जामताड़ा: जिले में सरकार की ओर से नौनिहालों का भविष्य संवारने, उन्हें अच्छे पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं. लेकिन आधे आंगनबाड़ी केंद्रों के अपने भवन नहीं हैं. वे जैसे-तैसे संचालित किए जा रहे हैं. जहां भवन हैं, वहां शौचालय और पानी की व्यवस्था नहीं है, अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हो चुके हैं. साफ सफाई की व्यवस्था भी यहां नहीं है.
सर्खेलडीह के आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नहींजामताड़ा के सर्खेलडीह का आंगनबाड़ी केंद्र इसका नमूना है. आंगनबाड़ी के सेविका उर्मिला देवी बताती हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है. स्कूल के एक बरामदे से यहां आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जाता है. यहां 22 बच्चे पंजीकृत हैं, जिनको बरामदे में किसी तरह खाना बना कर खिलाया और पढ़ाया जाता है. भवन के लिए कई बार सूचना पदाधिकारी को दी गई है, लेकिन आज तक न भवन बना है न कहीं कोई स्थाई जगह ही मिली.
नामूपारा के आंगनबाड़ी केंद्र भवन से छत से टपकता है पानीजामताड़ा के नामूपारा में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन है. यहां दलित वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है. जिनके बच्चे इस आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ते हैं. इस आंगनबाड़ी केंद्र का भवन इतना खस्ताहाल है कि बरसात में छत से पानी टपकता है. इस भवन में न शौचालय है और न पानी की व्यवस्था है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय पानी की व्यवस्था नहीं है. बच्चे शौचालय के लिए इधर-उधर टहलते हैं.
क्या कहती हैं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारीआंगनबाड़ी केंद्रों के हाल को लेकर जब जिला के समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती स्नेह कश्यप से पूछा गया तो समाज कल्याण पदाधिकारी की ओर से बताया गया कि जिले में कुल 1189 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इसमें मात्र 676 आंगनबाड़ी केंद्र के अपने भवन हैं. 113 भवन का निर्माण कार्य मनरेगा से चल रहा है. 582 आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय है. समाज कल्याण पदाधिकारी की ओर से ये बताया गया कि जहां भवन नहीं हैं, शौचालय नहीं है, इसके लिए सरकार को आवंटन के लिए लिखा गया है.
ये भी पढ़ें- लालू यादव के जल्द स्वस्थ होने की दीपक प्रकाश ने की कामना, कहा- स्वस्थ होकर देश सेवा में दें अपना योगदान
जामताड़ा में कई आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल बनाया गया है. वह भी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन कंपनी की ओर से लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर गंभीर नहीं हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को मिलने वाली शिक्षा पौष्टिक आहार को लेकर भी कई बार सवाल उठते रहे हैं.