्रशासन ट्रांसपोर्टरों को कोयले ढुलाई के लिए टेंडर करती है. डंपर मालिकों को भुगतान करने का जिम्मा ट्रांसपोर्टरों का है.

चितरा कोलियरी और रेलवे प्रशासन को हो रहा नुकसान

कोयले की ढुलाई ठप होने से चितरा कोलियरी को और रेलवे प्रशासन को लाखों का प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है. लाखों की क्षति हो रही है. अक्सर चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से बिना नियम कानून का पालन किए ओवरलोड कोयले की ढुलाई को लेकर जब भी प्रशासन और पदाधिकारी की ओर से कार्रवाई की जाती है तो डंपर मालिक और चालक कोयले की ढुलाई ठप कर देते हैं और अपने आगे प्रशासन को झुकने को मजबूर करते हैं ताकि उनका यह धंधा चलता रहे.

जामताड़ा: रेलवे साइडिंग में डंपर चालकों ने कोयले से लदे डंपर को कांटा घर में जाम कर दिया है और कोयले की ढुलाई ठप कर दी है, जिससे रेलवे साइडिंग से कोयले का संप्रेषण का काम ठप पड़ गया है.

डंपर चालकों ने कांटा घर जाम कर कोयले की ढुलाई की ठप

डंपर चालक हड़ताल पर चले गए हैं जिससे रेलवे साइडिंग से कोयले का संप्रेषण का काम ठप पड़ गया है. बीती रात से कोयले लदे डंपर जामताड़ा रेलवे साइडिंग में खड़े हैं और कांटा घर में जाम लगा हुआ है. डंपर चालक और डंपर मालिक कोयले की ढुलाई नहीं कर रहे हैं. वे डीजल में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीजल की दर में बढ़ोतरी नहीं होने से वह ढुलाई करने में असमर्थ है.

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चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक होती है कोयले की ढुलाई

ईसीएल के चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है. फिर रेलवे साइडिंग से रेक से विभिन्न ताप घरों में भेजा जाता है. बताया जाता है कि करीब 200 की संख्या में डंपर से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई की जाती है.

बिना नियम कानून के की जाती है कोयले की ढुलाई

बताया जाता है कि चित्र फुलवारी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से हो रहे कोयले की ढुलाई के क्रम में रास्ते में कोयले की चोरी की जाती है. साथ ही अधिकतर डंपर के कागजात भी फेल रहते हैं, फिटनेस फेल रहता है. बिना नियम कानून के ताक में रखकर डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है, जिसे लेकर कई बार जिला प्रशासन और चितरा प्रशासन के बीच कार्रवाई करने और इस पर लगाम लगाने की भी पहल की गई है. आज तक इसमें नियम कानून में सुधार लाने के बजाय ओवरलोड और कोयले की चोरी का नियम कानून की परवाह किए बगैर कोयले की ढुलाई की जाती है.

जिला परिवहन विभाग ने तीन डंपर को पकड़ कर लगाया जुर्माना

बताया जाता है कि डंपर चालक और मालिकों के हड़ताल किए जाने के पहले जिला परिवहन विभाग ने डंपर वाहन चेकिंग अभियान चलाया था. इस चेकिंग अभियान के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी ने तीन डंपर को पकड़ा. पकड़े गए डंपर के खिलाफ ओवरलोड नियम कानून के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया गया. करीब 1 लाख से उपर जुर्माना जिला परिवहन पदाधिकारी ने वसूला.

जानकारी के अनुसार जिला परिवहन पदाधिकारी की ओर से डंपर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने से आक्रोशित हैं. इस कारण अपनी बात मनवाने को लेकर डंपर चालक और मालिक ने मिलकर जामताड़ा रेलवे साइडिंग में जाम कर कोयले की ढुलाई ठप कर दी है. हालांकि डंपर के मालिक इस बात को छिपा रहे हैं और कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने डीजल के दाम की बढ़ोतरी की मांग को लेकर ही जाम किया है जबकि हकीकत में डीटीओ की कार्रवाई किए जाने के बाद डंपर से कोयले की ढुलाई ठप कर दी गई है.

ट्रांसपोर्टरों से होती है कोयले की ढुलाई

जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक चितरा कोलियरी से डंपर से कोयले की ढुलाई ट्रांसपोर्टरों से की जाती है. ट्रांसपोर्टरों के अधीन डंपर चलता है. चितरा प्रशासन ट्रांसपोर्टरों को कोयले ढुलाई के लिए टेंडर करती है. डंपर मालिकों को भुगतान करने का जिम्मा ट्रांसपोर्टरों का है.

चितरा कोलियरी और रेलवे प्रशासन को हो रहा नुकसान

कोयले की ढुलाई ठप होने से चितरा कोलियरी को और रेलवे प्रशासन को लाखों का प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है. लाखों की क्षति हो रही है. अक्सर चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से बिना नियम कानून का पालन किए ओवरलोड कोयले की ढुलाई को लेकर जब भी प्रशासन और पदाधिकारी की ओर से कार्रवाई की जाती है तो डंपर मालिक और चालक कोयले की ढुलाई ठप कर देते हैं और अपने आगे प्रशासन को झुकने को मजबूर करते हैं ताकि उनका यह धंधा चलता रहे.

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