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कोरोना का कहर: समय पर नहीं मिलती लोगों को एंबुलेंस सेवा, मनमाने तरीके से हो रहा संचालन

जामताड़ा में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच लोगों को समय पर एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही है. समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से लोगों को या तो निजी वाहन से या अन्य गाड़ी से मरीजों को अस्पताल लेकर जाना पड़ता है. 108 एंबुलेंस के अलावा शव वाहन और कई सरकारी एंबुलेंस सेवा के लिए व्यवस्था की गई है. जिसमें से अधिकतर सरकारी एंबुलेंस खराब हैं.

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Published : May 21, 2021, 5:20 PM IST

Ambulance service is not available to people in Jamtara
जामताड़ा में समय पर नहीं मिलती लोगों को एंबुलेंस की सेवा

जामताड़ा: कोरोना संक्रमण काल में लोगों को जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही है. समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से लोग या तो निजी वाहन से या फिर अन्य वाहन से मरीज को अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं. समय पर लोगों को एंबुलेंस सेवा मिले इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में लोगों में नाराजगी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- तैयारी ऐसी तो भगवान भरोसे भी कोरोना से नहीं बचेंगे लोग, रेलवे स्टेशन के बाहर उड़ती है गाइडलाइन की धज्जियां


समय पर नहीं मिलती एंबुलेंस सेवा
कोरोना महामारी संक्रमण के बीच जरूरतमंद कोविड मरीजों को निशुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराना है, लेकिन जिले में लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है. जिससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अन्य साधन से मरीजों को अस्पताल ले जाते हैं परिजन
समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर कई बार मरीजों की रास्ते में ही जान चली जाती है. कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस और गाड़ी नहीं मिलने पर मरीजों को उसके परिजन ठेला या रिक्शा पर ले जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. फिर भी प्रशासन नहीं चेत रहा है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में आदिवासियों का है बुरा हाल!, नहीं है एंबुलेंस की व्यवस्था, खटिया से ग्रामीण ले जाते हैं शव

निजी काम में उपयोग लाने का लगाया आरोप
इस मामले पर भाजपा के जिला अध्यक्ष विनोद झत्री ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने विधायक और सांसद निधि से सामाजिक संगठनों को उपलब्ध कराए गए एंबुलेंस का उपयोग निजी काम में लाने का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 108 और सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था
कहने के लिए तो जामताड़ा जिले में स्वास्थ विभाग की ओर से 108 एंबुलेंस के अलावा शव वाहन और कई सरकारी एंबुलेंस सेवा के लिए है. हालांकि इनमें से अधिकतर सरकारी एंबुलेंस खराब पड़े हैं. देखरेख के अभाव में मरम्मत नहीं होने के कारण कई एंबुलेंस खराब पड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ें:कोडरमा बाल गृह से फरार तीन नाबालिग बच्चे पटना से बरामद, CCTV फुटेज से मिली मदद

सांसद विधायक निधि से करीब 14 एंबुलेंस

बताया जाता है कि जामताड़ा में सांसद विधायक निधि से विभिन्न सामाजिक संगठनों को करीब 14 एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. इसका रेट वे खुद निर्धारित करते हैं. सांसद विधायक निधि से दिए गए सामाजिक संगठनों को एंबुलेंस में एक-दो ही एंबुलेंस सेवा का लाभ मिलते बाजार में देखा जाता है. बाद बाकी एंबुलेंस का कोई पता ही नहीं है.

एंबुलेंस पर प्रशासन का नहीं है कोई नियंत्रण
निजी और सांसद विधायक निधि से दिए गए सामाजिक संगठनों के एंबुलेंस सेवा पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है ना ही इनकी कोई निगरानी की जाती है. अपनी एंबुलेंस सेवा को समाजिक संगठन मनमानी तरीके से संचालित करते हैं. अपने स्तर से पैसा और रेट निर्धारित करते हैं.


