जामताड़ा: पूर्व सांसद वरीय कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी ने मंगलवार को दो मुद्दों को लेकर गोड्डा बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर निशाना साधा है. निशिकांत दुबे की ओर से बाबा मंदिर खुलवाने की मांग को फुरकान अंसारी ने नाटक बताया है. इसके अलावा महुआ मोइत्रा पर निशिकांत दुबे की ओर से लगाया गया 'बिहारी गुंडा' का इल्जाम झूठा साबित होने के बाद नाराजगी जताई है.
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महुआ मोइत्रा पर इल्जाम गलत
कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 'उन्होंने बंगाल सासंद महुआ मोइत्रा पर सदन में 'बिहारी गुंडा' कहे जाने का आरोप लगाया, जोकि गलत है. जब निशिकांत दुबे लोकसभा की कार्यवाही में मौजूद ही नहीं थे, तो उन्होंने कब सांसद को 'बिहारी गुंडा' कहते सुन लिया. वो एक पढ़ी-लिखी महिला हैं, सभ्य हैं. वो ऐसा कह ही नहीं सकतीं. वो अभद्र भाषा का प्रयोग कर ही नहीं सकतीं. उनपर झूठा इल्जाम लगाकर बीजेपी वाले उन्हें नीचा दिखाना चाहते हैं. प. बंगाल में काफी संख्या में बिहारी लोग रहते हैं, कहीं किसी को कोई तकलीफ नहीं होती.'
बाबा मंदिर खुलवाने की मांग नाटक- फुरकान अंसारी
वहीं, पूजा के लिए बाबा मंदिर खुलवाने को लेकर निशिकांत दुबे की मांग को फुरकान अंसारी ने नाटक बताया है. फुरकान अंसारी ने कहा है कि बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने पर रोक का फैसला केंद्र सरकार का है. निशिकांत दुबे कभी राज्यपाल, तो कभी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जा रहे हैं. सांसद निशिकांत दुबे को प्रधानमंत्री के पास जाना चाहिए था और मंदिर पूजा-पाठ के लिए खुलवाना चाहिए था.
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जब सदन में पहुंचे नहीं, तो इल्जाम कैसा?
29 जुलाई को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि टीएमसी को सभी हिंदी भाषी लोगों से एलर्जी है, इसलिए उन्होंने (महुआ मोइत्रा) उन्हें 'बिहारी गुंडा' कहा. यह बिहार के स्वाभिमान पर हमला है. उन्होंने सभी तथ्य अध्यक्ष को सौंप दिए हैं. उन्हें (महुआ मोइत्रा) माफी मांगनी चाहिए. वहीं इस मामले को लेकर महुआ मोइत्रा का कहना है कि इस बारे में जानकर वे हैरान हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, नाम-पुकारने के आरोपों से थोड़ा हैरान हूं. जो मौजूद ही नहीं था, उसे मैं कैसे नाम दूं. उपस्थिति पत्रक की जांच करें.