जामताड़ा: जामताड़ा के साइबर ठग अब बड़े-बड़े शहरों में बैठकर कर रहे हैं साइबर अपराध के धंधे को अंजाम दे रहे हैं. साइबर अपराध और साइबर ठगी के मामले में देशभर में बदनाम हो चुका जामताड़ा के साइबर ठग बड़े-बड़े शहरों में बैठकर लोगों के एटीएम, पासबुक किराए पर लेकर साइबर ठगी का धंधा चला रहे हैं और साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं.
जिसका खुलासा दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े जामताड़ा के साइबर ठग गिरोह के सदस्य ने किया है. बताया जाता है कि बीते 26 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने जामताड़ा के नसीम अंसारी नाम के एक साइबर ठग को दिल्ली में दर्जनों एटीएम और पासबुक के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में दिल्ली पुलिस को उसने बताया कि दिल्ली और हरियाणा के दर्जनों लोगों का एटीएम पासबुक 5000 किराए पर लेकर साइबर अपराध अंजाम देता था. लोगों को पैसे की निकासी कर लेता था, जिसकी निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने जामताड़ा के उसके अन्य साथी इकबाल रसीद को पकड़ा. दोनों को पुलिस जामताड़ा न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ दिल्ली ले गई. दिल्ली थाना में दर्ज है मामला दिल्ली पुलिस द्वारा इसके खिलाफ दिल्ली के बैकगपुर थाना में कांड संख्या अंकित किया गया है.
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बताया जाता है कि इसमें गिरोह में 4 सदस्य शामिल है, जिनके द्वारा यह धंधा किया जाता था. जिसमें से दो को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि दो की तलाश अभी भी जारी है. दिल्ली पुलिस के अनुसार इस गिरोह में 4 सदस्य हैं. जिसमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है और दो कि अभी भी बाकी है. जिसकी तलाश दिल्ली पुलिस को है, जामताड़ा साइबर थाना और नारायणपुर थाना के पुलिस ने दी जानकारी इस मामले में जामताड़ा साइबर थाना और नारायणपुर थाना की पुलिस से संपर्क किए जाने पर जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस 26 अगस्त को नसीम अंसारी और उसके साथी बाल रशीद को गिरफ्तार की थी. जिसे ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद न्यायालय से अपने साथ ले गई साइबर थाना के पुलिस और नारायणपुर थाना की पुलिस द्वारा बताया गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा अन्य गिरोह के 2 साथी की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं है. इस बारे में कोई जानकारी थी.
जामताड़ा साइबर अपराध के मामले में पूरे देश में चर्चित है. जामताड़ा के साइबर ठग का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है. यही कारण है कि देश के अन्य राज्यों की पुलिस साइबर अपराध की तलाश में जामताड़ा पहुंचती रहती है. पुलिस जब तक साइबर अपराध तक टेक्निक के माध्यम से पहुंचने का प्रयास करती है. तब तक साइबर अपराधी दूसरे टेक्निक इस्तेमाल का साइबर अपराध को अंजाम देने में लग जाते हैं.