एंबुलेंस सेवा पर निगरानी के लिए प्रशासन ने बनाया नोडल पदाधिकारी
एंबुलेंस संचालकों की ओर कोविड में सेवा देने में आनाकानी करने और मनमाना किए जाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई के लिए जामताड़ा के अंचल अधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया है. ताकि लोगों को सुलभ तरीके से एंबुलेंस सेवा उपलब्ध हो. मरीजों से अधिक पैसे वसूल नहीं किए जाए इसे लेकर भी नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

क्या कहते हैं नोडल पदाधिकारी
जामताड़ा के अंचलाधिकारी एंबुलेंस की निगरानी और कार्रवाई को लेकर बनाए गए नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कोविड में मरीजों को 108 और सरकारी एंबुलेंस सेवा निशुल्क दी जा रही है. इसके अलावा सांसद विधायक निधि से जो एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई है उस पर निगरानी रखी जा रही है. अगर किसी की ओर से मनमाना किराया वसूला जाता है या फिर सेवा देने में कोताही बरती जाती है तो तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जामताड़ा: कोरोना संक्रमण काल में लोगों को जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही है. समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से लोग या तो निजी वाहन से या फिर अन्य वाहन से मरीज को अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं. समय पर लोगों को एंबुलेंस सेवा मिले इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में लोगों में नाराजगी है.

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समय पर नहीं मिलती एंबुलेंस सेवा
कोरोना महामारी संक्रमण के बीच जरूरतमंद कोविड मरीजों को निशुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराना है, लेकिन जिले में लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है. जिससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

अन्य साधन से मरीजों को अस्पताल ले जाते हैं परिजन
समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर कई बार मरीजों की रास्ते में ही जान चली जाती है. कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस और गाड़ी नहीं मिलने पर मरीजों को उसके परिजन ठेला या रिक्शा पर ले जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. फिर भी प्रशासन नहीं चेत रहा है.

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निजी काम में उपयोग लाने का लगाया आरोप
इस मामले पर भाजपा के जिला अध्यक्ष विनोद झत्री ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने विधायक और सांसद निधि से सामाजिक संगठनों को उपलब्ध कराए गए एंबुलेंस का उपयोग निजी काम में लाने का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 108 और सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था
कहने के लिए तो जामताड़ा जिले में स्वास्थ विभाग की ओर से 108 एंबुलेंस के अलावा शव वाहन और कई सरकारी एंबुलेंस सेवा के लिए है. हालांकि इनमें से अधिकतर सरकारी एंबुलेंस खराब पड़े हैं. देखरेख के अभाव में मरम्मत नहीं होने के कारण कई एंबुलेंस खराब पड़े हुए हैं.

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सांसद विधायक निधि से करीब 14 एंबुलेंस

बताया जाता है कि जामताड़ा में सांसद विधायक निधि से विभिन्न सामाजिक संगठनों को करीब 14 एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. इसका रेट वे खुद निर्धारित करते हैं. सांसद विधायक निधि से दिए गए सामाजिक संगठनों को एंबुलेंस में एक-दो ही एंबुलेंस सेवा का लाभ मिलते बाजार में देखा जाता है. बाद बाकी एंबुलेंस का कोई पता ही नहीं है.

एंबुलेंस पर प्रशासन का नहीं है कोई नियंत्रण
निजी और सांसद विधायक निधि से दिए गए सामाजिक संगठनों के एंबुलेंस सेवा पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है ना ही इनकी कोई निगरानी की जाती है. अपनी एंबुलेंस सेवा को समाजिक संगठन मनमानी तरीके से संचालित करते हैं. अपने स्तर से पैसा और रेट निर्धारित करते हैं.


एंबुलेंस सेवा पर निगरानी के लिए प्रशासन ने बनाया नोडल पदाधिकारी
एंबुलेंस संचालकों की ओर कोविड में सेवा देने में आनाकानी करने और मनमाना किए जाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई के लिए जामताड़ा के अंचल अधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया है. ताकि लोगों को सुलभ तरीके से एंबुलेंस सेवा उपलब्ध हो. मरीजों से अधिक पैसे वसूल नहीं किए जाए इसे लेकर भी नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

क्या कहते हैं नोडल पदाधिकारी
जामताड़ा के अंचलाधिकारी एंबुलेंस की निगरानी और कार्रवाई को लेकर बनाए गए नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कोविड में मरीजों को 108 और सरकारी एंबुलेंस सेवा निशुल्क दी जा रही है. इसके अलावा सांसद विधायक निधि से जो एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई है उस पर निगरानी रखी जा रही है. अगर किसी की ओर से मनमाना किराया वसूला जाता है या फिर सेवा देने में कोताही बरती जाती है तो तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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