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धड़ल्ले से हो रही कोयले की तस्करी, सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना

जामताड़ा में चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई के दौरान चोरी का मामला सामने आया है. जिसमें कोयले की तस्करी की जा रही है. मामले की जानकारी होने के बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.

कोयले की तस्करी
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Published : Sep 12, 2019, 10:46 PM IST

जामताड़ा: जिले में धड़ल्ले से कोयले की चोरी कर तस्करी की जा रही है. एसपी माइंस चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई होती है. इस दौरान रास्ते में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी कर तस्करी का धंधा किया जा रहा है. जानकारी होने के बावजूद प्रबंधक और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं.

देखें पूरी खबर

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चितरा कोलियरी का रेलवे साइडिंग जामताड़ा में स्थित है. जहां सैकड़ों की संख्या में डंपर से कोयले की ढुलाई होती है. ढुलाई के दौरान चितरा से जामताड़ा तक के रास्ते में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी की जाती है. जिससे सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से चितरा के आसपास डिपो भी चलता है. जिससे कोयले की तस्करी की जाती है.

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अधिकतर डंपर की जांच नहीं की जाती. वहीं ओवरलोड कोयले की ढुलाई भी होती है. जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन जिला परिवहन विभाग ने भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. इस बारे में जब जिला के उपायुक्त से पूछा गया तो उन्होंने परिवहन पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की बात कही.

जिला रास्ता होने का चोर उठाते हैं फायदा

मामले में ईसीएल चितरा कोलियरी के प्रबंधक ने बताया कि जामताड़ा और देवघर जिला रास्ता होने के कारण चोर इसका फायदा उठाते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई हेतु लिखा गया है, ताकि संयुक्त रूप से इस पर कार्रवाई की जा सके.

जामताड़ा: जिले में धड़ल्ले से कोयले की चोरी कर तस्करी की जा रही है. एसपी माइंस चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई होती है. इस दौरान रास्ते में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी कर तस्करी का धंधा किया जा रहा है. जानकारी होने के बावजूद प्रबंधक और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं.

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चितरा कोलियरी का रेलवे साइडिंग जामताड़ा में स्थित है. जहां सैकड़ों की संख्या में डंपर से कोयले की ढुलाई होती है. ढुलाई के दौरान चितरा से जामताड़ा तक के रास्ते में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी की जाती है. जिससे सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से चितरा के आसपास डिपो भी चलता है. जिससे कोयले की तस्करी की जाती है.

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अधिकतर डंपर की जांच नहीं की जाती. वहीं ओवरलोड कोयले की ढुलाई भी होती है. जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन जिला परिवहन विभाग ने भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. इस बारे में जब जिला के उपायुक्त से पूछा गया तो उन्होंने परिवहन पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की बात कही.

जिला रास्ता होने का चोर उठाते हैं फायदा

मामले में ईसीएल चितरा कोलियरी के प्रबंधक ने बताया कि जामताड़ा और देवघर जिला रास्ता होने के कारण चोर इसका फायदा उठाते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई हेतु लिखा गया है, ताकि संयुक्त रूप से इस पर कार्रवाई की जा सके.

Intro:जामताङा: एसपी माइंस चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंफर द्वारा कोयले की ढुलाई के क्रम में रास्ते में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी कर तस्करी का धंधा किया जा रहा है। सरकार का करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है ।लेकिन प्रबंधक और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।


Body:चितरा कोलियरी का रेलवे साइडिंग जामताड़ा में स्थित है ।जहां सैकड़ों की संख्या में डंफर से कोयले की ढुलाई होती है। फिर रेलवे रैक से कोयले का संप्रेषण का कार्य होता है। कहते हैं कि चितरा से जामताड़ा तक रास्ते में बड़े पैमाने पर डंफर से कोयले की ढुलाई के के क्रम में चोरी की जाती है। पानी पत्थर से मेकअप कर दिया जाता है। स्थानीय जानकार लोग बताते हैं कि चितरा और जामताड़ा के बीच कोयले ढूलाई के क्रम में बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी होती है ।अवैध रूप से चितरा के आसपास डिपो भी चलता है ।जहां कोयला तस्करी की जाती है और सरकार का करोड़ों रुपए का राजस्व का चोरी किया जाता है।
बाईट पशुपति देव 1974 चेतना मंच के अध्यक्ष।

V2 चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग ट्रक ट्रांसपोर्ट द्वारा कोयले का डंफर से कोयले की धुलाई किया जाता है। जिसमें त्रिपाल ढक कर ढूलाई करना है ।लेकिन नहीं किया जाता है। लेकिन ई चालान भी निर्गत नहीं किया जाता है। बिना नियम कानून ताक में रखकर कोयले की ढुलाई की जाती है। बताया जाता है अधिकतर डंपर बिना कागज के अनफिट रहता है ओवरलोड कोयले की ढुलाई भी होती है लेकिन जिला परिवहन विभाग आज तक जांच कर कार्रवाई करना उचित नहीं समझता है ।जिससे आए दिन दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है ।इस बारे में जब जिला के उपायुक्त से पूछा गया तो जिला के उपायुक्त ने परिवहन पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की बात कही।
बाईट गणेश कुमार उपायुक्त जामताड़ा।

V3 चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग के क्रम में आधा देवघर जिला और आधा जामताड़ा जिला का रास्ता पड़ता है। जिसका कि फायदा कोयला माफिया उठाते हैं। काले कारनामे में एक गिरोह सक्रिय है। जिसके द्वारा इस काले कारनामे को अंजाम दिया जाता है। डंपर से कोयले की हो रही चोरी और तस्करी के बारे में जब ईसीएल चितरा कोलियरी के प्रबंधक से संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने कोयले की हो रही तस्करी के बारे की बात खुद स्वीकार की। उन्होंने बताया कि जामताड़ा और देवघर जिला का रास्ता होने के कारण इसका फायदा कोयला चोर उठाते हैं ।चितरा कोलियरी के प्रबंधक ने कहा कि दोनों जिला के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई हेतु लिखा गया है। ताकि संयुक्त रूप से इस पर कार्रवाई की जा सके
बाईट अमिताभ कुमार प्रबंधक चित्रा कोलावेरी।


Conclusion:बाहर हाल चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की चोरी का धंधा वर्षों से चल रहा है ।जिसका उच्च स्तरीय जांच किया जाए तो ।बहुत बड़ा खुलासा और घपला उजागर होने की संभावना है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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